मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 288 राजपूत कालीन एक प्राचीन परम्परा पाति-पेरवन को किस शासक ने निभाया -
-
- (अ) राणा कुम्भा
- (ब) राण प्रताप
- (स) राणा सांगा
- (द) राणा अमरसिंह
उत्तर : राणा सांगा
व्याख्या :
खानवा युद्ध राणा सांगा एवं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के मध्य 17 मार्च, 1527 ई. को बयाना के पास (वर्तमान रूपबास) हुआ। युद्ध में राणा सांगा के झंडे के नीचे राणा सांगा ने पाती पेरवन की राजपूत परंपरा को पुनर्जीवित कर के प्रत्येक सरदार को अपनी ओर युद्ध में शामिल होने का निमंत्रण भेजा ।
- प्रश्न 289 राजपूताना में आवल-भावल की ऐतिहासिक सन्धि किन दो राज्यों के मित्रतापूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए जानी जाती है -
-
- (अ) मेवाड़ व मारवाड़
- (ब) मेवाड़ व अजमेर
- (स) मारवाड़ व ढूंढाड़
- (द) मेवाड़ व हाड़ौती
उत्तर : मेवाड़ व मारवाड़
व्याख्या :
आवल-बावल की संधि 1453 ई. : महाराणा कुम्भा व राव जोधा के मध्य कुम्भा की दादी व राव जोधा की बुआ हंसाबाई ने मध्यस्थता करते हुए दोनों के मध्य 1453 ई. में सोजत (पाली) में ‘आवल-बावल’ की संधि करवाई । जिसके तहत मेवाड़-मारवाड़ की सीमा का निर्धारण हुआ तथा राव जोधा ने अपनी पुत्री श्रृंगार देवी का विवाह कुम्भा के पुत्र रायमल के साथ किया।
- प्रश्न 290 मेवाड़ के रायमल के किस पुत्र को उड़वा राजकुमार कहा जाता है -
-
- (अ) सांगा
- (ब) जगमाल
- (स) पृथ्वीराज
- (द) इनमें कोई नहीं
उत्तर : पृथ्वीराज
व्याख्या :
पृथ्वीराज को ‘उडणा’ पृथ्वीराज भी कहते हैं। अजमेर के प्रशासन का संचालन करते समय पृथ्वीराज ने अजमेर दुर्ग के कुछ भागों का निर्माण करवाकर दुर्ग का नाम अपनी पत्नि तारा (राव सुरताण की पुत्री) के नाम पर तारागढ़ कर दिया।
- प्रश्न 291 राणा कुम्भा के शासनकाल में कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति को पूर्ण किया -
-
- (अ) रणछोड़ भट्ट ने
- (ब) कवि महेश ने
- (स) कान्हा व्यास ने
- (द) मण्डन ने
उत्तर : कवि महेश ने
व्याख्या :
इसे 1460 ई. में बनवाया। कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति के रचयिता कवि अत्रि थे लेकिन इनका निधन हो जाने के कारण इस प्रशस्ति को उनके पुत्र कवि महेश ने पूरा किया। इस पर तीसरी मंजिल पर अरबी में 9 बार अल्लाह शब्द लिखा हुआ है।
- प्रश्न 292 वास्तुकार मण्डन मूलतः किस राज्य का निवासी था -
-
- (अ) बंगाल
- (ब) गुजरात
- (स) महाराष्ट्र
- (द) पंजाब
उत्तर : गुजरात
व्याख्या :
मंडन मुलतः गुजरात के ब्राहम्ण थे और कुम्भा के प्रमुख वास्तुकार थे। ये कुंभलगढ़ दुर्ग के मुख्य शिल्पी थे।
- प्रश्न 293 महाराणा कुम्भा ने चित्तौड़ में विजय स्तम्भ का निर्माण किस विजय की स्मृति में कराया -
-
- (अ) गुजरात
- (ब) मालवा
- (स) चन्देरी
- (द) माण्डु
उत्तर : मालवा
व्याख्या :
कुम्भा ने मालवा विजय के उपलक्ष्य में 9 मंजिला विजय स्तम्भ (Victory Tower) का निर्माण 1437 ई. में करवाया। जिसकी शुरूआत 1437-40 ई. में की गई, जो 1448 ई. में बनकर तैयार हुआ।
- प्रश्न 294 स्थापत्य कला का जनक होने के कारण राणा कुम्भा को किस नाम से जाना जाता है -
-
- (अ) हालगुरू
- (ब) शैलगुरू
- (स) अभिनव भरताचार्य
- (द) हिन्दु सुरताण
उत्तर : हालगुरू
व्याख्या :
हालगुरू - पर्वतीय दुर्गों का स्वामी होने के कारण/स्थापत्य कला का जनक होने के कारण
- प्रश्न 295 मेवाड़ के किस शासक को सबसे अधिक उपाधियां प्राप्त थी -
-
- (अ) राणा मोकल
- (ब) राणा सांगा
- (स) राणा कुम्भा
- (द) राणा हम्मीर
उत्तर : राणा कुम्भा
व्याख्या :
कुम्भा को अभिनव भरताचार्य, राणा रासौ, दानगुरू, हालगुरू, रामरायण, महाराजाधिराज, राजगुरू, परमगुरू, छापगुरू आदि उपाधियां प्राप्त थी।
- प्रश्न 296 प्रसिद्ध वास्तुकार फना-मना-विशल किसके दरबार में थे -
-
- (अ) राणा कुम्भा
- (ब) राणा मोकल
- (स) राणा हम्मीर
- (द) राणा सांगा
उत्तर : राणा मोकल
व्याख्या :
महाराणा मोकल के दरबार में मना, फना व विसल जैसे शिल्पी तथा योगेश्वर व भट्ट विष्णु जैसे विद्वान थे।
- प्रश्न 297 मेवाड़ के किस राजा के शासनकाल में जाबर में चांदी की खान निकली -
-
- (अ) राणा मोकल
- (ब) राणा कुम्भा
- (स) राणा लाखा
- (द) राणा हम्मीर
उत्तर : राणा लाखा
व्याख्या :
राणा लाखा के समय में जावर माइन्स से चांदी और सीसा बहुत अधिक मात्रा में निकलने लगा जिससे आर्थिक समृद्धि बढ़ी।
page no.(30/38)