राजस्थान में रीति -रिवाज एवं प्रथाएं
- प्रश्न 11 1832 में कानून बनाकर दास प्रथा को समाप्त करनें वाला गवर्नर जनरल निम्न में सें कौन था-
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- (अ) लाॅर्ड आॅकलैण्ड
- (ब) लार्ड हार्डिग
- (स) लार्ड विलियम बैंटिक
- (द) लाॅर्ड एलनबरों
उत्तर : लार्ड विलियम बैंटिक
व्याख्या :
दास प्रथा का सर्वप्रथम उल्लेख कोटिल्य ने अपने ग्रंथ अर्थशास्त्र में किया है जिसमें नौ प्रकार के दासों का उल्लेख है। 1562 ई. में इस प्रथा पर रोक अकबर ने लगाई थी। दासों के निवास स्थान को राजलोक कहते थे। डावडी, पड़दायल, पासवान, खवासन दासियों के प्रकार थे। दासियों से उत्पन्न पुत्र दासी पुत्र या औरस पुत्र कहलाते थे। 1832 ई. में लार्ड विलयम बैंटिक ने दास निवारक अधिनियम बनाया। इस प्रथा को सर्वप्रथम बंद 1832 ई. में कोटा ने किया।
- प्रश्न 12 शारदा एक्ट 1929 के द्वारा विवाह के लिए कन्या एंव युवक की न्यूनतम कितनी आयु तय की गई-
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- (अ) 18 व 21
- (ब) 14 व 18
- (स) 12 व 16
- (द) 14 व 16
उत्तर : 14 व 18
व्याख्या :
शारदा एक्ट : इसे बाल विवाह निरोध अधिनियम, 1929 नामक दूसरा नाम दिया गया। बाल विवाह निरोध अधिनियम 28 सितंबर 1929 को पारित एक विधायी अधिनियम था। इस अधिनियम में लड़कियों की विवाह योग्य आयु 14 वर्ष और लड़कों के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई थी।
- प्रश्न 13 राज्य में सर्वप्रथम सती प्रथा पर रोक किस जिले द्वारा लगाई गई-
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- (अ) बूँदी
- (ब) धौलपुर
- (स) उदयपुर
- (द) जोधपुर
उत्तर : बूँदी
व्याख्या :
सती प्रथा को सर्वप्रथम रोकने का प्रयास मोहम्मद बिन तुगलक ने किया। अकबर ने भी इस प्रथा को रोकने का प्रयास किया था। राजस्थान में इस प्रथा को सर्वप्रथम बंद 1822 ई. में बूँदी रियासत के विष्णुसिंह ने किया।
- प्रश्न 14 हाली प्रथा से आशय है-
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- (अ) युद्ध के ढोल नगााड़े बजाने वाले एवं समान ढोने वाले स्थायी मजदुर से
- (ब) घरों पर काम करने वाले बधुआ मजदुर से
- (स) खेतों व घरों पर काम करने वाले बंधुआ मजदुर से
- (द) विवाह पर दिए जाने वाले दास दासी से
उत्तर : खेतों व घरों पर काम करने वाले बंधुआ मजदुर से
व्याख्या :
हाली पद्धति बंधुआ मजदूर एवं बंधुआ मजदूरी से संबंधित थे/था। इस पद्धति में उच्च जातियों के यहाँ पुश्तैनी मजदूर के रूप में कार्य करना होता था।
- प्रश्न 15 राजस्थान में सागड़ी प्रथा क्या थी -
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- (अ) सती प्रथा
- (ब) मृत्यु भोज प्रथा
- (स) हाली प्रथा
- (द) नाता प्रथा
उत्तर : हाली प्रथा
- प्रश्न 16 राजस्थान में जलवा पूूजन किया जाता है -
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- (अ) बच्चे के जन्म से पुर्व
- (ब) बच्चे के जन्म के कुछ दिन पश्चात्
- (स) बच्चे के मुण्डन संस्कार के समय
- (द) बच्चे के अन्न प्रासन संस्कार के समय
उत्तर : बच्चे के जन्म के कुछ दिन पश्चात्
व्याख्या :
कुआं पूजन पुत्र प्राप्ति पर किया जाता है। राजस्थान में इसे ‘जलवा पूजन’ भी कहते हैं। आधुनिक समय में इसे जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इसके अन्तर्गत मुख्यरूप से जलदेवता अर्थात् वरुणदेव की पूजा की जाती है। नवजात शिशु की मां कुएं अथवा नदी पर जाती है और वहां उसका पूजन कर जल लेकर आती है।
- प्रश्न 17 विवाह से सम्बन्धित रस्म है -
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- (अ) कांकन डोरड़ा
- (ब) पहरावणी
- (स) बरी पाड़ला
- (द) ये सभी
उत्तर : ये सभी
- प्रश्न 18 राजस्थान में पैरों की अंगुलियों में पहना जाने वाला आभूषण है -`
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- (अ) तकया
- (ब) बिछिया
- (स) अचकन
- (द) गोखरू
उत्तर : बिछिया
- प्रश्न 19 आदिवासीयों में कटकी वस्त्र पहना जाता है -
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- (अ) विधवाओं के द्वारा
- (ब) पुरूषों द्वारा
- (स) अविवाहित युवतियों द्वारा
- (द) विवाहित स्त्रियों द्वारा
उत्तर : अविवाहित युवतियों द्वारा
- प्रश्न 20 कौनसा रिवाज विवाह से संबंधित नहीं है -
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- (अ) बिंदोला
- (ब) गठ-जोड़ा
- (स) नांगल
- (द) डावरिया
उत्तर : नांगल
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