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8 October 2021

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021

दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट को प्रदर्शित करने वाले 'हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2021' में भारत को 90वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। ‘हेनले पासपोर्ट इंडेक्स’ दुनिया के सभी पासपोर्टों की मूल रैंकिंग है, जो यह बताता है कि किसी एक विशेष देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना पूर्व वीज़ा के यात्रा कर सकता है। यह इंडेक्स मूलतः डॉ. क्रिश्चियन एच. केलिन (हेनले एंड पार्टनर्स के अध्यक्ष) द्वारा स्थापित किया गया था और इसकी रैंकिंग ‘इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ (IATA) के विशेष डेटा पर आधारित है, जो अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की जानकारी का दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सटीक डेटाबेस प्रदान करता है। इसे वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया था और इसमें 199 देशों के पासपोर्ट शामिल हैं। इस वर्ष की रैंकिंग में जापान और सिंगापुर को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है तथा इन देशों के पासपोर्ट धारकों को 192 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा करने की अनुमति है, जबकि दक्षिण कोरिया और जर्मनी दूसरे स्थान पर हैं। यह लगातार तीसरी बार है जब जापान ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। वहीं इस रैंकिंग में अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, पाकिस्तान और यमन सबसे कम शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देश हैं। भारत इस रैंकिंग में 90वें स्थान पर पहुँच गया है और भारत के पासपोर्ट धारकों को कुल 58 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा करने की अनुमति है। ज्ञात हो कि भारत ताजिकिस्तान और बुर्किना फासो के साथ रैंक साझा कर रहा है। जनवरी 2021 के सूचकांक में भारत 85वें, 2020 में 84वें और 2019 में 82वें स्थान पर था।

पालघर के प्रसिद्ध वाडा कोलम चावल को मिला जीआई टैग

पालघर (Palghar) जिले के वाडा (Wada) में व्यापक रूप से उगाए जाने वाले चावल की एक किस्म को 'भौगोलिक संकेत' टैग दिया गया है, जो इसे एक विशिष्ट पहचान के साथ-साथ व्यापक बाजार भी देगा। वाडा कोलम, जिसे ज़िनी (Zini) या झिनी चावल (Jhini rice) के नाम से भी जाना जाता है, पालघर की वाडा तहसील में उगाई जाने वाली एक पारंपरिक किस्म है, जिसका दाना सफेद रंग का होता है। वाडा कोलम चावल की घरेलू बाजारों में कीमत 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम है और विदेशों में भी इसकी अच्छी मांग है। वाडा कोलम पालघर में वर्षों से उगाया जाता रहा है। यह अपने छोटे दाने, सुगंध, स्वाद और पाचन के लिए हल्का होने के लिए जाना जाता है। यह ग्लूटेन मुक्त (gluten-free) होता है। हालांकि, यह कम उपज देने वाली फसल है।

साहित्य के नोबेल पुरस्कार 2021 की घोषणा

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2021 में ज़ांज़ीबार (Zanzibar) में पैदा हुए और इंग्लैंड में सक्रिय अब्दुलरज़क गुरनाह (Abdulrazak Gurnah) को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाड़ी में शरणार्थी के भाग्य के लिए उनकी अडिग और करुणामय पैठ के लिए प्रदान किया गया। साहित्य में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा प्रदान किया जाता है। तंजानिया के उपन्यासकार का जन्म 1948 में ज़ांज़ीबार में हुआ था और तब से वह यूके और नाइजीरिया में रहते हैं। वह अंग्रेजी में लिखते हैं, और उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास पैराडाइज (Paradise) है, जिसे 1994 में बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था। गुरनाह वर्तमान में यूके में रहते हैं और केंट विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाते हैं। कुछ समय पहले तक, वह केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे और दस उपन्यास और कई लघु कथाएँ प्रकाशित कर चुके हैं।

पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध सर्किट विकास के लिये 325.53 करोड़ रुपए लागत की 5 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी

हाल ही में स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध सर्किट विकास के लिये 325.53 करोड़ रुपए लागत की 5 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। इसने केंद्र सरकार की देखो अपना देश पहल के हिस्से के रूप में एक बौद्ध सर्किट ट्रेन एफएएम टूर का भी आयोजन किया है। इस दौरे में बिहार में गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा और उत्तर प्रदेश में सारनाथ-वाराणसी गंतव्य शामिल हैं। स्वदेश दर्शन केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिये शुरू किया गया था। इस योजना की परिकल्पना अन्य योजनाओं जैसे- स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिये की गई है। इस योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय सर्किट के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) प्रदान करता है। इस योजना के उद्देश्यों में से एक एकीकृत तरीके से उच्च पर्यटक मूल्य, प्रतिस्पर्द्धा और स्थिरता के सिद्धांतों पर थीम आधारित पर्यटक सर्किट विकसित करना है।

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व के रूप में नामित किया

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व के रूप में नामित किया है। NTCA पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 2005 में बाघ संरक्षण को मज़बूटी प्रदान करने के लिये की गई थी। यह मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित है। इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V(1) के तहत मंज़ूरी दी गई थी। उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती रिज़र्व के बाद छत्तीसगढ़ में यह चौथा टाइगर रिज़र्व होगा। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान देश में एशियाई चीतों का अंतिम ज्ञात निवास स्थान था। यह झारखंड और मध्य प्रदेश को जोड़ता है तथा बाघों की आवाजाही के लिये बांधवगढ़ (मध्य प्रदेश) एवं पलामू टाइगर रिज़र्व (झारखंड) के बीच एक गलियारा प्रदान करता है। तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले में स्थित है। इसका नाम तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला के नाम पर रखा गया है।

आंध्र सरकार ने शुरू किया 'स्वच्छा' कार्यक्रम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी जल्द ही राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु 'स्वच्छा' कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इस पहल के तहत राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों में 7वीं-12वीं तक की कक्षा में पढ़ने वाली लगभग 10 लाख किशोरियों को प्रतिमाह दस सैनिटरी नैपकिन प्रदान किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सभी ‘वाईएसआर चेयुथा स्टोर्स’ में सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार यूनिसेफ, ‘वाश’ (WASH) और ‘पीएंडजी’ (P&G) जैसे संगठनों के साथ साझेदारी में मासिक धर्म और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के महत्त्व पर विशेष जागरूकता कक्षाएँ भी आयोजित करेगी। ध्यातव्य है कि विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत में लगभग 23 प्रतिशत छात्राओं की सैनिटरी नैपकिन तक पहुँच नहीं है, जबकि स्कूलों एवं कॉलेजों में उचित सुविधाओं और बुनियादी अवसंरचनाओं की कमी भी इस संबंध में एक बड़ी चुनौती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा - सरकार का लक्ष्‍य हर जिले में कम से कम एक म‍ेडिकल कॉलेज और हर राज्‍य में एक एम्‍स की स्‍थापना करना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्‍तराखंड के ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में आयोजित समारोह में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को राष्‍ट्र को समर्पित किया। इसके साथ ही देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों ने काम करना शुरू कर दिया है। इस अवसर पर कई केन्‍द्रीय मंत्री, उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल, मुख्‍यमंत्री, राज्‍य सरकार के मंत्री और चिकित्‍सा विशेषज्ञ मौजूद थे।

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कर्नाटक के चामराजनगर में साढे़ चार सौ बिस्‍तर वाले गर्वनमेंट टीचिंग होस्‍पीटल का उद्घाटन किया

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कर्नाटक के चामराजनगर जिले में चामराजनगर इंस्‍टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसस में चार सौ पचास बिस्‍तर वाले गर्वनमेंट टीचिंग होस्‍पीटल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं देश के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि यह अस्‍पताल चामराजनगर के जनजातीय इलाके में सेवाएं उपलब्‍ध कराने में मदद करेगा। इससे तमिलनाडु और केरल के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को भी लाभ मिलेगा। यह अस्‍पताल प्रत्‍येक वर्ष सात सौ पचास डॉक्‍टर और पैरामेडिकल स्‍टाफ प्रशिक्षित करेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले मलेरिया रोधी टीके की सिफारिश की

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले मलेरिया रोधी टीके की अनुमति दे दी है। संगठन ने कहा है कि वह उप-सहारा अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में बच्चों को मलेरिया रोधी टीका दिए जाने की सिफारिश कर रहा है। इन क्षेत्रों में पी. फैल्सिपैरम मलेरिया का संक्रमण मध्यम से उच्च स्तर पर पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेडरॉल अधनॉम ग्रेब्रेयसस ने कहा कि बच्चों के लिए मलेरिया के टीके की काफी लम्बे समय से प्रतीक्षा थी और यह विज्ञान, बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया नियंत्रण के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस टीके को मलेरिया की रोकथाम के अन्य मौजूदा उपायों के साथ उपयोग किया जाएगा। इससे प्रतिवर्ष लाखों बच्चों को बचाया जा सकेगा।

वित्तमंत्री सीतारमण ने असम के दीमा हसाओ जिले में 120 मेगावाट की लोवर कोपिली जल विद्युत परियोजना के लिए भूमि पूजन किया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने असम के दीमा हसाओ जिले में एक सौ बीस मेगावाट की लोवर कोपिली जल विद्युत परियोजना के लिए भूमि पूजन किया। मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त बिस्‍वा सरमा भी इस अवसर पर मौजूद थे। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि केंद्र और असम सरकार दीमा हसाओ जिले के विकास के लिए संकल्‍पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना का 77 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार जबकि 23 प्रतिशत लागत राज्य सरकार वहन करेगी। दो हजार दो सौ करोड़ रुपये की परियोजना का मुख्य उद्देश्य असम के लिए 120 मेगावाट बिजली पैदा करना है। इस परियोजना से दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग जिलों में सर्वांगीण विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।

भारत-यूके संयुक्त कंपनी स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण का छठा संस्करण, अभ्यास अजेय वारियर चौबटिया (उत्तराखंड) में शुरू

भारत - यूके संयुक्त कंपनी स्तर का सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास अजेय वारियर का छठा संस्करण उत्तराखंड के चौबटिया में शुरू हुआ है और दिनांक 20 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगा। यह अभ्यास मित्र विदेशी राष्ट्रों के साथ अंतर-संचालनीयता और विशेषज्ञता साझा करने की पहल का हिस्सा है। इस अभ्यास के दौरान भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री कंपनी और युनाइटेड किंगडम सेना की भी इतनी ही संख्या में सैन्य ताक़त अपने-अपने देशों में विभिन्न सैन्य अभियानों के संचालन के दौरान और विदेशी गतिविधियों के दौरान प्राप्त अपने अनुभवों को साझा करेगी। साथ में दोनों सेनाएं अपने विविध अनुभवों से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं।

एनटीपीसी ने अंतरराष्ट्रीय बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए 'इलेक्ट्रिसिटी डी फ्रांस एस.ए.' के साथ समझौता किया

बिजली क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास के क्रम में, मध्य पूर्व, एशिया, यूरोप और अफ्रीका में संभावित बिजली परियोजना के विकास के अवसर का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से, फ्रांस के पेरिस में स्थित विश्व की अग्रणी बिजली क्षेत्र की कंपनियों में से एक - ‘इलेक्ट्रिसिटी डी फ्रांस एस.ए.’ - (ईडीएफ) और भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा एकीकृत कंपनी -एनटीपीसी लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एनटीपीसी को प्लैट्स टॉप 250 ग्लोबल एनर्जी कंपनी रैंकिंग में दूसरे नंबर के इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (आईपीपी) के रूप में स्थान मिला है। यह समझौता ज्ञापन मध्य-पूर्व, यूरोप और अफ्रीका जैसे पारस्परिक हित के क्षेत्रों के निकट बिजली परियोजना के विकास के अवसरों का लाभ प्राप्त करने के लिए ईडीएफ, फ्रांस और भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी-एनटीपीसी के बीच सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

सड़क परिवहन मंत्रालय ‘अच्छे नागरिकों’ (Good Samaritans) के लिए योजना शुरू की

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 4 अक्टूबर, 2021 को “अच्छे नागरिकों” के लिए एक योजना शुरू की। यह योजना 15 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2026 तक चलेगी। इस योजना के तहत, दुर्घटना के ‘सुनहरे घंटे’ के भीतर व्यक्ति को अस्पताल ले जाने पर सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की जान बचाने वालों को प्रति दुर्घटना 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को आपात स्थिति में मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करने के लिए नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। नकद पुरस्कार के साथ प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। प्रत्येक मामले में पुरस्कार के अलावा, मंत्रालय “योग्यतम नागरिकों” (Most Worthy Good Samaritans) के लिए 10 राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी देगा। Most Worthy Good Samaritans का चयन उन लोगों में से किया जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है। प्रत्येक को 1,00,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नकद पुरस्कार देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभाग को 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अनुदान प्रदान करेगा। इंडिविजुअल गुड सेमेरिटन (Individual Good Samaritan ) को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जाएगा।

वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित परिवर्तन

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने वन कानूनों को उदार बनाने के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय ने प्रस्तावित संशोधनों को सभी राज्य सरकारों को भेजकर 15 दिनों के भीतर उनकी आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। राज्यों के सुझावों पर विचार करने के बाद मसौदा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और संसद के समक्ष रखा जाएगा। यह संशोधन अपराधों के लिए दंडात्मक प्रावधानों को बढ़ाकर, वन के संरक्षण के लिए कड़े मानदंडों को आगे बढ़ाता है। संशोधन “प्राचीन वनों” को बनाए रखने का भी प्रावधान करता है। किसी भी परिस्थिति में प्राचीन वनों के भीतर गैर-वानिकी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी। संशोधन के तहत; डीम्ड वन, जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा 1996 तक सूचीबद्ध किया गया है, को वन भूमि के रूप में माना जाता रहेगा। 1980 से पहले रेलवे और सड़क मंत्रालयों द्वारा अधिग्रहित भूमि, जिस पर वनों का निर्माण हुआ, को वन नहीं माना जाएगा।

अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल

भारतीय पहलवान अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वे पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। अंशु मलिक को 57 किग्रा विश्व कुश्ती चैंपियनशिप फाइनल में 2016 की ओलंपिक चैंपियन हेलेन लूसी मारोलिस के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि सरिता मोर 59 किग्रा में कांस्य पदक जीतने में सफल रही। सुशील कुमार (2010) भारत के एकमात्र विश्व चैंपियन हैं।

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