जनहित याचिका
- प्रश्न 1 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्णा अय्यर भारत के मुख्य न्यायमूर्ति थे।
2. न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्णा अय्यर भारतीय न्यायिक सेवा में लोकहित याचिका (PIL) के प्रजनकों में से एक माने जाते हैं।
कूट- -
- (अ) केवल 1
- (ब) केवल 2
- (स) 1 और 2 दोनों
- (द) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : केवल 2
व्याख्या :
न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्णा अय्यर 1973 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। वे कभी भारत के मुख्य न्यायाधीश नहीं रहे। न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती एवं न्यायमूर्ति अय्यर लोकहित याचिका *को प्रारंभ करने एवं प्रोत्साहन देने के लिए जाने जाते हैं।
- प्रश्न 2 भारतीय कानूनी प्रणाली में जनहित याचिका क्या लागू करना चाहती है -
-
- (अ) निजी कर्तव्य
- (ब) सार्वजनिक कर्तव्य
- (स) राजनीतिक एजेंडा
- (द) वित्तीय दावे
उत्तर : सार्वजनिक कर्तव्य
व्याख्या :
जनहित याचिका “सार्वजनिक कर्तव्यों” के प्रवर्तन के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गई है।
- प्रश्न 3 जनहित याचिका की शुरूआत किसके द्वारा की गई -
-
- (अ) संसदीय एक्ट के द्वारा
- (ब) संवैधानिक संशोधन के द्वारा
- (स) न्यायिक पहल द्वारा
- (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर : न्यायिक पहल द्वारा
व्याख्या :
जनहित याचिका न्यायिक सक्रियता के माध्यम से न्यायालयों द्वारा जनता को दी गई शक्ति है।
- प्रश्न 4 पी.आई.एल. है-
-
- (अ) पब्लिक इन्टरेस्ट लिटिगेशन
- (ब) पब्लिक इन्क्वायरी लिटिगेशन
- (स) पब्लिक इन्वेस्टमेंट लिटिगेशन
- (द) प्राइवेट इन्वेस्टमेंट लिटिगेशन
उत्तर : पब्लिक इन्टरेस्ट लिटिगेशन
व्याख्या :
पी.आई.एल. का पूर्णरूप है- पब्लिक इन्टरेस्ट लिटिगेशन (जनहित याचिका)। जनहित याचिका उच्च न्यायालयों एवं उच्चतम न्यायालय दोनों में प्रस्तुत की जा सकती है।
- प्रश्न 5 जनहित याचिका कहाँ पर प्रस्तुत की जा सकती है -
-
- (अ) केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में
- (ब) केवल राज्यों के उच्च न्यायालयों में
- (स) केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरणों में
- (द) उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय दोनों में
उत्तर : उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय दोनों में
व्याख्या :
“सद्भावनापूर्वक कार्य करने वाला कोई भी सार्वजनिक या सामाजिक कार्य समूह का सदस्य” उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226 के तहत) या सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32 के तहत) के रिट क्षेत्राधिकार का आह्वान कर सकता है, ताकि उन व्यक्तियों के कानूनी या संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के विरुद्ध निवारण की मांग की जा सके, जो सामाजिक या आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटा सकते।
- प्रश्न 6 भारत में न्यायिक सक्रियता संबंधित है-
-
- (अ) प्रतिबद्ध न्यायपालिका से
- (ब) जनहित याचिका से
- (स) न्यायिक पुनरावलोकन से
- (द) न्यायिक स्वतंत्रता से
उत्तर : जनहित याचिका से
व्याख्या :
भारत में न्यायिक सक्रियता यद्यपि न्यायिक पुनरावलोकन और जनहित याचिका दोनों से संबंधित है तथापि वस्तुतः जनहित याचिका की प्रक्रिया के माध्यम से ही न्यायिक सक्रियता भारत में सामाजिक परिवर्तन की वाहक के रूप में उभरी है।
- प्रश्न 7 ‘जनहित याचिका’ (PIL) शब्द की उत्पत्ति किस देश के न्यायशास्त्र से हुई है -
-
- (अ) भारत
- (ब) संयुक्त राज्य अमेरिका
- (स) यूनाइटेड किंगडम
- (द) कनाडा
उत्तर : संयुक्त राज्य अमेरिका
व्याख्या :
‘जनहित याचिका’ शब्द अमेरिकी न्यायशास्त्र से लिया गया है, जहां इसे पहले से अप्रतिनिधित्व प्राप्त समूहों जैसे गरीबों, नस्लीय अल्पसंख्यकों, असंगठित उपभोक्ताओं, पर्यावरण संबंधी मुद्दों के प्रति संवेदनशील नागरिकों आदि को कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था।
- प्रश्न 8 PIL मुख्य रूप से किसकी रक्षा के लिए न्यायालय में दायर की जाती है -
-
- (अ) निजी हित
- (ब) सार्वजनिक हित
- (स) राजनीतिक हित
- (द) व्यक्तिगत विवाद
उत्तर : सार्वजनिक हित
व्याख्या :
जनहित याचिका (पीआईएल) का अर्थ है, प्रदूषण, आतंकवाद, सड़क सुरक्षा, निर्माण संबंधी खतरे आदि जैसे “सार्वजनिक हित” की सुरक्षा के लिए कानून की अदालत में दायर मुकदमा।
- प्रश्न 9 भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की अनुमति देता है -
-
- (अ) अनुच्छेद 19
- (ब) अनुच्छेद 32
- (स) अनुच्छेद 226
- (द) अनुच्छेद 21
उत्तर : अनुच्छेद 32
व्याख्या :
“सद्भावनापूर्वक कार्य करने वाला कोई भी सार्वजनिक या सामाजिक कार्य समूह का सदस्य” उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226 के तहत) या सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32 के तहत) के रिट क्षेत्राधिकार का आह्वान कर सकता है, ताकि उन व्यक्तियों के कानूनी या संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के विरुद्ध निवारण की मांग की जा सके, जो सामाजिक या आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटा सकते।
- प्रश्न 10 भारत में पहला जनहित याचिका मामला किस वर्ष दायर किया गया था -
-
- (अ) 1979
- (ब) 1985
- (स) 1976
- (द) 1990
उत्तर : 1979
व्याख्या :
जनहित याचिका का पहला मामला हुसैनारा खातून बनाम बिहार राज्य (1979) था, जो जेलों और विचाराधीन कैदियों की अमानवीय स्थितियों पर केंद्रित था, जिसके कारण 40,000 से अधिक विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया था।
page no.(1/4)