तहसील - 7 संभाग - भरतपुर
सवाईमाधोपुर एवं करौली जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला गंगापुरसिटी गठित किया गया है जिसका मुख्यालय गंगापुरसिटी होगा। नवगठित गंगापुरसिटी जिले में 7 तहसील (गंगापुरसिटी, तलावड़ा, वजीरपुर, बामनवास, बरनाला, टोडाभीम, नादोती) हैं। टोडाभीम और नादोती तहसील काे करौली से जोड़ा गया है। बाकी सभी को सवाईमाधोपुर से जोड़ा गया है।
गंगापुर की स्थापना राजा कुशलीराम हल्दिया ने की थी, जिन्होंने मूल रूप से इसका नाम कुशलगढ़ रखा था। बाद में उन्होंने देवी गंगा का मंदिर बनवाया इसलिए इसका नाम बदलकर गंगापुर कर दिया गया, जबकि अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजों ने इसमें ‘सिटी’ जोड़ा, इसलिए इसे गंगापुर सिटी के नाम से जाना जाता है।
गंगापुर सिटी में सबसे पहले खीरमोहन मिठाई बनाने का श्रेय हाबूलाल हलवाई को जाता है। आज यह मिठाई विश्व में अपना विशेष महत्त्व रखती है।
खंडार नगर की खंडार की बर्फी न केवल राजस्थान में बल्कि सम्पूर्ण देश में अपना विशेष स्थान रखती है।
1905 ई. में बड़ौदा - बम्बई रेलवे की बड़ी रेल लाइन गंगापुर सिटी में डाली गई।
जगदीश जी का मंदिर नादौती में स्थित है। जहाँ श्रावण अमावस्या का मेला भरता है।
गंभीर नदी का उद्गम नादौती की पहाड़ियों से होता है।
धुंधेश्वर महादेव, चौक वाले बालाजी मंदिर एवं कल्याणजी का मंदिर गंगापुर सिटी में स्थित है। धुंधेश्वर झरना भी यहीं स्थित है।
धूधेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है अपने अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। मंदिर में गोविन्द देवजी की मूर्ति भी है। ऐसा माना जाता है कि जयपुर राजघराने ने जयपुर में गोविन्द देव मन्दिर की स्थापना के दिन ही यहाँ मूर्ति स्थापित करवाई थी।
यहाँ कानी खोह झरना, गुप्त गंगा, संतों की गुफा, रघुवर बाबा की कुण्डी दर्शनीय है।
नदौती जयपुर के महाराजा पृथ्वीराज के वंशजों से जुड़ा हुआ है। यहाँ का किला 1500 ई. में ठाकुर हरिदास जी द्वारा निर्मित करवाया गया था।
नदौती में भगवान जगदीश का एक पौराणिक मंदिर स्थित है। इसकी स्थापना 1735 ई. में की गई थी।
नदौती के गुढाचन्द्रजी गांव में घटवासन माता का मन्दिर स्थित है। यहां दाउदजी महाराज का रियासतकालीन मंदिर भी स्थित है।
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