राठौड़ वंश
- प्रश्न 1 मारवाड़ का महाराणा प्रताप व मारवाड़ का भूला-बिसरा शासक किसे जाना जाता है -
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- (अ) राव मालदेव
- (ब) राव रायमल
- (स) उदयसिंह
- (द) राव चन्द्रसेन
उत्तर : राव चन्द्रसेन
व्याख्या :
मारवाड़ के राजा चंद्रसेन राठौर को अक्सर भूले-बिसरे नायक के रूप में संबोधित किया जाता था। उन्होंने दो दशक तक अपने देश पर मुगल साम्राज्य के हमलों का सामना किया था।
- प्रश्न 2 मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा ‘दलथम्भन’ की उपाधि किसे प्रदान की गई थी -
Statistical Office Exam - 2023 (GK) -
- (अ) गजसिंह
- (ब) जसवन्तसिंह
- (स) सूरसिंह
- (द) अजीतसिंह
उत्तर : गजसिंह
व्याख्या :
सम्राट जहाँगीर ने ‘दलथभन’ की उपाधि राव गजसिंह को दी थी। गजसिंह को मलिक अम्बर को परास्त करने पर 4000 का मनसब व जहाँगीर ने दलथंभन (शत्रु को रोकने वाला) की उपाधि दी गई थी।
- प्रश्न 3 राव मालदेव के सम्बंध में कौनसा एक कथन सही नहीं है।
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- (अ) राव मालदेव ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया।
- (ब) 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान मालदेव ने बहादुरशाह की सहायता की।
- (स) उसके सेनापति जैता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुमेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए
- (द) राव मालदेव ने जैसलमेर के राव लूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया
उत्तर : 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान मालदेव ने बहादुरशाह की सहायता की।
व्याख्या :
राव मालदेव(1531-1562) ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया। इसने 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान विक्रमादित्य की सहायता की। 1536 में राव मालदेव ने जैसलमेर के राव तूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया जो इतिहास में रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध है। माल देव के श्वसुर तृणकरण के षड़यंत्र के बाद मालदेव एवं उमादे के सम्बंध बिगड़ गए थे और वह अजमेर के तारागढ़ में जाकर रहने लगी थी। उसके सेनापति जेता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुगेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 4 मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा बीकानेर के महाराजा रायसिंह को कितनी मनसब प्रदान की गयी थीं -
Food Safety Officer - 2022 -
- (अ) चार हजार पाँच सौ
- (ब) पाँच हजार
- (स) छः हजार
- (द) चार हजार
उत्तर : पाँच हजार
व्याख्या :
अकबर ने रायसिंह को 4000 का मनसबदार बनाया। जहांगीर के शासनकाल में 5000 की मनसबदारी मिली।
- प्रश्न 5 निम्नलिखित राठौड़ वंश के राजाओं में से किसने साहस और कूटनीति के माध्यम से, मंडोर पर कब्जा कर लिया और उसे अपनी राजधानी बनाया -
RPSC EO/ RO Exam 2022 Shift-1 -
- (अ) राणा हम्मीर
- (ब) राव चुंडा
- (स) राव मालदेव
- (द) राव चंद्रसेन
उत्तर : राव चुंडा
व्याख्या :
इंदा परिहार ने मण्डौर यवन-मुसलमानों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दे दिया और यह शर्त रखी कि उनके 84 गांव में राठौड़ हस्तक्षेप नहीं करेंगे। एक प्रकार से राव चूड़ा को अपना सामंत बनाया। इस प्रकार मारवाड़ में सामंत प्रथा का संस्थापक राव चूड़ा को मना जाता है। राव चूँडा ने मण्डौर को राठौड़ों की राजधानी बनाया।
- प्रश्न 6 मुगल- मारवाड़ संघर्ष छिड़ने पर मेवाड़ के किस महाराणा ने राठौड़ों का साथ दिया -
Sr. Teacher Gr II Comp. Exam - 2022 (Sanskrit Edu.) Group B -
- (अ) महाराणा जगतसिंह
- (ब) महाराणा जयसिंह
- (स) महाराणा राजसिंह
- (द) महाराणा कर्णसिंह
उत्तर : महाराणा राजसिंह
व्याख्या :
वीर दुर्गादास, गोरा धाय तथा मुकुंददास खींची ने अजीतसिंह को चुपके से दिल्ली से निकाल कर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में छिपा दिया। इस कार्य में मेवाड़ महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने बड़ी सहायता की।
- प्रश्न 7 16 अप्रैल, 1658 के दिन किस युद्ध में औरंगजेब ने जसवंतसिंह को हराया -
CET 2022 (12th Level) 11 February 2023 Shift-1 -
- (अ) धरमत का युद्ध
- (ब) दौराई का युद्ध
- (स) सामूगढ़ का युद्ध
- (द) खजुवा का युद्ध
उत्तर : धरमत का युद्ध
व्याख्या :
धरमत का युद्ध (1658 ई.) : मुगल सम्राट शाहजहाँ के चारों पुत्रों (दाराशिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद) के मध्य उत्तराधिकार को लेकर 1658 व 1659 ई. में कई युद्ध लड़े गए। इनमें धरमत (उज्जैन, मध्य प्रदेश) का युद्ध बड़ा प्रसिद्ध रहा। जसवंतसिंह व अन्य अनेक राजपूत शासक शाही सेना की ओर से दाराशिकोह के पक्ष में तथा औरंगजेब के विपक्ष में लड़े। लेकिन कासिम खान ने धोखा दिया जिससे शाही खेमे की हार हुई।
- प्रश्न 8 मारवाड़ का कौनसा शासक स्वतंत्रता प्रेमी था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकारनहीं की -
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- (अ) राव चन्द्रसेन
- (ब) राय उदयसिंह
- (स) महाराजा जसवंतसिंह
- (द) महाराजा सिंह
उत्तर : राव चन्द्रसेन
व्याख्या :
राव चंद्रसेन ऐसा प्रथम राजपूत शासक था जिसने अपनी रणनीति में दुर्ग के स्थान पर जंगल और पहाड़ी क्षेत्र को अधिक महत्त्व दिया था। खुले युद्ध के स्थान पर छापामार युद्ध प्रणाली का महत्त्व स्थापित करने में मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह के बाद चंद्रसेन राजपूताने का दूसरा शासक था। इस प्रणाली का अनुसरण महाराणा प्रताप ने भी किया था। राव चंद्रसेन को महाराणा प्रताप का पथ प्रदर्शक माना जाता है। इसलिए राव चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का प्रताप’ कहा जाता है।
- प्रश्न 9 बीकानेर शहर के नाम के सम्बन्ध में कौनसा कथन सत्य है -
High Court LDC 2022 (12 March 2023) -
- (अ) राव बीका तथा नेहरा जाट के मध्य समझौते के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा है।
- (ब) जोधा ने इस भू-भाग को नेहरा जाट को बेच दिया था जिस कारण इसका नाम बीकानेर पड़ा।
- (स) बीकानेरी भुजिया की उत्पत्ति यहां से होने के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा।
- (द) यह भू-भाग बहुत सारे कबीलों के नेताओं के अधिकार में था जिस कारण बीकानेर नाम पड़ा।
उत्तर : राव बीका तथा नेहरा जाट के मध्य समझौते के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा है।
व्याख्या :
राव बीका तथा नेहरा जाट के मध्य समझौते के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा है। बीका का जन्म जोधपुर के राजा राव जोधा की पत्नी सांखली रानी नौरंगदे से हुआ, बीका का जन्म 5 अगस्त 1438, मंगलवार को हुआ।
- प्रश्न 10 किस युद्ध में औरंगजेब ने जसवंत सिंह को हराया -
3rd Grade Teacher 2022 Punjabi L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य) -
- (अ) सामूगढ़ का युद्ध
- (ब) खजुआ का युद्ध
- (स) धरमत का युद्ध
- (द) देवरई का युद्ध
उत्तर : धरमत का युद्ध
व्याख्या :
धरमत का युद्ध (1658 ई.) : मुगल सम्राट शाहजहाँ के चारों पुत्रों (दाराशिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद) के मध्य उत्तराधिकार को लेकर 1658 व 1659 ई. में कई युद्ध लड़े गए। इनमें धरमत (उज्जैन, मध्य प्रदेश) का युद्ध बड़ा प्रसिद्ध रहा। जसवंतसिंह व अन्य अनेक राजपूत शासक शाही सेना की ओर से दाराशिकोह के पक्ष में तथा औरंगजेब के विपक्ष में लड़े। लेकिन कासिम खान ने धोखा दिया जिससे शाही खेमे की हार हुई।
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