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नीम का थाना

नीम का थाना

प्रशासनिक इकाईयां

तहसील - 5 संभाग - सीकर

सीकर एवं झुन्झुनू जिलों का पुनर्गठन कर नया जिला नीम का थाना गठित किया गया है जिसका मुख्यालय नीम का थाना होगा। नवगठित नीम का थाना जिले में 5 तहसील (नीम का थाना, पाटन, श्रीमाधोपुर, उदयपुरवाटी, खेतड़ी) हैं। उदयपुरवाटी, खेतड़ी को झुन्झुनू से जोड़ा गया है बाकी सभी को सीकर से जोड़ा गया है।

इतिहास

नीम का थाना शब्द निंबार्क का स्थान से बना है। नीमकाथाना मध्यकाल में निंबार्क संप्रदाय का मुख्य स्थान रहा है। निंबार्क (नीम का) स्थल /थान (रहने का स्थान) से नीमकाथाना शब्द बना है।

महत्वपूर्ण तथ्य

पहले झुझुनू को तांबा जिला कहा जाता था लेकीन अब सभी तांबे की खाने नीम का थाना जिले में आ गई हैं। इसलिए नीम का थाना को तांबा जिला कहा जा सकता है।

कांतली नदी - कांतली नदी का उद्गम खंडेला पहाड़ी, सीकर से होता है। कांतली नदी सीकर, नीम का थाना और झुंझुनू जिले से होकर बहती है।

गणेश्वर सभ्यता : नीम का थाना में कांतली नदी के किनारे पर स्थित गणेश्वर ताम्रयुगीन संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थल है। रतनचन्द्र अग्रवाल के निर्देशन में हुए उत्खनन से यहाँ 2800 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं। गणेश्वर को भारत की ताम्र सभ्यताओं की जननी माना जाता है।

सुनारी सभ्यता खेतड़ी तहसील में कांतली नदी तट पर अस्तित्व में आई। सुनारी में जो महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए हैं वह अयस्क से लौह धातु बनाने वाली भट्टियों के अवशेष है।

लोहार्गल जी - लोहार्गल जी या लुहागर जी उदयपुरवाटी में स्थित है। लोहागर्ल का अर्थ - वह स्थान जहां लोहा गल जाए। पुराणों के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद श्री कृष्ण की सलाह पर पाप मुक्ति के लिए पांडवों ने यहां सुर्यकुण्ड में स्नान किया उनके हथियार गल गए। भगवान परशुराम ने भी यहां पर यज्ञ किया और स्नान किया। यहां पर सूर्यकुंड व सूर्य मंदिर आस्था का प्रतिक हैं।

पाटन का युद्ध 20 जून 1790 को महादजी सिंधिया व प्रताप सिंह के मध्य नीम का थाना में हुआ था।

खेतड़ी तांबे की खान के लिए प्रसिद्ध है। यहां देश का एक मात्र ताम्र उत्पादन संस्थान हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड (यू. एस. ए. की सहायता से स्थापित)है।

स्वामी विवेकानंद जी 1891 में खेतड़ी शासक अजीतसिंह के यहां आये थे। अजीतसिंह स्वामी विवेकानंद का सानिध्य पाने वाले राज्य के पहले राजा थे।

गोपी नाथ मंदिर श्री माधोपुर में है।

मनसा माता का मंदिर उदयपुर वाटी में है।

कोट बांध उदयपुरवाटी में है।

कायम कुंड नीम का थाना में है।

पापड़ा तालाब नीम का थाना में है।

पन्ना शाह तालाब खेतड़ी में स्थित ऐतिहासिक तालाब है। खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने तालाब का निर्माण करवाया था।

पंसारी की हवेली श्रीमाधोपुर शहर में स्थित है।

गणेश्वर, टपकेश्वर, बालेश्वर, बाघेश्वर आदि प्राचीन तीर्थ स्थल नीम का थाना में है।

रामनारायण चौधरी (बेंगु और बिजोलिया किसान आन्दोलन) का संबंध नीम का थाना से है।

पीथमपुरी झील नीम का थाना तहसील में स्थित है। यह एक छोटी सी गर्त भूमि पर है जहां वर्षा का पानी जमा हो जाता है जो कुछ महीनों तक भरा रहता है और बाद में सूख जाता है।

Official Website

https://neemkathana.rajasthan.gov.in

राजस्थान मानचित्र

यहां आप राजस्थान के मानचित्र से जिला चुन कर उस जिले से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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