राठौड़ वंश
- प्रश्न 101 मारवाड़ के अजीतसिंह ------- के पुत्र थे -
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- (अ) महाराजा जसवंतसिंह
- (ब) अभय सिंह
- (स) दुर्गादास
- (द) इनमे से कोई नहीं।।
उत्तर : महाराजा जसवंतसिंह
व्याख्या :
जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद औरंगजेब ने जोधपुर को खालसा कर दिया था। महाराजा जसवंतसिंह की गर्भवती रानी जसवन्तदे ने 19 फरवरी, 1679 को राजकुमार अजीत सिंह को लाहौर में जन्म दिया। वीर दुर्गादास एवं अन्य राठौड़ सरदारों ने मिलकर औरंगजेब से राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का शासक घोषित करने की माँग की। परंतु औरंगजेब ने इसे टाल दिया और कहा कि राजकुमार के वयस्क हो जाने पर उन्हें राजा बना दिया जायेगा। अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु के बाद अजीतसिंह ने जोधपुर पर अधिकार कर लिया।
- प्रश्न 102 बीकानेर के कौन से शासक को उसकी वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी -
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- (अ) राव दलपतसिंह
- (ब) राव सूरसिंह
- (स) राव कर्णसिंह
- (द) राव अनूपसिंह
उत्तर : राव अनूपसिंह
व्याख्या :
औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह दक्षिण में गोलकुण्डा की लड़ाई में शामिल हुआ इसके अलावा आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह की ओर से शासक रहा। औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी।
- प्रश्न 103 निम्न में से कौन सा कथन बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के विषय में सत्य नहीं है -
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- (अ) महाराजा गंगा सिंह ‘नरेन्द्र मंडल’ (भारतीय राजकुमारों का मण्डल) के प्रथम अध्यक्ष थे।
- (ब) 1930 ई. के प्रथम गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया था।
- (स) उनके शासनकाल में ‘गजशाही’ सिक्के प्रारम्भ हुए।
- (द) 1913 ई. में उन्होंने बीकानेर में ‘प्रजा प्रतिनिधि सभा’ की स्थापना की।
उत्तर : उनके शासनकाल में ‘गजशाही’ सिक्के प्रारम्भ हुए।
व्याख्या :
नरेन्द्र मण्डल का चांसलर गंगासिंह को बनाया गया। महाराजा गंगासिंह तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में देशी राज्यों के प्रतिनिधित्व के रूप में भाग लिया था। बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने अपने सिक्कों पर विक्टोरिया इंप्रेस लिखवाया। बीकानेर में गजशाही नामक चांदी का सिक्का चलता था। महाराजा गंगा सिंह ने 1913 में बीकानेर राज्य के लोगों को प्रतिनिधि सभा का उपहार दिया।
- प्रश्न 104 मारवाड़ के प्रसिद्ध इतिहासकार व लेखक मुहणोत नैणसी किसके शासनकाल में जोधपुर में मंत्री थे -
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- (अ) राव गजसिंह
- (ब) महाराजा जसवंतसिंह
- (स) महाराजा बख्तसिंह
- (द) राव शूरसिंह
उत्तर : महाराजा जसवंतसिंह
व्याख्या :
मुहणोत नैणसी ने इनके काल में ‘नैणसी री ख्यात’ व ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ नामक दो ऐतिहासिक ग्रन्थों की रचना की। मुहणोत नैणसी को राजस्थान का अबूल फजल कहा जाता है।
- प्रश्न 105 मारवाड़ की नूरजहां कहलाती है -
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- (अ) गुलाबराय
- (ब) रसकपूर
- (स) अमली मीणी
- (द) अनारा बेगम
उत्तर : गुलाबराय
व्याख्या :
कवि श्यामलदास ने गुलाब राय को मारवाड़ की नूरजहां कहा है।
- प्रश्न 106 किसे मारवाड़ का ‘अणबिन्दिया मोती’ कहा जाता है -
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- (अ) राव चन्द्रसेन
- (ब) दुर्गादास राठौड़
- (स) जसवन्त सिंह
- (द) राव जोधा
उत्तर : दुर्गादास राठौड़
व्याख्या :
दुर्गादास को मारवाड़ का अणबिन्दिया मोती व मारवाड़ का उद्धारक कहा जाता है।
- प्रश्न 107 बीकानेर शासक रायसिंह को किसने राजपूतों का कर्ण कहा -
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- (अ) मुहणोत नैणसी ने
- (ब) बीठू सूजा ने
- (स) मुंशी देवीप्रसाद ने
- (द) कैलाश सांखला ने
उत्तर : मुंशी देवीप्रसाद ने
व्याख्या :
रायसिंह के समय में घोर त्रिकाल पड़ा, जिसमें हजारों व्यक्ति एवं पशु मारे गए। महाराजा ने व्यक्तियों के लिए जगह-जगह ‘सदाव्रत’ खोले एवं पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की। इसलिए मुंशी देवी प्रसाद ने इसे ‘राजपूताने का कर्ण’ की संज्ञा दी है।
- प्रश्न 108 निम्न में से किसे ‘भूला बिसरा राजा’ कहा गया -
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- (अ) राव मालदेव
- (ब) राणा हम्मीर
- (स) महाराजा उम्मेद सिंह
- (द) राव चन्द्रसेन
उत्तर : राव चन्द्रसेन
व्याख्या :
राव चन्द्रसेन अकबरकालीन राजस्थान का प्रथम स्वतन्त्र प्रकृति का शासक था। इतिहास में समुचित महत्व न मिलने के कारण चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का भूला बिसरा नायक’ कहा जाता है।
- प्रश्न 109 राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का राज्य पुनः दिलाने में किस का योगदान सर्वाधिक रहा -
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- (अ) वीर दुर्गादास राठौड़
- (ब) जैंता व कूंपा
- (स) पन्नाधाय
- (द) जयमल व पत्ता
उत्तर : वीर दुर्गादास राठौड़
व्याख्या :
वीर दुर्गादास, गोरा धाय तथा मुकुंददास खींची ने अजीत सिंह को चुपके से दिल्ली से निकाल कर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में छिपा दिया। इस कार्य में मेवाड़ महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने बड़ी सहायता की। मेवाड़ महाराजा राजसिंह ने अजीतसिंह के निर्वाह के लिए दुर्गादास को केलवा की जागीर-प्रदान की।
- प्रश्न 110 जोधपुर शहर का परकोटा एवं जोधपुर किले के परकोटे का निर्माण किस शासक ने करवाया -
Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 2 -
- (अ) राव चूडा
- (ब) राव मालदेव
- (स) राव चन्द्रसेन
- (द) राव जोधा
उत्तर : राव जोधा
व्याख्या :
अपने राज्य की शक्ति संगठित करने के लिए राव जोधा ने अपने वृहत् राज्य की नयी राजधानी जोधपुर (सूर्य नगरी व नीली नगरी) में 1459 ई. में स्थापित की। राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर नया दुर्ग भी बनवाया गया जिसे मेहरानगढ़ कहा गया।
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