तहसील - 8 पंचायत समीति -6 संभाग - जयपुर
दौसा जिला 10 अपै्रल, 1991 को जयपुर की चार तहसीलों दौसा, सिकराय, बसवा एवं लालसोट को पृथक कर बनाया गया। 15 अगस्त, 1992 को सवाई माधोपुर जिले की महुआ तहसील को भी दौसा में जोड़ दिया गया।
दौसा का नाम देवगिरी पहाड़ी के नाम पर पड़ा। दौसा कच्छवाह राजपुतों की पहली राजधानी थी।
ढुढ़ाड़ राज्य के स्थापना की प्रथम राजधानी - दौसा(धौलाराय द्वारा स्थापित)।
दौसा जिले की सीमा किसी भी अन्य राज्य या देश से नहीं लगती ।
ढुढ नदी - दौसा के लालसोट में यह मोरेल में मिल जाती है।
माधो सागर बांध/परियोजना - दौसा।
रेडियो बांध - दौसा।
ढुढाड़ सर्किट - जयपुर - दौसा - आमेर।
मेंहदीपुर बालाजी - यहां बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर है जो कि दो घाटियों के मध्य स्थित है इसलिए इसे घाटा मेंहदीपुर भी कहते हैं यहां की मुर्ति पर्वत का ही एक भाग है।
हर्षत माता का मंदिर - यह वेष्णव सम्प्रदाय का मंदिर जो प्रतिहार कला का अनुपम उदाहरण है।
माताजी का मंदिर - माता जी का मंदिर सचिनी देवी के नाम से भी जाना जाता है। यह दौसा का प्राचीन मंदिर है। देवी दुर्गा को समर्पित इस मंदिर में 12 वीं शताब्दी की दुर्लभ मूर्तिकला देखी जा सकती है।
पंच महादेव - दौसा के मंदिर में भगवान शिव के पांच रूप सहजनाथ, सोमनाथ, गुप्तेश्वर, बेजड़नाथ और नीलकंठ विराजमान है।
दौसा में कोई वन्यजीव अभ्यारण्य नहीं है।
टेरिकोटा(मिट्टी के बर्तन व खिलौने) - बसवा, दौसा।
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