राजपूत युग
- प्रश्न 11 निम्नलिखित में किसने राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी जातियों से बताई -
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- (अ) क्रुक महोदय
- (ब) कर्नल टाॅड
- (स) डा. भण्डारकर
- (द) उपर्युक्त सभी
उत्तर : उपर्युक्त सभी
व्याख्या :
राजपूताना के प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल जेम्स टाॅड ने राजपूतों को शक और सीथियन बताया है। टाॅड की पुस्तक के सम्पादक विलियम क्रुक ने भी इसी मत का समर्थन किया है परन्तु इस विदेशी वंशीय मत का गौरीशंकर हीराचन्द ओझा ने खण्डन किया है। डाॅ. डी. आर. भण्डारकर राजपूतों को गुर्जर मानकर उनका संबंध श्वेत-हूणों के स्थापित करके विदेशी वंशीय उत्पत्ति को और बल देते हैं।
- प्रश्न 12 चीनी यात्री ह्वेनसांग ने गुर्जरों की राजधानी का नाम बताया था -
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- (अ) कू-चे-चो
- (ब) पीलोमोलो
- (स) सी-सो-यू
- (द) गीपोमोनो
उत्तर : पीलोमोलो
व्याख्या :
चीनी यात्री ह्वेनसांग जब भीनमाल आया तो उसने अपने 72 देशों के वर्णन में इसे कू-चे-लो(गुर्जर) बताया तथा उसकी राजधानी का नाम ‘पीलोमोलो/भीलामाल’ यानि भीनमाल बताया।
- प्रश्न 13 गुर्जर-प्रतिहार शासक इस नाम से भी जाने जाते हैं -
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- (अ) आर्य
- (ब) ब्राह्मण्
- (स) वैश्य
- (द) अग्निकुण्ड राजपूत
उत्तर : अग्निकुण्ड राजपूत
व्याख्या :
राजपूतों का विशुद्ध जाति से उत्पन्न होने के मत को बल देने के लिए उनको अग्निवंशीय बताया गया है। इस मत का प्रथम सूत्रपात चन्दबरदाई के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘पृथ्वीराजरासो’ से होता है। उसके अनुसार राजपूतों के चार वंश प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान ऋषि वशिष्ठ के यज्ञ कुण्ड से राक्षसों के संहार के लिए उत्पन्न किये गये।
- प्रश्न 14 प्रतिहारों को वैदिक क्षत्रियों का वंशज किसने बताया-
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- (अ) डा. ओझा
- (ब) कर्नल टाॅड
- (स) डा. भण्डारकर
- (द) डा. विलिय फ्रेंक्लिन
उत्तर : डा. ओझा
व्याख्या :
ओझा का कहना है कि राजपूतों तथा विदेशियों के रस्मों-रिवाजों में जो समानता कर्नल टाॅड ने बतायी है, वह समानता विदेशियों से राजपूतों ने प्राप्त नहीं की है, वरन् उनकी सात्यता वैदिक तथा पौराणिक समाज और संस्कृति से की जा सकती है।
- प्रश्न 15 सर्वप्रथम राजपूतों के लिए रघुकुल शब्द का प्रयोग किसने किया -
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- (अ) चन्द्रशेखर
- (ब) नयनचन्द्र सूरी
- (स) राजशेखर
- (द) जयसिंह सूरी
उत्तर : राजशेखर
व्याख्या :
राजशेखर ने कर्पूरमंजरी, काव्यमीमांसा, विद्धसालभंज्जिका, बालभारत, बालरामायण, हरविलास और भुवनकोश की रचना की। इन्होंने अपने ग्रन्थों में महेन्द्रपाल को रघुकुल चूड़ामणि, निर्भय नरेश, निर्भय नरेन्द्र कहा है। राजशेखर महिपाल के दरबार में भी रहे। राजशेखर ने इन्हें ‘आर्यावर्त का महाराजाधिराज’ कहा और ‘रघुकुल मुकुटमणि’ की संज्ञा दी।
- प्रश्न 16 गुरू विशिष्ठ ने राजपूतों की उत्पत्ति के लिए यज्ञ का आयोजन कहां किया था -
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- (अ) पुष्कर
- (ब) माउण्ट आबू
- (स) रणथम्भौर
- (द) भीनमाल
उत्तर : माउण्ट आबू
व्याख्या :
राजपूतों का विशुद्ध जाति से उत्पन्न होने के मत को बल देने के लिए उनको अग्निवंशीय बताया गया है। इस मत का प्रथम सूत्रपात चन्दबरदाई के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘पृथ्वीराजरासो’ से होता है। उसके अनुसार राजपूतों के चार वंश प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान ऋषि वशिष्ठ के यज्ञ कुण्ड से राक्षसों के संहार के लिए उत्पन्न किये गये।
- प्रश्न 17 नयनचन्द सूरी द्वारा रचित ग्रन्थ हम्मीर महाकाव्य में राजपूतों की उत्पत्ति बताई गई है -
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- (अ) चन्द्र से
- (ब) सूर्य से
- (स) अग्नि से
- (द) ब्राह्मणों से
उत्तर : सूर्य से
व्याख्या :
जयानक रचित ‘पृथ्वीराज विजय’ एवं नयनचंद्र सूरी द्वारा रचित ‘हम्मीद महाकाव्य’ ग्रन्थ में इन्हें सूर्यवंशी माना गया है।
- प्रश्न 18 चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबारी कवि कौटिल्य ने अपने ग्रन्थ अर्थशास्त्र में राजपूतों के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है -
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- (अ) रजतपुत्र
- (ब) राजपुत
- (स) राजपुत्र
- (द) राजनायक
उत्तर : राजपुत्र
व्याख्या :
कौटिल्य ने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में शासन, भ्रष्टाचार के सिद्धांत एवं व्यवहार संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है।
- प्रश्न 19 नैणसी री ख्यात में गुहिलों की कितनी शाखाओं का उल्लेख मिलता है -
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- (अ) बीस
- (ब) चौबीस
- (स) छत्तीस
- (द) चौरासी
उत्तर : चौबीस
व्याख्या :
“नैणसी री ख्यात” में गुहिलों की 24 शाखाओं का वर्णन मिलता है, जिनमें मेवाड़, बागड़ और प्रताप शाखा ज्यादा प्रसिद्ध हुई।
- प्रश्न 20 किस इतिहासकार ने 7वीं सदी से 12वीं सदी तक के युग को राजपूत काल कहा था -
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- (अ) के.सी. श्रीन्यास
- (ब) बी.एल थापर
- (स) विंसेट स्मिथ
- (द) डा. हरिचंद ओझा
उत्तर : विंसेट स्मिथ
व्याख्या :
विंसेट स्मिथ ने 7वीं सदी से 12वीं सदी तक के युग को राजपूत काल कहा।
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