राजस्थान के राजवंश
प्रश्न 11 उदयपुर की लड़ाई (युद्ध) कब हुई -
(अ) 1670
(ब) 1580
(स) 1680
(द) 1760
व्याख्या :
उदयपुर की लड़ाई (युद्ध) वर्ष 1680 में हुई थी। यह युद्ध औरंगजेब और मेवाड़ के मध्य हुआ था।
प्रश्न 12 निम्नलिखित में से कौन-सी रचना ‘महाराणा कुंभा’ द्वारा रचित नहीं है -
(अ) सुधा प्रबंध
(ब) संगीत रत्नाकर
(स) संगीत राज
(द) संगीत सार
व्याख्या :
कुम्भा स्वयं विद्वान थे और अनेक विद्वानों और लेखकों के संरक्षक थे। उन्होंने अनेक ग्रन्थों की रचना की जिनमें ‘संगीत राज’, ‘संगीत मीमांसा’, ‘सूद प्रबन्ध’ प्रमुख हैं। ऐसी मान्यता है कि कुम्भा ने चण्डीशतक की व्याख्या, गीतगोविन्द की टीका रसिकप्रिया और संगीतरत्नाकर की टीका लिखी थी।
प्रश्न 13 उदयपुर की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी -
(अ) 1559, महाराणा उदय सिंह प्रथम
(ब) 1559, महाराणा उदय सिंह द्वितीय
(स) 1558, महाराणा उदय सिंह प्रथम
(द) 1558, महाराणा उदय सिंह द्वितीय
व्याख्या :
मेवाड़ की राजधानी उदयपुर की स्थापना 1559 में महाराणा उदयसिंह ने की।
प्रश्न 14 अरब यात्री सुलेमान ने किस प्रतिहार राजा के शासनकाल में भारत की यात्रा की -
(अ) नागभट्ट द्वितीय
(ब) नागभट्ट प्रथम
(स) वत्सराज
(द) भोज प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के समान नागभट्ट द्वितीय ने भी अरबों को पराजित किया और उनके दुर्ग छीन लिये। गुहिल हर्ष ने अरबों से घोड़े वसूल कर उन्हें प्रतिहार सम्राट भोज प्रथम को समर्पित किये थे। भोज के समय ही अरब यात्री सुलेमान भारत आया था। RPSC ने वत्सराज को सही माना है।
प्रश्न 15 अजमेर का पराक्रमी चौहान शासक जिसने दिल्ली पर विजय प्राप्त कर उसे अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वह था -
(अ) विग्रहराज चतुर्थ
(ब) अर्णोराज
(स) अजयराज
(द) पृथ्वीराज तृतीर्य
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ (1153-63 ई.) असाधारण क्षमता का कुशल शासक था। उसने गुजरात के कुमारपाल को हराकर अपने पिता का बदला लिया। इस शक्तिशाली शासक ने दिल्ली पर पुनः अधिकार करके हाँसी को भी जीत लिया। तुर्कों के विरुद्ध भी उसने अनेक युद्ध किए और उन्हें आगे बढने से रोकने में समर्थ रहा। उसके साम्राज्य में पंजाब, राजपूताना तथा पश्चिमी उत्तरप्रदेश के अधिकांश भाग शामिल थे।
प्रश्न 16 राव मालदेव के सम्बंध में कौनसा एक कथन सही नहीं है।
(अ) राव मालदेव ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया।
(ब) 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान मालदेव ने बहादुरशाह की सहायता की।
(स) उसके सेनापति जैता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुमेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए
(द) राव मालदेव ने जैसलमेर के राव लूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया
व्याख्या :
राव मालदेव(1531-1562) ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया। इसने 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान विक्रमादित्य की सहायता की। 1536 में राव मालदेव ने जैसलमेर के राव तूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया जो इतिहास में रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध है। माल देव के श्वसुर तृणकरण के षड़यंत्र के बाद मालदेव एवं उमादे के सम्बंध बिगड़ गए थे और वह अजमेर के तारागढ़ में जाकर रहने लगी थी। उसके सेनापति जेता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुगेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए।
प्रश्न 17 निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-उपनाम / तथ्य मेवाड़ का शासक A. राजस्थान का भीष्म पितामह 1. बप्पा रावल B. हिंदूपत 2. राणा सांगा C. विषमघाटी पंचानन 3. राव चूड़ा D. मेवाड़ का चार्ल्स मार्टल 4. राणा हम्मीर
(अ) A-1, B-2, C-3, D-4
(ब) A-3, B-2, C-4, D-1
(स) A-2, B-3, C-4, D-1
(द) A-3, B-2, C-1, D-4
व्याख्या :
राजस्थान का भीष्म पितामह राव चूड़ा को कहा जाता है क्योंकि मेवाड़ के रणमल की बहन हंसा बाई का विवाह लाखा के पुत्र चूड़ा के साथ होना था मगर परिस्थितिवश यह विवाह लाखा के साथ संपन्न हो गया। शर्त थी कि हंसाबाई का पुत्र ही मेवाड़ का उत्तराधिकारी होगा। इसीलिए चूँडा को उत्तराधिकार से वंचित होना पड़ा। राणा सांगा को हिंदूपत कहा जाता है।
प्रश्न 18 मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा बीकानेर के महाराजा रायसिंह को कितनी मनसब प्रदान की गयी थीं -
(अ) चार हजार पाँच सौ
(ब) पाँच हजार
(स) छः हजार
(द) चार हजार
व्याख्या :
अकबर ने रायसिंह को 4000 का मनसबदार बनाया। जहांगीर के शासनकाल में 5000 की मनसबदारी मिली।
प्रश्न 19 निम्नलिखित युद्धों पर विचार कीजिये:
1. खानवा का युद्ध
2. हल्दीघाटी का युद्ध
3. सारंगपुर का युद्ध 4. दिवेर का युद्ध
इन युद्धों का सही कालानुक्रम है:
(अ) 1, 3, 4 व 2
(ब) 2, 1, 4 व 3
(स) 3, 1, 2 व 4
(द) 4, 2, 3 व 1
व्याख्या :
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के राणा, महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेना का समर्थन करने वाले घुड़सवार और धनुर्धारियों के बीच लड़ा गया युद्ध था, जिसका नेतृत्व अंबर के मान सिंह प्रथम ने किया था।
खानवा का युद्ध वर्ष 1527 में लड़ा गया था।यह मुगल सम्राट बाबर और मेवाड़ के राजपूत राजा राणा सांगा के बीच लड़ा गया था।
सारंगपुर का युद्ध राणा कुम्भा एवं मांडू के सुल्तान महमूद खिलजी के मध्य 1437 ई. में हुआ था। इस युद्ध में राणा कुम्भा की विजय हुई थी। दिवेर का युद्ध 1582 में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप और अकबर के बीच लड़ा गया था।
प्रश्न 20 प्रतिहार एवं पाल शासकों पर अपनी विजय की खुशी में ध्रुव ने गंगा व यमुना के चिह्नों को सम्मिलित किया-
(अ) राष्ट्रकूट कुल चिह्न (एम्बलम) में
(ब) चोल कुल चिह्न (एम्बलम) में
(स) चन्देल कुल चिह्न (एम्बलम) में
(द) पाल कुल चिह्न (एम्बलम) में
page no.(2/114)