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डीग

अनूपगढ़

प्रशासकीय इकाईयां

तहसील - 9 संभाग - भरतपुर

भरतपुर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला डीग गठित किया गया है जिसका मुख्यालय डीग होगा। नवगठित डीग जिले में 9 तहसील (डीग, जनूथर, कुम्हेर, रारह, नगर, सीकरी, कामां, जुरहरा, पहाड़ी) हैं।

इतिहास

स्कन्द पुराण में डीग का नाम दीर्घ या दीर्घापुर आया है।

डीग को फुव्वारों का नगर और जल महलों की नगरी भी कहा जाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य

जेम्स फर्ग्यूसन ने अपनी पुस्तक हिस्ट्री ऑफ इण्डियन एण्ड ईस्टर्न आर्किटेक्चर में डीग के स्थापत्य को उत्कृष्ट कोटि का बताया है।

महाराजा बदनसिंह ने डीग को अपनी राजधानी बनाया और अपने पुत्र सूरजमल (जाटों का प्लेटो) को डीग में एक विशाल दुर्ग बनाने का आदेश दिया।

डीग के जलमहल काफी प्रसिद्ध हैं। दो तालाबों के मध्य बने जलमहल महाराजा सूरजमल द्वारा बनवाये गये थे। इनमें बने ‘गोपाल भवन(सबसे बड़ा महल)’, ‘हरिदेव भवन’, ‘नंदभवन’, ‘केशव भवन’ तथा ‘श्रावण-भादों’ आदि महाराजा के ग्रीष्म ऋतुकालीन आवासगृह थे।

उत्तरी भारत में एकमात्र पूर्णतयः हिन्दू शैली के जल महल डीग के है।

कामाँ डीग जिले की प्रमुख तहसील है। यह नगर महाभारत काल से भी पहले अस्तित्व में था। इनका नाम ‘ब्रह्मपुर’ था। किंवदंती के अनुसार भगवान कृष्ण के नाना कामसेन ने इसका नाम ब्रह्मपुर से बदलकर कामाँ कर दिया।

कामाँ से लगभग 11 किमी. की दूरी पर घाटा नामक स्थान से गुर्जर प्रतिहार वंश का एक लेख मिला है। इस लेख में कहा गया है कि प्रतिहार भोजदेव ने कामेश्वर महादेव के मन्दिर के लिए भूमि दान में दी थी।

कामाँ गाँव के उत्तर-पूर्व कोण में क्षेत्रपाल के रूप में कामेश्वर महादेव विराजमान है।

कामाँ से चौरासी खम्भा मन्दिर के अवशेष भी प्राप्त हुए है। इस मन्दिर से भी गुर्जर प्रतिहारों का शिलालेख मिला है जिसमें प्रतिहार राजाओं की वंशावली दी गई है। एक स्तम्भ पर लेख में वर्णित किया गया है कि शूरसेन वंश के दुर्गगण की पत्नी वच्छातालिका ने एक वैष्णव मन्दिर बनवाया था। इस मन्दिर के पास धर्मकुंड वही स्थान है जहाँ यक्ष ने युधिष्ठर की परीक्षा ली थी।

कामाँ में तुलसी के पौधे काफी अधिक संख्या में है, जिसकी वजह से इसे ‘आदि वृंदावन’ भी कहा जाता है। भादों महीने में यहाँ विशेष वन यात्रा होती है। बारिश के मौसम में यहां के चील महल में मेला भी लगाया जाता है जिसे परिक्रमा मेला कहा जाता है।

डीग में आदि बद्री तीर्थ है। यह श्री बद्रीनारायण तपस्थली कहलाती है। पास में ही सेऊ गाँव है जहाँ सौगन्धी शिला स्थित है। यहाँ एक मन्दिर में नारायण और दोनों तरफ चन्द्र एवं कुबेर स्थापित है।

डीग में इन्द्रौली गाँव भी स्थित है। इस स्थान पर देवराज इन्द्र ने भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त की। यह राधा जी की सखी इन्दुलेखा जी का गाँव है। इसमें इन्दुलेखा निकुंज, इन्दुकूप तथा इन्द्रकुण्ड आदि स्थित है।

कामाँ वन के आगे कनवारी गाँव है। कण्व ऋषि ने कनवारी गाँव तपस्या करके भगवान कृष्ण के दर्शन प्राप्त किये थे। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण तथा दाऊ बलराम का कर्णछेदन इसी स्थान पर हुआ था। यहाँ कण्व कुण्ड, पनिहारी कुण्ड, श्रीकृष्ण कुण्ड आदि दर्शनीय स्थल है।

कुम्हेर के किले की नींव महाराजा सूरजमल ने 1726 ई. में रखी थी। यह किला करीब आठ वर्ष में बनकर पूर्ण हुआ।

गुड़गाँव नहर कामाँ तहसील के जुरेरा गाँव से राजस्‍थान में प्रवेश करती है। यह हरियाणा व राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।

डीग फव्वारों के महलों के लिए भी राजस्थान में प्रसिद्ध है। यह फव्वारें ईरानी चार बाग पद्धति पर आधारित है।

नौटंकी भरतपुर का प्रमुख लोकनाट्य है, जिसकी शुरुआत डीग के भूरेलाल ने की। नौटकी में नौ प्रकार के वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है।

नोट- राजस्थान की प्रथम महिला नौटंकी कलाकार करौली निवासी मुश्तर बाई है।

होली के अवसर पर भरतपुर क्षेत्र में जिकड़ी एवं हुरंगों का आयोजन किया जाता है। डीग का हुरंगा विशेष प्रसिद्ध है।

अलवर और डीग क्षेत्र में बमरसिया नृत्य भी प्रसिद्ध है। इस नृत्य में एक बड़े नगाड़े का प्रयोग किया जाता है।

वल्लभ सम्प्रदाय से संबंधित गोकुल चन्द्र मंदिर कामाँ में स्थित है।

भोजन थाली मेला भाद्रपद शुक्ल 5 को कामाँ में भरता है।

बंसी पहाड़पुर ग्राम पंचायत में प्राचीन समय में गरुड़ भगवान का मेला लगता था। यह प्रतिवर्ष कार्तिक माह में लगता है।

गंगा दशहरा मेला कामाँ में लगता है।

देश का एकमात्र लक्ष्मणजी का मंदिर कामाँ में स्थित है।

राजस्थान में जुरहरा रामलीला सर्वाधिक प्रसिद्ध है।

डीग, कुम्हेर, कामाँ तथा भरतपुर जिलों का क्षेत्र बृज नाम से जाना जायेगा।

डीग, कुम्हेर व कामाँ को छोड़कर शेष डीग जिले की तहसीलें व अलवर जिला मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जायेगा।

मुर्रा भैंस का प्रजन्न केंद्र कुम्हेर में है।

डीग में रूपारेल नदी पर सीकरी बांध बना हुआ है।

NCR क्षेत्र में अलवर, भरतपुर, खैरथल, डीग और कोटपुतली-बहरोड़ आते हैं।

डीग से दिल्ली-बम्बई एक्सप्रेस गुजरता है।

Official Website

https://deeg.rajasthan.gov.in

राजस्थान मानचित्र

यहां आप राजस्थान के मानचित्र से जिला चुन कर उस जिले से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

rajasthan District श्रीगंगानगर हनुमानगढ् अनूपगढ़ चूरू बीकानेर जैसलमेर झुन्‍झुनू सीकर नीम का थाना डीडवाना कुचामन नागौर फलौदी कोटपुतली खैरथल तिजारा जोधपुर ग्रामीण अजमेर जयपुर ग्रामीण दूदू अलवर डीग भरतपुर दौसा गंगापुर सिटी करौली धौलपुर सवाई माधोपुर टोंक केकड़ी ब्‍यावर पाली बालोतरा जालौर बाड़मेर सांचौर सिरोही राजसमंद भीलवाड़ा शाहपुरा बूंदी कोटा बारां झालावाड़ चित्तौड़गढ़ उदयपुर सलूंबर प्रतापगढ़ डूंगरपुर बांसवाड़ा जाेधपुर जयपुर

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