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8 January 2022

प्रधानमंत्री ने कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय मंत्री डॉ. सुभाष सरकार, श्री शांतनु ठाकुर, श्री जॉन बारला और श्री निसिथ प्रामाणिक उपस्थित थे। सीएनसीआई का दूसरा परिसर देश के सभी हिस्सों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उन्नयन की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप बनाया गया है। सीएनसीआई कैंसर रोगियों के भारी बोझ का सामना कर रहा था और कुछ समय से विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। दूसरे परिसर के जरिए इस जरूरत को पूरा किया जाएगा। सीएनसीआई का दूसरा परिसर 540 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है, जिसमें से लगभग 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा और बाकी पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 75:25 के अनुपात में प्रदान किए गए हैं। यह परिसर 460 बिस्तरों वाली व्यापक कैंसर केंद्र इकाई है जिसमें कैंसर निदान, मंचन, उपचार और देखभाल के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा है।

केन्द्रीय मंत्री डॉ जीतेन्द्र सिंह ने भारत के पहले ओपन रॉक म्यूजियम का उद्घाटन किया, जिसमें भारत के विभिन्न भागों से 35 अलग-अलग प्रकार की चट्टानों का प्रदर्शन किया गया है, चट्टानों का समय काल 3.3 बिलियन वर्ष से लेकर 55 मिलियन वर्ष पूर्व का है

हैदराबाद के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत के पहले रॉक म्यूजियम का उद्घाटन किया और बाद में हैदराबाद के वैज्ञानिकों को सीएसआईआर-राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद में संबोधित किया। इस ओपन रॉक म्यूजियम को स्थापित करने के पीछे उद्देश्य लोगों को ऐसे कई तथ्यों से अवगत कराना है जिसके बारे में लोग अनजान हैं। इसमें भारत के विभिन्न भागों से इकठ्ठा की गई 35 अलग-अलग प्रकार की चट्टानों को प्रदर्शित किया गया है जिनका समय काल 3.3 बिलियन वर्ष से लेकर 55 मिलियन वर्ष पूर्व का है। यह चट्टानें धरती की सतह से लेकर 175 किलोमीटर तक की गहराई तक अलग-अलग स्तरों से ली गईं हैं।

केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता से संबंधित भारत और स्पेन के बीच समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता से संबंधित भारत और स्पेन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है। यह समझौता सीमा शुल्क संबंधी अपराधों की रोकथाम एवं जांच और सीमा शुल्क अपराधियों को पकड़ने के लिए उपलब्ध विश्वसनीय, त्वरित और लागत प्रभावी जानकारी एवं खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करेगा। यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सूचना साझा करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा और सीमा शुल्क कानूनों के उचित प्रशासन एवं सीमा शुल्क अपराधों की पहचान और जांच एवं वैध व्यापार की सुविधा प्रदान करने में सहायता करेगा।

इंडियनऑयल की सीएसआर पहल से पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में टीबी रोग के उन्मूलन में मदद मिलेगी

इंडियनऑयल ने उत्तर प्रदेश के 75 जिले तथा पंजाब में 23 जिले में शहर समन्वय समितियों, जिला स्वास्थ्य समितियों, तकनीकी सहायता समूहों, आदि के साथ एकीकृत और प्राथमिकता वाली पहल के माध्यम से एक सक्षम वातावरण प्रदान करके भारत में राष्ट्रीय टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का समर्थन करने का संकल्प किया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले तीन वर्षों तक हर साल उत्तर प्रदेश और पंजाब के सभी लोगों की स्क्रीनिंग और परीक्षण करना है। एक बार रोगियों को सूचित करने के बाद, उनका उपचार राष्ट्रीय टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार जारी रहेगा। टीबी रोग भारत की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बना हुआ है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में 'लापता' मामले होते हैं, जिनका पता नहीं लगाया जाता है या रिपोर्ट नहीं की जाती है। 2018 में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2030 के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) से पांच साल पहले, 2025 तक भारत में टीबी रोग का उन्मूलन करने का आह्वान किया था।

केवीआईसी ने किसानों और मधुमक्खी पालकों की सहायता के लिए नवोन्मेषी ‘‘मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन'' की शुरुआत की

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के सिरोरा गांव में देश की पहली मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन लांच की। मोबाइल वैन का डिजाइन 15 लाख रूपये की लागत से केवीआईसी ने अपने बहुविषयक प्रशिक्षण केंद्र, पंजोखेड़ा में आंतरिक रूप किया है। यह मोबाइल हनी प्रोसेसिंग यूनिट 8 घटों में 300 किग्रा तक शहद का प्रसंस्करण कर सकती है। यह वैन जांच प्रयोगशाला से भी सुसज्जित है जो तत्काल शहद की गुणवत्ता की जांच कर सकती है। शहद उत्पदन के जरिये प्रधानमंत्री के ‘‘ मीठी क्रांति‘‘ के विजन को दृष्टि में रखते हुए, केवीआईसी ने मधुमक्खी पालकों तथा किसानों को उनकी शहद की ऊपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए यह अनूठा नवोन्मेषण प्रस्तुत किया है। मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह मधुमक्खी पालकों के शहद का प्रसंस्करण उनके द्वार पर ही करेगी और इस प्रकार प्रसंस्करण के लिए शहद को दूर के शहरों में स्थित प्रसंस्करण केंद्रों तक ले जाने में होने वाली परेशानी तथा लागत की बचत करेगी।

भारत में ‘चीतों’ की वापसी हेतु कार्य योजना

वर्ष 1952 में विलुप्त होने के पश्चात् ‘चीते’ की एक बार पुनः भारत में वापसी हेतु केंद्र सरकार ने हाल ही में एक कार्य योजना शुरू की है, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में देश में तकरीबन 50 चीते लाए जाएंगे। कार्य योजना के अनुसार, पहले वर्ष के दौरान सभी ‘चीतों’ को नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से लाया जाएगा। दुनिया के सबसे तेज़ दौड़ने वाले जानवर- चीते को नवंबर 2021 में मध्य प्रदेश में पुनः प्रस्तुत करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन महामारी के कारण यह योजना सफल नहीं हो सकी। ध्यातव्य है कि चीता वर्ष 1952 में भारत से विलुप्त हो गया था। देश में चीतों की विलुप्ति के दो विशेष कारण थे। पहला- जानवरों के शिकार के लिये चीता को पालतू बनाया जाना तथा दूसरा- कैद में रहने पर चीता प्रजनन नहीं करते। अपनी तेज़ गति तथा बाघ व शेर की तुलना में कम हिंसक होने की वजह से इसको पालना आसान था। तत्कालीन राजाओं और ज़मीदारों द्वारा इसका प्रयोग अक्सर शिकार के लिये होता था जिसमें ये अन्य जानवरों को पकड़ने में उनकी मदद करते थे। अपने उपयुक्त आवास और पर्याप्त शिकार आधार के कारण बड़ी बिल्लियाँ कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश) में रहेंगी।

मध्य प्रदेश में किया जायेगा खेलो इंडिया गेम्स 2023 का आयोजन

खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए की गई थी। 2021 के खेलो इंडिया गेम्स को COVID संकट के कारण स्थगित कर दिया गया था। अब इसे जनवरी 2022 में हरियाणा में आयोजित किया जायेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022-23 का आयोजन मध्य प्रदेश में किया जायेगा। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में भोपाल से खेलों की मेजबानी करने की मंजूरी दी है। मंत्रि-परिषद ने अन्तर्राष्ट्रीय खेल परिसर की स्थापना के लिए 50-एकड़ भूमि के आवंटन को भी स्वीकृति प्रदान की। मध्य प्रदेश सरकार ने पहले चरण के लिए 176.59 करोड़ रुपये आवंटित किए। अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर के संचालन और रखरखाव पर 15.56 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। दूसरे और तीसरे चरण के लिए अलग-अलग फंड आवंटित किये जायेंगे। स्पोर्ट्स स्टेडियम को 10,000 दर्शकों की क्षमता वाले हॉकी स्टेडियम, 4,000 दर्शकों की क्षमता वाले फुटबॉल क्षेत्र, लैंडस्केपिंग, पार्किंग क्षेत्र, बागवानी, गार्डरूम, गेट, आंतरिक सर्विस रोड, स्ट्रीट लाइट और सीवेज सिस्टम से लैस किया जाना है।

एंटिगुआ और बारबुडा ISA के 102वें सदस्य

कैरिबियाई राष्ट्र एंटीगुआ और बारबुडा, भारत के नेतृत्व वाली वैश्विक हरित ऊर्जा पहल, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करके 102वें सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA) में शामिल हो गए। एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधान मंत्री, गैस्टन ब्राउन (Gaston Browne) ने सौर-नेतृत्व वाले दृष्टिकोण के माध्यम से वैश्विक ऊर्जा संक्रमण को उत्प्रेरित करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त डॉ के जे श्रीनिवास (K. J. Srinivasa) की उपस्थिति में रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पेरिस, फ्रांस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सीओपी-21 के 21वें सत्र के दौरान 2015 में भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से आईएसए की शुरुआत की गई थी।

एनएचपीसी ने "500 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं के विकास" के लिए गेडकोल के साथ प्रमोटर समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड ने 4 जनवरी 2022 को ओडिशा में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख राज्य पीएसयू, ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (जीईडीसीओएल) के साथ प्रमोटर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर पहले एनएचपीसी और जीईडीसीओएल के बीच 20 जुलाई 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। प्रमोटरों के समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, एनएचपीसी और जीईडीसीओएल ने संयुक्त रूप से ओडिशा में 500 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं और अन्य ऐसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक कंपनी स्थापित करने के लिए सहमति व्यक्त की, जो भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार समय-समय पर जेवीसी द्वारा तय की जा सकती हैं। प्रस्तावित संयुक्त उद्यम कंपनी में एनएचपीसी और जीईडीसीओएल की इक्विटी शेयरधारिता 74:26 के अनुपात में होगी। कंपनी के पास 500 करोड़ रुपए (पांच सौ करोड़ रुपये) की अधिकृत शेयर पूंजी और प्रारंभिक चुकता शेयर पूंजी 10 करोड़ रुपये (दस करोड़ रुपये) की होगी। पहले चरण में रेंगाली एच.ई. परियोजना के जलाशय में 300 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर क्षमता स्थापित की जाएगी। यह परियोजना अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (यूएमआरईपीपी), सोलर पार्क योजना के मोड 8 के तहत लागू की जाएगी। परियोजना के पहले चरण में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का परिव्यय होगा और प्रति वर्ष लगभग 600 एमयू ऊर्जा उत्पन्न होगी। यह ओडिशा में अपनी तरह का पहला और देश में अब तक का सबसे बड़ा है।

सी ड्रैगन 22 अभ्यास

हाल ही में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और दक्षिण कोरिया की नौसेनाओं के साथ प्रशांत महासागर में सी ड्रैगन 22 अभ्यास शुरू हुआ। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता या क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue- Quad) का भी हिस्सा हैं तथा मालाबार अभ्यास में भी भाग लेते हैं। सी ड्रैगन एक अमेरिकी नेतृत्व वाला बहु-राष्ट्रीय अभ्यास है जिसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के जवाब में एक साथ संचालित करने के लिये पनडुब्बी रोधी युद्ध रणनीति का अभ्यास व चर्चा करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। यह एक वार्षिक अभ्यास है।

ब्रांड इंडिया अभियान

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जल्द ही नए बाज़ारों में सेवाओं और उत्पादों के निर्यात को गति देने हेतु ‘ब्रांड इंडिया अभियान’ शुरू किया जाएगा। यह अभियान भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिये एक ‘अम्ब्रेला अभियान’ के रूप में काम करेगा। प्रारंभिक चरण के दौरान यह अभियान विशिष्ट क्षेत्रों जैसे- रत्न एवं आभूषण, वस्त्र, वृक्षारोपण उत्पादों (चाय, कॉफी, मसाले), शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा और इंजीनियरिंग में भारतीय निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस अभियान को ‘इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन’ (IBEF) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। ‘इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन’ वाणिज्य विभाग द्वारा स्थापित एक ट्रस्ट है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य विदेशों बाज़ारों में 'मेड इन इंडिया' लेबल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं के ज्ञान के प्रसार को सुविधाजनक बनाना है। विभिन्न क्षेत्रों के लिये इस प्रकार का एक कॉमन अभियान काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों पर अलग-अलग तरीकों से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष में देश का कुल निर्यात 400 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।

उत्तर कोरिया का ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ परीक्षण

हाल ही में उत्तर कोरिया ने एक ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण किया है, जिसने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को नष्ट कर दिया। उत्तर कोरिया ने इससे पूर्व सितंबर माह में पहली बार एक ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण किया था, जिसके साथ ही वह उन प्रमुख सैन्य शक्तियों की सूची में शामिल हो गया था, जिनके पास इस प्रकार की उन्नत हथियार प्रणाली मौजूद है। ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ आमतौर पर बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में कम ऊँचाई पर लक्ष्य की ओर उड़ते हैं और ध्वनि की गति से पाँच गुना अधिक या लगभग 6,200 किलोमीटर प्रति घंटे (3,850 मील प्रति घंटे) की गति से लक्ष्य तक पहुँचते हैं। हाइपरसोनिक हथियारों को अगली पीढ़ी के हथियार माना जाता है। ज्ञात हो कि भारत भी हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है। भारत में हाइपरसोनिक तकनीक का विकास और परीक्षण ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) एवं ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) दोनों ने किया है। हाल ही में DRDO ने ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल’ (HSTDV) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसमें ध्वनि की गति से 6 गुना गति से यात्रा करने की क्षमता है।

कर्नाटक में बनाया जायेगा कोप्पल टॉय क्लस्टर

कोप्पल टॉय क्लस्टर (KTC), जो कि देश में अपनी तरह की पहली बुनियादी अवसंरचना है, मार्च 2022 से संचालित हो जाएगी। 400 एकड़ से अधिक भूमि पर निर्मित ‘कोप्पल टॉय क्लस्टर’ में खिलौना बनाने, पैकेजिंग, उपकरण बनाने, पेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सहायक उपकरणों के विकास से लेकर क्षमताओं की संपूर्ण मूल्य शृंखला मौजूद होगी। कर्नाटक में निर्मित इस क्लस्टर में 4,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश को आकर्षित करने और 25,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार (अधिकतर उत्तरी कर्नाटक में महिलाओं के लिये) एवं एक लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोज़गार का सृजन करने की क्षमता है। पूरा होने पर इस क्लस्टर में 100 से अधिक बड़ी और छोटी विनिर्माण इकाइयाँ शामिल होंगी। ‘कोप्पल टॉय क्लस्टर’ में खिलौना निर्माण और सहायक गतिविधियों के लिये एक इन्क्यूबेशन सेंटर भी मौजूद होगा।

दिल्ली में शिक्षक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी

दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक 4 जनवरी, 2022 को दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित किया गया। यह विधेयक दिल्ली में एक शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रयास करता है। यह विश्वविद्यालय कक्षा 12 के बाद चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (integrated teacher education programme) की पेशकश करेगा। इस कार्यक्रम में बीए और बी.एड, बीएससी और बी.एड, और बीकॉम और बी.एड पाठ्यक्रम शामिल होंगे। यह एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय होगा और विभिन्न स्कूल चरणों में दिल्ली के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले शिक्षक तैयार करने के लिए समर्पित होगा। व्यावहारिक अनुभव के लिए छात्रों को पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों से जोड़ा जाएगा। व्यावहारिक अनुभव सैद्धांतिक ज्ञान के अलावा उत्कृष्ट व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में छात्रों की मदद करेगा।

परिवहन मंत्रालय ने Indian Bridge Management System विकसित किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, केंद्र सरकार भारत में सभी पुलों की उम्र और स्थिति जानने के लिए एक नीति तैयार करेगी। मंत्रालय ने देश के सभी पुलों की जानकारी एकत्र करने के लिए भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (Indian Bridge Management System) तैयार की है। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि भारत में पुलों की कोई समाप्ति तिथि (expiry date) नहीं है और इसके परिणामस्वरूप, कई दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं। केंद्र अब समुद्र के किनारे बन रहे पुलों में स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है क्योंकि इससे पुलों की ताकत और लंबी उम्र बढ़ेगी और पुल ज्यादा सुरक्षित होंगे। केंद्रीय मंत्री ने नए जमाने की तकनीकों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, पुलों के स्पैन को जोड़ने के लिए नई तकनीक को अपनाना होगा।

प्लान बी को भारतीय रेलवे से सर्वश्रेष्ठ नवाचार पुरस्कार

प्लान बी (Plan Bee) को उत्तरी सीमांत रेलवे द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य हाथियों को रेल की पटरियों से दूर रखना है। इस योजना ने हाल ही में भारतीय रेलवे से सर्वश्रेष्ठ नवाचार पुरस्कार (Best Innovation Award) जीता। यह योजना रेलवे पटरियों के साथ कुछ उपकरणों को स्थापित करती है। ये उपकरण मधुमक्खियों के झुंड की भिनभिनाहट की आवाज़ पैदा करते हैं। मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से हाथी चिड़चिड़े हो जाते हैं। और आवाज से दूर रहने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार, भिनभिनाहट की आवाज पैदा करके, यह उपकरण हाथियों को ट्रैक से दूर रखता है। इस डिवाइस द्वारा उत्पन्न ध्वनि 400 मीटर की दूरी से सुनी जा सकती है।

कर्नाटक की ई-बाइक टैक्सी योजना : मुख्य बिंदु

कर्नाटक ई-बाइक टैक्सी योजना (Karnataka E – Bike Taxi Scheme) को हाल ही में एक आवेदन मिला है। इस योजना शुरू होने के 6 महीने बाद यह पहला आवेदन है। यह योजना कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2021 में शुरू की गई थी। यह योजना व्यक्तिगत फर्मों और निजी व्यक्ति को राज्य की राजधानी बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति देती है। यूजर्स 10 किलोमीटर तक इलेक्ट्रिक बाइक का लाभ उठा सकता है। तय की गई दूरी को मापने के लिए एक ओडोमीटर लगाया जाता है। इस योजना के तहत, किराए दो स्लैब में आते हैं। पहले पांच किलोमीटर के लिए 25 रुपये और दस किलोमीटर तक 50 रुपये किराया तय किया गया है।

झारखंड के सिमडेगा के बेसराजारा बाजार टांड में ‘खुंटकट्टी’ कानून का उल्लंघन

हाल ही में झारखंड के सिमडेगा के बेसराजारा बाजार टांड (Besrazara Bazaar Tand) में ग्रामीणों ने एक व्यक्ति की पिटाई कर दी और बाद में पुलिस की मौजूदगी में उसे जिंदा जला दिया। कथित तौर पर पेड़ों को अवैध रूप से काटने और उन्हें बाजार में बेचने के लिए उस व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया था, जिसे ‘खुंटकट्टी’ कानून का उल्लंघन माना जाता है। ग्रामीणों के अनुसार, ग्राम सभा की बैठकों के दौरान मृतक को कम से कम दो बार चेतावनी दी गई थी। उसे पेड़ों को काटने से रोकने के लिए कहा गया, लेकिन उसने चेतावनियों को नहीं सुना। इस प्रकार, ग्रामीणों ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया। ‘खुंटकट्टी’ प्रणाली आदिवासी लोगों द्वारा भूमि का संयुक्त स्वामित्व है। इस प्रणाली के तहत, मुंडा आदिवासी आमतौर पर जंगलों को साफ करते हैं और भूमि को खेती के लिए उपयुक्त बनाते हैं। खेती योग्य भूमि पर पूरे कबीले का स्वामित्व होता है न कि किसी व्यक्ति विशेष का।

डिजिटल युआन वॉलेट एप्स

डिजिटल युआन चीन की डिजिटल मुद्रा है। इसे पहली बार 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से यह काम कर रहा है (टेस्ट वर्किंग)। डिजिटल युआन क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। इसे सेंट्रल बैंक ऑफ चाइना द्वारा नियंत्रित किया जाता है। चीन सरकार की शीतकालीन ओलंपिक 2022 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्रा को लॉन्च करने की योजना है। यह फिएट मुद्रा (कागज मुद्रा) के मूल्य के बराबर है। डिजिटल युआन के कामकाज में दो पहलू हैं। वितरण और व्यय (लोग इसे कैसे खर्च करते हैं?)। डिजिटल युआन चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा वाणिज्यिक बैंकों को वितरित किया जाता है। वाणिज्यिक बैंक तब जनता को डिजिटल मुद्रा प्रदान करते हैं। ग्राहक डिजिटल युआन के लिए नकद का आदान-प्रदान कर सकते हैं। लोगों को डिजिटल युआन प्राप्त करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करना होगा। इन्हें डिजिटल युआन वॉलेट एप्स कहा जाता है। डिजिटल युआन वॉलेट एप्स अब Android और Apple स्टोर्स में उपलब्ध हैं। इस एप्प को पहली बार 2019 में लॉन्च किया गया था। एप्प का उपयोग करने वाले यूजर्स की संख्या बढ़कर 10 मिलियन हो गई है।

कजाकिस्तान में विरोध और आपातकाल

कजाकिस्तान के नागरिक अचानक ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। बढ़ते तनाव के कारण सत्तारूढ़ सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। कजाकिस्तान में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। विरोध तब शुरू हुआ जब कजाकिस्तान की सत्तारूढ़ सरकार ने तरल पेट्रोलियम गैस के मूल्य नियंत्रण को हटा दिया। इसके बाद कीमतें तेजी से दोगुनी हो गईं। इससे पहले, इसकी कम कीमत के कारण, नागरिकों ने अपने वाहनों को ईंधन पर चलाने के लिए परिवर्तित (convert) कर दिया था। मूल्य नियंत्रण हटाए जाने के बाद अचानक मूल्य वृद्धि के कारण उनकी योजनाएँ बिखर गईं। इससे वे नाराज हो गए और विरोध करने लगे। देश के प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति ने जिम्मेदारी संभाल ली है। उन्होंने विरोध को नियंत्रित करने के लिए एक सुरक्षा परिषद बनाई है। कजाकिस्तान ने अपने सैन्य सहयोगियों खासकर रूस से मदद मांगी है। इसने CSTO (Collective Security Treaty Organization) की मदद भी मांगी है। CSTO में रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो ने 6 जनवरी 2022 को अपनी स्थापना के 75 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 6 जनवरी 2022 को अपनी स्थापना के 75 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। बीआईएस की वर्ष 1947 में भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) के रूप में स्थापना की गई थी। मानकीकरण और प्रमाणीकरण की अपनी मुख्य गतिविधियों के माध्यम से बीआईएस पिछले 75 वर्षों से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रहा है। बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने इस विशेष अवसर पर बीआईएस के सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया और शुभकामनाएं दीं। भारत में ब्रिटिश शासन के अंतिम वर्षों में जब देश औद्योगिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के बड़े कार्य का सामना कर रहा था तब इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ही वह संस्थान था जिसने एक संस्थान के संविधान का पहला ड्राफ्ट तैयार किया था जो राष्ट्रीय मानकों के निर्माण के कार्य को आगे ले जा सका। उद्योग और आपूर्ति विभाग ने 3 सितंबर 1946 को एक ज्ञापन जारी किया, जिसमें औपचारिक रूप से 'भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) नामक एक संगठन की स्थापना की घोषणा की गई थी। आईएसआई 6 जनवरी 1947 को अस्तित्व में आया और जून 1947 में डॉ. लाल सी. वर्मन ने इसके पहले निदेशक के रूप में पदभार संभाला। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) 26 नवंबर 1986 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से 1 अप्रैल 1987 को व्यापक दायरे, अधिक शक्तियों और पूर्ववर्ती आईएसआई के कर्मचारियों, संपत्तियों, देनदारियों और कार्यों के अधिग्रहण के साथ अस्तित्व में आया।

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