राठौड़ वंश
- प्रश्न 109 राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का राज्य पुनः दिलाने में किस का योगदान सर्वाधिक रहा -
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- (अ) वीर दुर्गादास राठौड़
- (ब) जैंता व कूंपा
- (स) पन्नाधाय
- (द) जयमल व पत्ता
उत्तर : वीर दुर्गादास राठौड़
व्याख्या :
वीर दुर्गादास, गोरा धाय तथा मुकुंददास खींची ने अजीत सिंह को चुपके से दिल्ली से निकाल कर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में छिपा दिया। इस कार्य में मेवाड़ महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने बड़ी सहायता की। मेवाड़ महाराजा राजसिंह ने अजीतसिंह के निर्वाह के लिए दुर्गादास को केलवा की जागीर-प्रदान की।
- प्रश्न 110 जोधपुर शहर का परकोटा एवं जोधपुर किले के परकोटे का निर्माण किस शासक ने करवाया -
Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 2 -
- (अ) राव चूडा
- (ब) राव मालदेव
- (स) राव चन्द्रसेन
- (द) राव जोधा
उत्तर : राव जोधा
व्याख्या :
अपने राज्य की शक्ति संगठित करने के लिए राव जोधा ने अपने वृहत् राज्य की नयी राजधानी जोधपुर (सूर्य नगरी व नीली नगरी) में 1459 ई. में स्थापित की। राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर नया दुर्ग भी बनवाया गया जिसे मेहरानगढ़ कहा गया।
- प्रश्न 111 मतीरे री राड किस वर्ष की घटना है -
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 2 -
- (अ) 1644 ई.
- (ब) 1656 ई.
- (स) 1544 ई.
- (द) 1654 ई.
उत्तर : 1644 ई.
व्याख्या :
एक जनश्रुति है कि बीकानेर सीमा के खेत में मतीरे की एक बैल लग गई थी जो फैलकर नागौर की सीमा में चली गई थी और मतीरा भी नागौर की सीमा में लगा। जब नागौर का किसान मतीरा तोड़ने आया तो बीकानेर वाले ने मना किया इस पर किसानों का झगड़ा हुआ और ये सूचना शासकों के पास पहुँच गई और दोनों के मध्य झगड़ा हुआ। राजपूतानें में इसे ‘मतीरे की राड़’ कहा जाता है। ये झगड़ा 1644 ई. में हुआ था।
- प्रश्न 112 निम्न में से कौन बीकानेर राज्य का दरबारी था -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 3 -
- (अ) सुन्दरदास
- (ब) बांकीदास
- (स) दयालदास
- (द) नैणसी
उत्तर : दयालदास
व्याख्या :
सूरतसिंह के समय दयालदास ने ‘बीकानेर राठौड़ री ख्यात’ लिखी थी।
- प्रश्न 113 राव मालदेव किस युद्ध में बिना लड़े ही युद्ध क्षेत्र से प्रस्थान कर गये -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 2 -
- (अ) सुमेल का युद्ध
- (ब) मेडता का युद्ध
- (स) भाद्राजून का युद्ध
- (द) खानवा का युद्ध
उत्तर : सुमेल का युद्ध
व्याख्या :
मालदेव से वीरमदेव ने कहलवाया कि जैता और कुंपा शेरशाह से मिल गये यह जानकर मालदेव ने अपनी सेना को पीछे हटने का आदेश दिया। इस मतभेद में मालदेव ने लगभग आधे सैनिकों को अपने साथ ले लिया और लगभग आधी सेना जैता और कूँपा के साथ रहकर शेरशाह का युद्ध में मुकाबला करने को डटी रही। जैतारण (ब्यावर) के निकट गिरि-सुमेल नामक स्थान पर जनवरी, 1544 में दोनों की सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ जिसमें शेरशाह सूरी की बड़ी कठिनाई से विजय हुई।
- प्रश्न 114 किस शासक का शासनकाल लगभग 50 वर्ष था -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1 -
- (अ) राव जोधा
- (ब) राव चूडा
- (स) राव मालदेव
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : राव जोधा
व्याख्या :
लगभग 50 वर्ष के लम्बे शासन के अनुभव के बाद राव जोधा (1438-1489 ई.) की मृत्यु 1489 इ. में हुई। डॉ. ओझा राव जोधा को ही जोधपुर का पहला प्रतापी राजा कहते हैं।
- प्रश्न 115 किस अवधि में जोधपुर राज्य का शासन खालसा रहा -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1 -
- (अ) 1584-87ई.
- (ब) 1586-88ई.
- (स) 1581-83ई.
- (द) कभी नहीं
उत्तर : 1581-83ई.
व्याख्या :
राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा। तीन वर्ष बाद अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार खिलअत और खिताब सहित 1583 ई. में दे दिया।
- प्रश्न 116 जेम्स टाॅड ने किसे राठौड़ों का यूलीसैस कहा है -
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 1 -
- (अ) राव चन्द्रसेन
- (ब) महाराजा अजीतसिंह
- (स) महाराजा जसवन्त सिंह
- (द) वीर दुर्गादास
उत्तर : वीर दुर्गादास
व्याख्या :
राठौड़ों का यूलीसैस दुर्गादास राठौड़ को कहा जाता है।
- प्रश्न 117 राजस्थान में ‘रूठी रानी’ के रूप में कौन सी रानी प्रसिद्ध हुई -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) कोड़मदे
- (ब) उमादे
- (स) चांपादे
- (द) जैतलदे
उत्तर : उमादे
व्याख्या :
1536 ई. में राव मालदेव का विवाह जैसलमेर के लूणकरण की कन्या उम्मादे से हुआ। किसी कारणवश लूणकरण ने मालदेव को मारने का इरादा किया तो लूणकरण की रानी ने पुरोहित राघवदेव द्वारा यह सूचना मालदेव को भिजवा दी। संभवतः इसी कारण से मालदेव उम्मादे से अप्रसन्न हो गया और वह भी मालदेव से रूठ गई। तभी से वह ‘रूठी रानी’ कहलाई तथा उसे अजमेर के तारागढ़ में रखा गया।
- प्रश्न 118 राजस्थान में ‘मोटा राजा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) मारवाड़ का सूरसिंह
- (ब) मारवाड़ का उदयसिंह
- (स) मारवाड़ का जसवंतसिंह
- (द) मारवाड़ का गजसिंह
उत्तर : मारवाड़ का उदयसिंह
व्याख्या :
राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा। तीन वर्ष बाद अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार खिलअत और खिताब सहित 1583 ई. में दे दिया। इस प्रकार मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ का प्रथम शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और मुगल राज्य की कृपा प्राप्त की थी।
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