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5 May 2022

सरकार ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट 2020 जारी की

केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु रिपोर्ट के आधार पर नागरिक पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट 2020 जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में 2.48 करोड़ जन्‍म पंजीकृत किए गए जो वर्ष 2020 में घटकर 2.42 करोड़ हो गए। यह जन्‍म दर में लगभग 2 दशमलव चार-शून्‍य प्रतिशत की कमी दर्शाती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में पंजीकृत मृत्‍यु के मामलों की संख्‍या 76 लाख 40 हजार से बढ़कर 2020 में 81 लाख 20 हजार हो गई जो 6 दशमलव दो प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। कुल पंजीकृत मौतों में लगभग 60 प्रतिशत पुरूष और लगभग चालीस प्रतिशत महिलाएं थी। कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, असम और हरियाणा का 2019 से 2020 तक दर्ज मौतों की बढ़ी हुई संख्या में अधिक हिस्‍सा रहा। नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल ने कहा है कि रिपोर्ट में शामिल जन्म और मृत्यु की संख्या वास्तविक संख्या है जो देश भर में लगभग 3 लाख पंजीकरण इकाइयों से एकत्र की जाती है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2022: भारत 150वें स्थान पर

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने 20वां विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2022 जारी किया है, जो 180 देशों और क्षेत्रों में पत्रकारिता की स्थिति का आकलन करता है। सूचकांक समाचार और सूचना अराजकता के विनाशकारी प्रभावों पर प्रकाश डालता है - एक वैश्वीकृत और अनियमित ऑनलाइन सूचना स्थान के प्रभाव जो झूठे समाचार और प्रचार को प्रोत्साहित करते हैं। सूचकांक में भारत की रैंकिंग पिछले साल के 142वें स्थान से गिरकर 150वें स्थान पर आ गई है। नेपाल को छोड़कर, भारत के पड़ोसियों की रैंकिंग भी सूचकांक के साथ नीचे खिसक गई है। नेपाल वैश्विक रैंकिंग में 30 अंकों की बढ़त के साथ 76वें स्थान पर पहुंच गया है। पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें और म्यांमार 176वें स्थान पर है। नॉर्वे (प्रथम) डेनमार्क (दूसरा), स्वीडन (तीसरा) एस्टोनिया (चौथा) और फ़िनलैंड (5 वां) ने शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि उत्तर कोरिया 180 देशों और क्षेत्रों की सूची में सबसे नीचे रहा।

रिजर्व बैंक ने नीतिगत रेपो दर में 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चार दशमलव चार प्रतिशत किया

भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत रेपो दर में 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रेपो दर चार दशमलव चार प्रतिशत हो गई है। रिजर्व बैंक ने कहा कि वर्तमान आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में वृद्धि करने का निर्णय लिया। रेपो रेट ब्‍याज की वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्‍यक बैंकों को ऋण देता है। समिति ने कहा कि इन फैसलों से मुद्रास्फीति को अपेक्षित स्तर तक बनाए रखने में मदद मिलेगी।

2021-22 में भारत का फार्मा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

भारत के फार्मा क्षेत्र ने 2021-22 में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ निर्यात प्रदर्शन दर्ज किया। भारत के फार्मा क्षेत्र में 2013-14 के बाद से 103% की वृद्धि देखी गई, जो 2013-14 में 90, 415 करोड़ रुपये से 2021-22 में 1,83,422 करोड़ है। वैश्विक व्यापार व्यवधानों के बावजूद 2021-22 में भारत के फार्मा निर्यात में सकारात्मक वृद्धि हुई है। व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में बना हुआ है। मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता और अच्छी गुणवत्ता के बल पर भारतीय फार्मा कंपनियों ने वैश्विक पहचान बनाई है। भारत फार्मास्यूटिकल्स का एक प्रमुख निर्यातक है, जिसमें दुनिया के 60% टीके और 20% जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं। 200 से अधिक देशों को भारतीय फार्मा निर्यात द्वारा सेवा प्रदान की जाती है। भारत अफ्रीका की 50% से अधिक जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। भारत डीपीटी, बीसीजी और खसरे के टीकों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। WHO के 70% टीके (आवश्यक टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार) भारत से मंगवाए जाते हैं। इस प्रकार, भारत ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में सेवा कर रहा है। भारतीय दवा उद्योग मात्रा के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य की दृष्टि से 14वां सबसे बड़ा उद्योग है।

IOC मेथनॉल के मिश्रण वाला पेट्रोल पेश किया

हाल ही में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने असम के तिनसुकिया जिले में पायलट आधार पर M15 पेट्रोल लॉन्च किया। M15 15% मेथनॉल और 85% पेट्रोल का मिश्रण है। मेथनॉल की तैयार उपलब्धता के कारण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) द्वारा तिनसुकिया जिले (असम) में पायलट रोलआउट किया गया था, जिसे डिगबोई रिफाइनरी के आसपास के क्षेत्र में असम पेट्रोकेमिकल लिमिटेड द्वारा निर्मित किया जा रहा है। यह ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को लगभग 5 से 10% तक कम करने में मदद करता है। पेट्रोल में 15% मेथनॉल मिलाने से पार्टिकुलेट मैटर, NOx और SOx के मामले में GHG उत्सर्जन में 20% की कमी आएगी, जिससे शहरी वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। पेट्रोल को मेथनॉल के साथ मिलाने से वैश्विक स्तर पर ईंधन की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी। यह ईंधन स्वतंत्रता प्राप्त करने और आयात के बोझ को कम करने में मदद करता है। पेट्रोल में 15% मेथनॉल मिलाने से कच्चे तेल के आयात में कम से कम 15% की कमी आ सकती है। कोयला भंडार और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को मेथनॉल में परिवर्तित किया जा सकता है।

मुद्रा और वित्त पर RBI ने रिपोर्ट जारी की

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त (RCF) पर रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट का विषय “Revive and Reconstruct” है, जो एक टिकाऊ रिकवरी पोस्ट-कोविड ​​​​को पोषित करने और मध्यम अवधि में प्रवृत्ति वृद्धि को बढ़ाने के संदर्भ में है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था को COVID-19 के नुकसान से उबरने में 12 साल से अधिक समय लगने की संभावना है। 2020-21 के लिए (-) 6.6% की वास्तविक विकास दर, 2021-22 के लिए 8.9%, और 2022-23 के लिए 7.2% की वृद्धि दर अनुमानित है। आपूर्ति की कमी और लंबे समय तक डिलीवरी के समय ने शिपिंग लागत और कमोडिटी की कीमतों को बढ़ा दिया, जिससे मुद्रास्फीति के दबाव तेज हो गए और दुनिया भर में आर्थिक सुधार को खतरा पैदा हो गया।

फ्रांस में कान फिल्म समारोह के साथ आयोजित आगामी मोर्से डू फिल्म समारोह में भारत सम्‍मानित राष्‍ट्र होगा

फ्रांस में कान फिल्म महोत्सव के साथ आयोजित आगामी मार्शे डू फिल्म में भारत सम्‍मानित राष्‍ट्र होगा। महोत्सव का आयोजन 17 मई से शुरू होगा। यह पहली बार है जब किसी देश को ऐसा सम्मान दिया जा रहा है। ‘सम्मानित देश (कंट्री ऑफ ऑनर)’ के दर्जे ने मैजेस्टिक बीच पर आयोजित की जा रही मार्चे ’ डू फिल्म की ओपनिंग नाइट में फोकस कंट्री के रूप में भारत की उपस्थिति सुनिश्चित की है जिस दौरान भारत, इसके सिनेमा, इसकी संस्कृति और विरासत पर प्रकाश डाला जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेरिस यात्रा तथा राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों के साथ उनकी बैठक से यह आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो गया है। श्री ठाकुर ने कहा कि कान नेक्स्ट में भी भारत को सम्मानित राष्‍ट्र का दर्जा दिया गया है, जिसके अंतर्गत ऑडियो-विजुअल उद्योग में पांच नए स्टार्ट-अप्स को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इस महोत्‍सव में भारत की ओर से आर. माधवन द्वारा निर्मित फिल्म रॉकेटरी का वर्ल्ड प्रीमियर भी आकर्षण का केन्‍द्र बिन्‍दु होगा।

राष्ट्रपति ने बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने असम के तामुलपुर में बोडो साहित्य सभा (BSS) के 61वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहा कि अब तक 17 लेखकों को बोडो भाषा में उनकी रचनाओं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें से 10 लोगों को कविता के लिए सम्मानित किया गया है। यह बोडो लेखकों के बीच कविता के प्रति स्वाभाविक लगाव को दर्शाता है। बोडो भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने हेतु संविधान संशोधन वर्ष 2003 में हुआ और उसकी घोषणा जनवरी 2004 में की गई। उस समय भारत-रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी देश के प्रधानमंत्री थे। असम के अलावा, बोडो भाषा बोलने वाले लोग बांग्लादेश, नेपाल, त्रिपुरा, नागालैंड और पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में रहते हैं। असम साहित्य सभा से प्रेरित होकर 1952 में साहित्य, संस्कृति और भाषा के विकास के लिए BSS का गठन किया गया था। राष्ट्रपति के साथ असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अन्य गणमान्य व्यक्ति बीएसएस के इस मेगा कार्यक्रम में शामिल हुए हैं।

दूसरा भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन, आइसलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री श्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री सुश्री मैग्डेलीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री सना मारिन के साथ भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन ने 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-नॉर्डिक संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया। महामारी के बाद आर्थिक सुधार (रिकवरी), जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण और हरित एवं स्वच्छ विकास आदि क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। स्थायी महासागर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना समेत जल से जुड़ी (ब्लू इकॉनमी) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति, आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छी रूपरेखा प्रस्तुत करती है। प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों के सोवेरेन वेल्थ फण्ड को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

इंटरनेट के भविष्य के लिए घोषणा

हाल ही में, अमेरिका और 60 अन्य देशों ने इंटरनेट के भविष्य के लिए एक नई घोषणा पर हस्ताक्षर किए। इस घोषणा के लक्ष्य इंटरनेट को खुला, मुक्त और तटस्थ रखना, बढ़ती डिजिटल सत्तावाद को रोकना, मुक्त अभिव्यक्ति को कम किए बिना अवैध सामग्री को हटाना सुनिश्चित करना, इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के पर्यावरण पदचिह्न को कम करना हैं। घोषणा के तहत प्रतिबद्धताएं मानव अधिकारों और सभी की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करना, वैश्विक इंटरनेट को बढ़ावा देना जो सूचना के मुक्त प्रवाह को आगे बढ़ाता है, समावेशी और किफायती कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाना ताकि हर कोई डिजिटल अर्थव्यवस्था से लाभान्वित हो सके, गोपनीयता की सुरक्षा सहित वैश्विक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को बढ़ावा देना हैं। घोषणा पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख देश अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू), यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्रांस, आदि हैं। भारत ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए। चीन और रूस भी इस घोषणा का हिस्सा नहीं हैं।

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुवाहाटी में पूर्वोत्‍तर उत्‍सव के समापन सत्र को सम्‍बोधित किया

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र समूचे देश के लिए विकास के इंजन के रूप में उभरेगा। वे पूर्वोत्‍तर उत्‍सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन गुवाहाटी में आजादी का अमृत महोत्‍सव के हिस्‍से के रूप में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने किया। सप्‍ताह भर के पूर्वोत्‍तर उत्‍सव में विभिन्‍न कार्यक्रमों के माध्‍यम से इस क्षेत्र के भूले-बिसरे नायकों को याद किया गया।

हर वर्ष दो सौ लोगों को रामेश्वरम से काशी विश्वनाथ मंदिर तक तीर्थ यात्रा कराई जाएगी : तमिलनाडु सरकार

तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की है कि हर वर्ष दो सौ लोगों को रामेश्वरम के प्रसिद्ध रामनाथ स्वामी मंदिर से उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर तक तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। विधानसभा में कई घोषणाएं करते हुए, हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री शेखर बाबू ने कहा कि इस योजना के लिए सरकार 50 लाख रुपये आवंटित करेगी। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम स्थित तीर्थ विश्राम गृह में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए मिनी बस का प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने पांच ​​करोड़ रुपये की लागत से एक हजार मंदिरों में विकास कार्य कराने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक हजार साल से अधिक पुराने अस्सी मंदिरों का सौ करोड़ रुपये के खर्च से जीर्णोद्धार किया जाएगा। सत्ताईस मंदिरों में 80 करोड़ रुपये की लागत से नए विवाह गृह बनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने आपदा रोधी बुनियादी ढांचे पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से आपदा रोधी बुनियादी ढांचे पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्कॉट मॉरिसन एमपी, घाना के राष्ट्रपति श्री नाना एडो डंकवा अकुफो-एडो, जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा और मेडागास्कर के राष्ट्रपति श्री एंड्री नीरिना राजोइलिना ने भी सत्र को संबोधित किया। भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, बिजली, यातायात आदि-इत्यादि जैसे क्षेत्रों में बुनियादी सेवा के प्रावधान को लगातार बढ़ा रहा है, जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री ने कहा, “हम लोग बहुत स्पष्ट तरीके से जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर रहे हैं। यही कारण है कि हम कॉप-26 में अपने विकास प्रयासों के समानान्तर 2070 तक ‘नेट-ज़ीरो’ को हासिल करने के लिये संकल्पित हैं।”

विषाणु रोग रहित आलू बीज उत्पादन के लिए एरोपॉनिक विधि का मध्य प्रदेश के साथ अनुबंध, ग्वालियर में बनेगी लैब

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य एवं मध्य प्रदेश के उद्यानिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह के विशेष आतिथ्य में, विषाणु रोग रहित आलू बीज उत्पादन के लिए एरोपॉनिक विधि का म.प्र. सरकार के साथ दिल्ली में अनुबंध हुआ। इसके अंतर्गत ग्वालियर में म.प्र. की पहली लैब स्थापित होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अंतर्गत केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने हवा में आलू के बीज उत्पादन की यह अनूठी तकनीक विकसित की है।

संस्कृति मंत्रालय ने अनंग ताल झील के जीर्णोद्धार का आदेश दिया

हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने दक्षिणी दिल्ली में स्थित ऐतिहासिक अनंग ताल झील के जीर्णोद्धार का आदेश दिया है। राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अधिकारियों से इसके संरक्षण कार्य में तेज़ी लाने को कहा है ताकि साइट को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सके। यह झील दिल्ली के महरौली में स्थित है जिसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय द्वारा 1060 ईस्वी में कराया गया था। उन्हें 11वीं शताब्दी में दिल्ली की स्थापना करने और इसे बसाने हेतु जाना जाता है। सहस्राब्दी पुराना अनंग ताल दिल्ली के प्रारंभिक कालखंड का प्रतीक है। अनंग ताल का राजस्थान से एक मज़बूत संबंध है क्योंकि महाराजा अनंगपाल को पृथ्वीराज चौहान के नाना के रूप में जाना जाता है, जिनका किला राय पिथौरा, ASI की सूची में शामिल है।

फ़्रांँस के नेवल ग्रुप ने P-75 इंडिया प्रोजेक्ट के लिये बोली को अस्वीकार कर दिया

हाल ही में फ़्रांँस के नेवल ग्रुप ने P-75 इंडिया प्रोजेक्ट के लिये बोली को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि यह अभी तक एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन ( AIP) प्रौद्योगिकी का उपयोग नहीं करता है। लगभग 10 देश एआईपी प्रौद्योगिकी विकसित कर चुके हैं या विकसित करने के करीब हैं तथा लगभग 20 देशों के पास एआईपी पनडुब्बियांँ मौजूद हैं। जून 1999 में कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी (CCS) ने 30 वर्षीय पनडुब्बी निर्माण योजना को मंज़ूरी दी थी जिसमें वर्ष 2030 तक 24 पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण करना शामिल था। पहले चरण में उत्पादन की दो श्रृंखलायें स्थापित की जानी थीं- पहली, पी-75; दूसरी, पी-75आई। प्रत्येक श्रृंखला को छह पनडुब्बियों का उत्पादन करना था। जबकि छह P-75 पनडुब्बियांँ डीज़ल-इलेक्ट्रिक हैं, उन्हें बाद में AIP तकनीक से सुसज्जित किया जा सकता है। इस परियोजना में 43,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक वायु-स्वतंत्र प्रणोदन प्रणाली से लैस छह पारंपरिक पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है। AIP पारंपरिक गैर-परमाणु पनडुब्बियों के लिये तकनीक है। पनडुब्बियांँ अनिवार्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: पारंपरिक और परमाणु। पारंपरिक पनडुब्बियांँ डीज़ल-इलेक्ट्रिक इंजन का उपयोग करती हैं, जिससे उन्हें ईंधन के दहन के लिये वायुमंडलीय ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु प्रतिदिन सतह पर आना पड़ता है। यदि पनडुब्बी AIP प्रणाली से सुसज्जित है तो इन्हें सप्ताह में केवल एक बार ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता होगी। स्वदेशी रूप से विकसित AIP नौसेना सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (NMRL-DRDO) के प्रमुख मिशनों में से एक है, जिसे नौसेना के लिये DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक माना जाता है।

स्टार्टअप ओपेन देश की 100वीं यूनिकॉर्न बनी

बंगलूरू स्थित नियोबैंक प्लेटफॉर्म 'ओपेन' 100वाँ यूनिकॉर्न बन गया है। नए सिरे से फंडिंग जुटाने के बाद कंपनी का मूल्य एक अरब डॉलर को पार कर गया है। भारत वर्तमान में यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त कंपनियों की संख्या के मामले में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है (अमेरिका और चीन से पीछे, लेकिन यू.के. एवं जर्मनी से आगे)। यूनिकॉर्न, वे स्टार्ट-अप होते हैं जिनका मूल्य 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होता है। इस शब्द को पहली बार कैलिफोर्निया के पालो अल्टो में स्थित एक सीड-स्टेज वेंचर कैपिटल फंड ‘काउबॉय वेंचर्स’ के संस्थापक ‘ऐलीन ली’ द्वारा गढ़ा गया था। यूनिकॉर्न मानव संसाधन क्षेत्र में भर्ती से संबंधित अवधारणा को संदर्भित करता है।

स्टार्टअप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम के तहत भारती एयरटेल ने ख़रीदा Cnergee Technologies में 7% इक्विटी

भारत के दूसरे सबसे बड़े दूरसंचार ऑपरेटर भारती एयरटेल ने घोषणा की कि एयरटेल स्टार्टअप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम ने क्लाउड-आधारित नेटवर्किंग समाधान फर्म कनर्जी टेक्नोलॉजीज (Cnergee Technologies) में 7% का निवेश किया है। नवी मुंबई में स्थित कनर्जी (Cnergee), सभी प्रकार के उद्यमों के लिए क्लाउड-आधारित व्यापक नेटवर्किंग समाधानों में माहिर है।

बंगाल को हराकर केरल बना संतोष ट्रॉफी चैम्पियन

केरल के मलप्पुरम के मंजेरी स्टेडियम में संपन्न हुए 75वीं संतोष ट्रॉफी 2022 में केरल ने फाइनल मुकाबले के पेनल्टी शूटआउट में पश्चिम बंगाल को 5-4 से हराकर खिताब अपने नाम किया। नियमित समय में मैच के गोलरहित बराबरी पर छूटने के बाद अतिरिक्त समय में केरल ने पिछड़ने के बाद मैच खत्म होने से कुछ समय पहले बराबरी का गोल दागा। टूर्नामेंट का खिताब 32 बार जीतने वाली बंगाल की टीम को मौजूदा सत्र के लीग चरण में भी केरल ने हराया था। घरेलू मैदान पर संतोष ट्रॉफी टूर्नामेंट में केरल की यह तीसरी जीत है। इससे पहले, उन्होंने 1973-74 और 1992-93 में कोच्चि में दो संस्करण जीते थे। केरल के कप्तान जिजो जोसेफ को पार्क के बीच में शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस

प्रतिवर्ष 4 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य उन अग्निशमन कर्मियों को याद करना है, जिन्होंने समाज की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है। ज्ञात हो कि 4 जनवरी, 1999 को ऑस्ट्रेलिया के वनों में लगी आग बुझाने के दौरान पाँच अग्निशमन कर्मियों की मृत्यु हो गई थी और इसी घटना को चिह्नित करते हुए प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक लाल और नीला रिबन है। इसमें लाल रंग आग को दर्शाता है एवं नीला रंग पानी को और ये रंग दुनिया भर में आपातकालीन सेवाओं का संकेत देते हैं। यह दिवस अग्निशामकों को उनकी प्रतिबद्धता, असाधारण साहस और नि:स्वार्थ सेवा के लिये धन्यवाद करने हेतु मनाया जाता है। इसके अलावा भारत में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1944 में 14 अप्रैल को मुंबई बंदरगाह पर एक मालवाहक जहाज़ में अचानक आग लग गई थी, जिसमें काफी मात्रा में रुई, विस्फोटक और युद्ध उपकरण थे। इस आग पर काबू पाने की कोशिश में 66 अग्निशमनकर्मी आग की चपेट में आकर अपने प्राण गँवा बैठे थे। इन्हीं अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्व अस्थमा दिवस

विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस 3 मई, 2022 को मनाया गया। इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस-2022 की थीम ‘क्लोज़िंग गैप्स इन अस्थमा केयर’ (Closing Gaps in Asthma Care) है। इसका मूल उद्देश्य विश्व भर में अस्थमा की बीमारी एवं देखभाल के बारे में जागरूकता फैलाना है। वर्ष 1998 में पहली बार ‘ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा’ (GINA) ने इसका आयोजन बार्सिलोना (स्पेन) में हुई ‘प्रथम विश्व अस्थमा बैठक’ के बाद किया था। हालाँकि COVID-19 के कारण इस वर्ष वैश्विक स्तर पर इसका आयोजन स्थगित कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व में लगभग 235 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। ‘ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा’ (GINA) को वर्ष 1993 में अस्थमा के लिये वैश्विक पहल के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ (National Institutes of Health), ‘नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट’ (National Heart, Lung and Blood Institute- NHLBI) के सहयोग से शुरू किया गया था। अस्थमा फेफड़ों की एक पुरानी बीमारी है, जिसके कारण रोगी को साँस लेने में समस्या होती है। यह गैर-संचारी रोगों में से एक है। इस बीमारी के दौरान श्वसनमार्ग में सूजन से सीने में जकड़न, खाँसी, साँस लेने में तकलीफ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। ये लक्षण आवृत्ति एवं गंभीरता (Frequency and Severity) में भिन्न होते हैं। जब लक्षण नियंत्रण में नहीं होते हैं तो साँस लेना मुश्किल हो सकता है। वर्तमान में यह बीमारी बच्चों में सबसे अधिक देखने को मिलती है। अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है किंतु अगर सही समय पर सही इलाज के साथ इसका प्रबंधन किया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

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