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टोगो के राजनयिक ‘गिल्बर्ट एफ. हौंगबो’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) का अगला महानिदेशक नियुक्त किया गया है। हौंगबो को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ के शासी निकाय द्वारा चुना गया है, जिसमें सरकारों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि शामिल थे। उनका पाँच वर्षीय कार्यकाल 01 अक्तूबर, 2022 से शुरू होगा। ज्ञात हो कि यूनाइटेड किंगडम के वर्तमान महानिदेशक गाय राइडर, वर्ष 2012 से इस पद पर कार्यरत हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में की गई थी। यह श्रम मानक निर्धारित करने, नीतियाँ विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है। वर्ष 1946 में ILO, संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बनी थी। वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) ने वैज्ञानिक और वाष्पीकरण विशेषज्ञ ‘विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट’ को वर्ष 2022 के ‘स्टॉकहोम जल पुरस्कार’ से सम्मानित किया है, ज्ञात हो कि इस पुरस्कार को व्यापक तौर पर जल के नोबेल पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है। प्रोफेसर विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट को यह पुरस्कार 'पर्यावरणीय वाष्पीकरण को मापने में उनके अभूतपूर्व कार्य हेतु प्रदान किया गया है। विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट ने वाष्पीकरण को मापने और पृथ्वी के ऊर्जा संतुलन में इसकी भूमिका को समझने हेतु विधि विकसित की हैं, जिससे इस बात का अधिक सटीक अनुमान लगाया जा सकता है कि वर्षा किस प्रकार विकसित हो सकती है। यह विधि विशेषज्ञों को यह समझने में मदद कर सकती है कि वर्तमान में कितना पानी उपलब्ध है और भविष्य में कितना उपलब्ध होगा। विदित हो कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) बेहतर जल प्रशासन की वकालत करने हेतु स्थापित एक संस्थान है, जो पिछले 30 वर्षों से ‘जल से संबंधित असाधारण उपलब्धियों’ के लिये लोगों और संगठनों को इस पुरस्कार से सम्मानित कर रहा है।
भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ मिशन के तहत पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के सहयोग से 29 मार्च, 2022 को न्यू ज़ाफराबाद, पूर्वी दिल्ली में नगर पालिका ठोस अपशिष्ट के ऑनसाइट प्रसंस्करण के लिये विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क (Decentralised Waste Management Technology Park) का उद्घाटन किया गया। इसका उद्देश्य ज़ीरो वेस्ट और ज़ीरो ऊर्जा के साथ एक मापनीय (स्केलेबल) ऑनसाइट प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना करना है। प्रौद्योगिकी पार्क एक पायलट परियोजना है, जो अपशिष्ट प्रबंधन के लिये समाधान प्रदान करती है, इसके अलावा यह नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के अर्द्ध-स्वचालित अलगाव से लेकर साइट पर संघनन और कचरे के उपचार हेतु विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण के रूपांतरण को भी प्रदर्शित करती है। यह विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क 10 टन प्रतिदिन क्षमता के साथ लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र (वर्तमान में खुले डंपिंग या द्वितीयक संग्रह स्थल के लिये उपयोग किया जाने वाला क्षेत्र) को कवर करता है।
हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLSA) के सहयोग से एक विधिक सहायता क्लीनिक शुरू किया है। यह महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता देकर उनकी शिकायतों के समाधान के लिये सिंगल विंडो सुविधा है। NCW अन्य राज्य महिला आयोगों में भी इसी तरह के विधिक सहायता क्लीनिक स्थापित करने की योजना बना रहा है। नए विधिक सहायता क्लीनिक के तहत शिकायतकर्त्ताओं को परामर्श प्रदान किया जाएगा, संकट में महिलाओं को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA)/DSLSA की विभिन्न योजनाओं पर कानूनी सहायता, सलाह और जानकारी दी जाएगी एवं महिला जनसुनवाई संबंधी सहायता, मुफ्त कानूनी सहायता, वैवाहिक मामलों में सुनवाई और आयोग के साथ पंजीकृत अन्य शिकायतों में अन्य सेवाओं में सहायता प्रदान की जाएगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा मामलों की समिति-सीसीएस ने तीन हजार 887 करोड़ रुपये की लागत से सेना के लिए विशेष रूप से बनाए गए 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों {भारतीय वायु सेना (10) और भारतीय सेना (05)} की खरीद को मंजूरी दे दी है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में यह फैसला लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड-एचएएल द्वारा निर्मित ये हेलीकॉप्टर स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किए गए हैं। ये अपेक्षित चपलता, गतिशीलता, विस्तारित रेंज, काफी ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। ये चौबीसों घंटे युद्ध क्षेत्र में और खोजी तथा बचाव अभियान में हर मौसम में उड़ान भर सकते हैं। इसके साथ ही यह दुश्मन की वायु रक्षा क्षमता को भेदने तथा आतंकवाद विरोधी अभियान में भी पूरे दम-खम के साथ काम कर सकते हैं। यह थलसेना को मदद पहुंचाने के साथ-साथ भारतीय सेना की सभी परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने का एक शक्तिशाली माध्यम साबित होंगे। इसके अलावा ढांचागत सुविधा के निर्माण के लिए भी 377 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
आयुष मंत्रालय ने प्रधानमंत्री योग पुरस्कार-2022 के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। विजेताओं की घोषणा इस वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर की जाएगी। पुरस्कारों के लिए आवेदन माई गव प्लेटफॉर्म पर किये जा सकते हैं। नामांकन के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त किए जायेंगे। इसमें भारतीय मूल की संस्थाओं के लिए दो राष्ट्रीय श्रेणियां और विदेशी मूल की संस्थाओं के लिए दो अंतर्राष्ट्रीय श्रेणियां शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन पुरस्कारों के लिए नामांकित आवेदकों का योग में असाधारण योगदान और योग की जानकारी होनी चाहिए। नामांकन प्रक्रिया 28 मार्च से शुरू हो गयी है। प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल है।
तेलंगाना की राज्यपाल डॉक्टर तमिल साई सौंदर्यराजन ने वारंगल में दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि संस्कृति और धरोहर के संरक्षण से लोगों के बीच एकता को बढावा मिलता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे आयोजनों से कलाकारों और कारीगरों को अपना शिल्प कौशल प्रदर्शित करने में मदद मिलती है। इस अवसर पर उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के लोक संपर्क और संचार ब्यूरो की क्षेत्रीय इकाई द्वारा प्रमुख तेलुगू स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। 1 से 3 अप्रैल तक इस महोत्सव का तीसरा चरण हैदराबाद में होगा। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2022 का पहला चरण राजमहेंद्रवरम, आंध्र प्रदेश के आर्ट्स कॉलेज ग्राउंड में संपन्न हुआ।
केंद्रीय सडक, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हरित हाइड्रोजन चालित कार से संसद भवन आए। इस कार का नाम मिराई है। जापानी भाषा में इसका अर्थ भविष्य है। श्री गडकरी ने कहा कि पानी से उत्पन्न होने वाली हरित हाइड्रोजन देश को आत्मनिर्भर बनाएगी। उन्होंने कहा कि ये कार एक पायलट परियोजना है। उन्होंने बताया कि हरित हाइड्रोजन का उत्पादन अब देश में ही किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि केन्द्र ने इसके लिए तीन हजार करोड रूपये के अभियान की शुरूआत की है और जल्द ही भारत, हाईड्रोजन निर्यात करने वाला देश बन जाएगा।
राज्यसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आदेश संविधान संशोधन विधेयक-2022 पारित हो गया। इस विधेयक में 1950 के अनुसूचित जाति संविधान आदेश में संशोधन कर झारखंड के भोगता समुदाय को अनुसूचित जातियों (SC) की सूची से हटाने और अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में डालने तथा कुछ अन्य समुदायों को जनजातियों की सूची में जोड़ने का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पांचवें बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) शिखर सम्मेलन में सम्मिलित हुये, जिसकी मेजबानी वर्चुअल माध्यम से श्रीलंका ने की, जो इस समय बिम्सटेक का अध्यक्ष है। शिखर-सम्मेलन की विषयवस्तु “टूवर्ड्स ए रेजीलियंट रीजन, प्रॉस्पेरस इकोनॉमीज़, हेल्दी पीपुल” सदस्य देशों के लिये प्राथमिकता विषय है। इसके अलावा बिम्सटेक के प्रयासों से सहयोगी गतिविधियों को विकसित करना भी इसमें शामिल है, ताकि सदस्य देशों के आर्थिक तथा विकास पर कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से निपटा जा सके। शिखर वार्ता का प्रमुख कदम बिम्सटेक चार्टर पर हस्ताक्षर करना और उसे मंजूरी देना है, जिसके तहत उन सदस्य देशों के संगठन को आकार देना है, जो बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित हैं तथा उस पर निर्भर हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी तथा अन्य राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष तीन बिम्सटेक समझौतों पर हस्ताक्षर हुये। इन समझौतों में वर्तमान सहयोग गतिविधियों में हुई प्रगति के विषय शामिल हैः 1). आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता पर बिम्सटेक समझौता, 2). राजनयिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर बिम्सटेक समझौता-ज्ञापन, 3). बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की प्रतिस्थापना के लिये प्रबंध-पत्र। संगठन की स्थापना का यह 25वां वर्ष है। 1997 में स्थापित बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है। भारत ,बंगलादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमा और थाईलैण्ड इसके सदस्य देश हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों की सूची में शामिल चेतक हेलीकॉप्टर ने राष्ट्र की शानदार सेवा के 60 साल पूरे कर लिए हैं। इस महत्वपूर्ण घटना को मनाने के लिए, भारतीय वायु सेना और उसके प्रशिक्षण कमान के तत्वावधान में वायु सेना स्टेशन हकीमपेट द्वारा 2 अप्रैल, 2022 को 'चेतक आत्मनिर्भरता, बहुविज्ञता एवं विश्वस्तता के छः गौरवशाली दशक' विषय के साथ 'यशस्वत् षट् दशकम्' नामक एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। माननीय रक्षा मंत्री इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी कन्वेंशन सेंटर, में होने वाले इस सम्मेलन में वायु सेना प्रमुख, तीनों सेवाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी और रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारी शामिल होंगे।
हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) समुद्री अभ्यास 2022 (आईएमईएक्स-2022) का पहला संस्करण 26 से 30 मार्च 2022 तक गोवा और अरब सागर में आयोजित किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य सदस्य देशों की नौसेनाओं के बीच मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों में पारस्परिकता को बढ़ाने के साथ ही मानक संचालन प्रक्रियाओं को मजबूत करना है। इस अभ्यास में आईओएनएस के 25 सदस्य देशों में से 15 ने हिस्सा लिया। हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) की स्थापना 2007 में की गई थी। यह हिंद महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग और सहभागिता का एक प्रमुख मंच है। इस फोरम ने हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय समुद्री मुद्दों पर चर्चा का अवसर उपलब्ध कराया, मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा दिया और समुद्री सुरक्षा सहयोग में उल्लेखनीय सुधार किया है। इस अभ्यास में बांग्लादेश, फ्रांस, भारत और ईरान की नौसेनाओं के युद्धपोत, समुद्री टोही विमान और हेलिकॉप्टर शामिल हुए। आईओएनएस के 15 सदस्य नौसेनाओं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, ओमान, कतर, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यूके शामिल हैं, के 22 पर्यवेक्षकों ने भी अभ्यास में हिस्सा लिया।
दस दिवसीय लाल किला महोत्सव-भारत भाग्य विधाता ने अपना पांचवां दिन पूरा कर लिया। इस सांस्कृतिक महाकुंभ में प्रोजेक्शन मैपिंग शो “मातृभूमि” को दर्शकों का जबरदस्त उत्साहवर्धन मिल रहा है। अब इस शो को स्थायी कार्यक्रम बना दिया गया है, जो पूरे वर्ष चलता रहेगा। संगीत, प्रकाश और ध्वनि के प्रयोग से ‘मातृभूमि’ के जरिये उच्चस्तरीय तकनीक से भव्य मनोरम दृश्य पैदा किये गये हैं। प्रोजेक्शन मैपिंग शो में भारत की पुराने, अनूठे और उतार-चढ़ाव से भरे इतिहास के जरिये देश की समृद्ध तथा विविधतापूर्ण संस्कृति को दर्शाया गया है, जो देशवासियों में गौरव तथा देशभक्ति की भावना को उद्वेलित कर देती है।
रक्षा मंत्रालय एवं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पूरा किया। रक्षा मंत्रालय और मैसर्स बीईएल के बीच इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध की कुल लागत ₹ 1993 करोड़ होने का अनुमान है। उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट सिस्टम की आपूर्ति से वायुसेना के लड़ाकू विमानों की युद्ध की स्थितियों में प्रतिद्वंद्वियों के ज़मीन आधारित रडार के साथ-साथ एयरबोर्न फायर कंट्रोल और निगरानी रडार के विरुद्ध अभियानों के दौरान उत्तरजीविता में काफी वृद्धि होगी। इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। परियोजना अनिवार्य रूप से आत्मनिर्भर भारत की भावना की प्रतीक है और आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा साकार करने में मदद करेगी। रक्षा मंत्रालय और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने भारतीय वायुसेना के लिए इंस्ट्रूमेंटेड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर रेंज (आईईडब्ल्यूआर) के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस अनुबंध की कुल लागत 1109 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। आईईडब्ल्यूआर का उपयोग हवाई इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरणों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए किया जाएगा और एक अभियानगत परिदृश्य में उनकी तैनाती को मान्यता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी की 211वीं जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीधाम ठाकुरनगर, ठाकुरबाड़ी, पश्चिम बंगाल में आयोजित मतुआ धर्म महामेला 2022 को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मार्च 2021 में उन्हें बांग्लादेश के ओराकांदी ठाकुरबाड़ी में श्री श्री गुरुचंद ठाकुर जी और महान मतुआ परंपरा को श्रद्धापूर्वक नमन करने का अवसर मिला था। उन्होंने फरवरी 2019 में भी अपनी ठाकुरनगर यात्रा को याद किया।
लागत में जारी वृद्धि के कारण कई कंपनियाँ ‘शृंकफ्लेशन’ (Shrinkflation) का अभ्यास कर रही हैं। शृंकफ्लेशन किसी उत्पाद के स्टिकर मूल्य को बनाए रखते हुए उसके आकार को कम करने की पद्धति है। यह छिपी हुई मुद्रास्फीति का एक रूप है। लाभांश को चुपके से बढ़ाने या इनपुट लागत में वृद्धि के सापेक्ष लाभ को बनाए रखने के लिये प्रति दी गई मात्रा के अनुसार कीमतों में वृद्धि करना (मुख्य रूप से खाद्य और पेय उद्योग में) कंपनियों द्वारा नियोजित एक रणनीति है। व्यवसाय एवं शैक्षणिक अनुसंधान में शृंकफ्लेशन को पैकेज डाउनसाइज़िंग (पैकेज के आकार को छोटा करना) के रूप में भी जाना जाता है। सामान्य रूप से बहुत कम प्रचलित यह शब्द समष्टि अर्थशास्त्र की उस स्थिति को संदर्भित कर सकता है जहाँ कीमत स्तर में वृद्धि का अनुभव करने के बावजूद अर्थव्यवस्था में संकुचन हो रहा है।
हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर ज़िले के झाड़ियों के जंगलों में कुछ रेगिस्तानी लोमड़ियों (वैज्ञानिक नाम: वल्प्स वल्प्स पुसिला / Vulpes Vulpes Pusilla) को देखा गया था, जो ‘मेंजे’ त्वचा रोग के कारण बाल संबंधी नुकसान से पीड़ित थीं। राजस्थान की वर्ष 2019 की वन्यजीव जनगणना के अनुसार, राज्य में 8,331 लोमड़ियों में भारतीय और रेगिस्तानी दोनों प्रकार की लोमड़ियाँ थीं। रेगिस्तानी लोमड़ी भारत में लाल लोमड़ी की तीसरी उप-प्रजाति है। अन्य दो उप-प्रजातियाँ हैं: तिब्बती रेड फॉक्स और कश्मीरी रेड फॉक्स। उन्हें अन्य लोमड़ी प्रजातियों से उनकी सफेद पूँछ द्वारा अलग किया जा सकता है। बिंदीदार आँखें और एक छोटा सा थूथन उन्हें एक प्यारा और लगभग मनमोहक रूप देता है। इसकी सीमा अन्य लाल लोमड़ी उप-प्रजातियों के साथ ओवरलैप नहीं होती है। रेगिस्तानी लोमड़ी पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत के शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में निवास करती है। रेगिस्तानी लोमड़ियाँ भारत में अपने संभावित आवासों के आधे से भी कम हिस्से में पाई जाती हैं। रेगिस्तानी लोमड़ियों को रेत के टीलों और अर्द्ध-शुष्क नदी घाटियों में घूमते हुए पाया जा सकता है, जहाँ वे अपनी माँद बनाती हैं। ये सर्वाहारी होती हैं जो जामुन और पौधों से लेकर रेगिस्तानी कृन्तकों, कीड़े, मकड़ियों, छोटे पक्षियों व छिपकलियों तक का सेवन करती हैं।
दो प्रमुख अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों ने भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था (space economy) पर प्रकाश डालते हुए एक अध्ययन जारी किया है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का कई गुना विस्तार होने के बावजूद, इसके आसपास के पैरामीटर अस्पष्ट हैं। यह अध्ययन देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के आकार को मापने का अपनी तरह का पहला प्रयास है। यह अध्ययन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) और सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज (CDS) के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इन निष्कर्षों को ‘The Space Economy of India: Its Size and Structure’ शीर्षक वाले एक पेपर में रिपोर्ट किया गया है। 36,794 करोड़ रुपये का आंकड़ा शोधकर्ताओं ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सामने रखा है। देश की अनुमानित अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार देश के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में 2011-12 में 0.26 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 0.19 प्रतिशत हो गया है। इस अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा 2020-21 में 27061 करोड़ रुपये या 73.57 प्रतिशत के अंतरिक्ष अनुप्रयोगों द्वारा लिया गया था। इसके बाद अंतरिक्ष संचालन 8218.82 करोड़ रुपये या 22.31 प्रतिशत और विनिर्माण 1515.59 करोड़ रुपये या 4.12 प्रतिशत रहा।भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था देश के सकल घरेलू उत्पाद (2011-12 से 2020-21 तक) का लगभग 0.23% है। 2020-21 में बजट परिव्यय 9,500 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 13,033.2 करोड़ रुपये था।अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार 2020-21 में 36,794 करोड़ रुपये और 2019-20 में 39,802 करोड़ रुपये हो गया, जो 2018-19 में 43,397 करोड़ रुपये था। देश के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में अंतरिक्ष बजट 2000-01 में 0.09 प्रतिशत से 2011-12 में गिरकर 0.05 प्रतिशत हो गया और तब से स्थिर बना हुआ है। सकल घरेलू उत्पाद के संबंध में अंतरिक्ष बजट पर भारत का खर्च जर्मनी, चीन, जापान और इटली से अधिक है लेकिन रूस और अमेरिका से कम है। यह आंकड़े संसद के दस्तावेजों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बौद्धिक संपदा अधिकारों पर डेटा, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट और कई अन्य सरकारी आंकड़ों से लिए गये हैं।
अमेरिकी सीनेट ने सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण के लिए अमेरिका में सब्सिडी के रूप में 52 बिलियन डालर प्रदान करने के बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। उद्योग-व्यापी चिप्स की कमी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव उद्योगों में उत्पादन को बाधित कर दिया है। इस कमी के कारण कुछ फर्मों ने उत्पादन कम कर दिया है। अमेरिका में सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए अन्य देशों पर निर्भरता कम करने की मांग बढ़ रही है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्याम प्रसाद द्वारा लिखित 'पूर्ति प्रदत श्री सोमैया (Spoorthi Pradatha Sri Somayya)' नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक आंध्र प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता स्वर्गीय श्री सोमपल्ली सोमैया की जीवन कहानी पर आधारित है। उन्होंने युवाओं को समाज कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए प्रेरित किया। सोमपल्ली सोमैया का जन्म 1927 में प्रकाशम जिले के "परलामिली" गाँव में हुआ था। उन्होंने 50 वर्षों तक अपना जीवन सुधार और समाज की बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने 1948 के सत्याग्रह में भाग लिया और आरएसएस (राष्ट्रीय सेवा संघ) पर प्रतिबंध के खिलाफ थे और उसी के लिए उन्हें जेल भी हुई थी।
21 मार्च को, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) में 109 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। एक नियामक बयान में, बैंक ने कहा, "हम इस प्रकार घोषणा करते हैं कि 21 मार्च, 2022 को, बैंक ने तरजीही शेयर इश्यू के तहत नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) में 108.81 करोड़ रुपये का निवेश किया। 21 मार्च 2022 तक NARCL में बैंक की हिस्सेदारी नौ फीसदी होगी। NARCL एक सरकार समर्थित परिसंपत्ति पुनर्निर्माण फर्म है जिसे जुलाई 2021 में स्थापित किया गया था। बीएसई पर बीओआई के शेयर पिछले बंद से 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ 47.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।
उदय कोटक ने 2 अप्रैल, 2022 को अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL & FS) के बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने की घोषणा की है। आईएल एंड एफएस के प्रबंध निदेशक सीएस राजन को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा 3 अप्रैल से छह महीने के लिए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। संकटग्रस्त इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंड एफएस) ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में समूह के बकाया कर्ज का लगभग 55% हल कर लिया है, प्रबंध निदेशक सीएस राजन ने मंगलवार को कहा। दूसरों के बीच, कंपनी ने कर्ज कम करने के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपने प्रतिष्ठित मुख्यालय को 1,080 करोड़ रुपये में बेच दिया।
हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हुरुन ग्लोबल फोर्टी और अंडर सेल्फ-मेड बिलियनेयर्स 2022 जारी किया है, जो चालीस साल और उससे कम उम्र के दुनिया में (अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में) स्व-निर्मित अरबपतियों को रैंक करता है। हुरुन रिपोर्ट 2022 में दुनिया में 40 वर्ष और उससे कम आयु के 87 स्व-निर्मित अरबपतियों की सूची है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 अधिक है। 37 स्व-निर्मित अरबपतियों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका इस सूची में सबसे आगे है। चीन 25 अरबपतियों के साथ दूसरे स्थान पर है, इसके बाद शीर्ष पांच में क्रमशः यूनाइटेड किंगडम (8), भारत (6) और स्वीडन (3) है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग 40 साल से कम उम्र के दुनिया के सबसे अमीर स्व-निर्मित अरबपति हैं और उनकी कुल संपत्ति $76 बिलियन है। उनके बाद बाइटडांस के सीईओ झांग यिमिंग, एफटीएक्स के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड, एयरबीएनबी के सीईओ ब्रायन चेस्की और फेसबुक के सह-संस्थापक डस्टिन मोस्कोविट्ज़ हैं।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने दुबई एक्सपो 2020 में इंडिया पवेलियन में भाग लेने के लिए दुबई की अपनी यात्रा के दौरान दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय आभूषण प्रदर्शनी केंद्र (Indian Jewellery Exposition Centre - IJEX) भवन का उद्घाटन किया। आईजेईएक्स के शुभारंभ के दौरान, मंत्री ने जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (Gem and Jewellery Export Promotion Council - GJEPC) के निर्यात सदस्यों को मौजूदा 35 बिलियन अमरीकी डालर से सालाना 100 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात लक्ष्य के लिए जाने का आह्वान किया।
रेटिंग एजेंसी ICRA ने 2022-23 (FY23) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह दर 8 फीसदी थी। ICRA Ltd ने 2021-22 (FY22) के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 8.5% रहने का अनुमान लगाया है, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 8.9% के आधिकारिक अग्रिम अनुमान से कम है। रूस-यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न कमोडिटी की कीमतों और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों का हवाला देते हुए, साथ ही साथ घरेलू आय में कमी के कारण ईंधन और खाद्य तेलों की उच्च कीमतों की मांग में कमी आई।
बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) के मौजूदा अध्यक्ष, हिमंत बिस्वा सरमा को 2022 से 2026 तक दूसरे चार साल के कार्यकाल के लिए निर्विरोध चुना गया है। उन्हें 25 मार्च, 2022 को गुवाहाटी में बीएआई की आम सभा की बैठक के दौरान चुना गया था। वह असम के वर्तमान मुख्यमंत्री भी हैं। उन्हें पहली बार 2017 में बाई प्रमुख के रूप में चुना गया था। इसके अलावा, सरमा बैडमिंटन एशिया के उपाध्यक्ष और बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं। बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया भारत में बैडमिंटन की शासी निकाय है। BAI सोसायटी के अधिनियम के तहत पंजीकृत एक संघ है। इसका गठन 1934 में हुआ था और 1936 से भारत में राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट आयोजित कर रहा है।
हर साल, राजस्थान में 30 मार्च को राज्य दिवस मनाया जाता है। राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है, इसका क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है। इस वर्ष राजस्थान अपना 73वां स्थापना दिवस मना रहा है। अगर इतिहास के पन्नों में देखा जाए तो राजस्थान ने अपना अस्तित्व 30 मार्च 1949 को खोजा यानी इसी दिन राजपूताना का विलय भारतीय संघ में हुआ था। राजस्थान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को राजस्थान की विरासत के बारे में जागरूक करना तथा इसके महत्व को बताना है साथ ही इसकी विरासत को बचाना है। जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय 30 मार्च, 1949 को होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना था। यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।
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