राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 111 कौन पृथ्वीराज चौहान तृतीय का दरबारी विद्वान नहीं था -
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- (अ) विद्यापति गौड़
- (ब) वागीश्वर जर्नादन
- (स) विश्वरूप
- (द) सारंगधर
उत्तर : सारंगधर
व्याख्या :
सारंगधर, पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी विद्वान नहीं थे। ‘शारंगधर’ रणथंबोर के राजा ‘हमीर’ के गुरु ‘राघवदेव’ के पोते थे। उनके पिता का नाम ‘दामोदर’ था। शारंगधर अपने समय में संगीत के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम थे।
- प्रश्न 112 वह कौनसा शिलालेख है जिससे ज्ञात होता है की विग्रहराज चतुर्थ ने दिल्ली को अपने अधीन किया था -
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- (अ) बडली शिलालेख
- (ब) बिजौलिया शिलालेख
- (स) नांद शिलालेख
- (द) थानवला शिलालेख
उत्तर : बिजौलिया शिलालेख
व्याख्या :
इस अभिलेख में सांभर(शाकम्भरी) एवं अजमेर के चौहानों का वर्णन है। इसमें सांभर तथा अजमेर के चौहानों को वत्सगोत्रीय ब्राह्मण बताया गया है।
- प्रश्न 113 राजस्थान में अशोक का अभिलेख कहां प्राप्त हुआ था -
Lect. College Edu. EXAM 2014(GK) -
- (अ) बड़ली
- (ब) बरनाला
- (स) बैराठ
- (द) बुचकला
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
यहां अशोक मौर्य के दो अभिलेख मिले हैं। भाब्रू शिला फलक एवं बैराठ अभिलेख।
- प्रश्न 114 अभिलेखों के अध्ययन को कहा जाता है -
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- (अ) एपिलोजी
- (ब) एपिग्राफी
- (स) एनालोजी
- (द) एपिकाॅपी
उत्तर : एपिग्राफी
व्याख्या :
अभिलेखों के अध्ययन को ‘एपिग्राफी’ कहते हैं। अभिलेखों में शिलालेख, स्तम्भ लेख, गुहालेख, मूर्तिलेख, पट्टलेख आदि आते हैं।
- प्रश्न 115 ‘गाधिया’ सिक्के किस राज्य से संबंधित थे -
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- (अ) जोधपुर
- (ब) उदयपुर
- (स) जयपुर
- (द) बीकानेर
उत्तर : उदयपुर
व्याख्या :
हूणों द्वारा प्रचलित चांदी और तांबे के सिक्कों को गधिया मुद्रा कहा जाता है।
- प्रश्न 116 ‘ब्रोचगुर्जर’ नामक एक ताम्रपत्र के आधार पर राजपूतों को यू-ची जाति का वंशज मानते हुए इनका संबंध कुषाण जाति से किसने जोड़ा है -
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- (अ) जार्ज थाॅमस
- (ब) डा. भण्डाकर
- (स) कनिंघम
- (द) डा. कानूनगो
उत्तर : कनिंघम
- प्रश्न 117 मण्डौर अभिलेख किस राजा की प्रशस्ति है -
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- (अ) बाउक
- (ब) अपराजित
- (स) शीलादित्य
- (द) आदित्यवर्द्धन
उत्तर : बाउक
व्याख्या :
यह अभिलेख गुर्जर नरेश ‘बाउक’ की प्रशस्ति है। इसमें गुर्जर-प्रतिहारों की वंशावली, विष्णु एवं शिव पूजा का उल्लेख किया गया है।
- प्रश्न 118 बीकानेर के महाराता रतनसिंह द्वारा अपने सामंतों को कन्या कवध रोकने के लिए गया प्रतिज्ञा करवाने का वर्णन किस ख्यात में मिलता है -
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- (अ) मुण्डियार री ख्यात
- (ब) दयालदास री ख्यात
- (स) कवि राजा की ख्यात
- (द) बांकीदास री ख्यात
उत्तर : दयालदास री ख्यात
व्याख्या :
दयालदास सिढ़ायच बीकानेर के महाराज रतनसिंह के दरबारी थे। यह मारवाड़ी भाष में लिखी गई एक विस्तृत ख्यात है।
- प्रश्न 119 किस इतिहासकार को ‘कानून की माता’ व ‘कानूनी’ नाम से जाना जाता था -
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- (अ) हरविलास शारदा
- (ब) पं. झाबरमल शर्मा
- (स) मुंशी देवीप्रसाद
- (द) पं. विश्वेश्वरनाथ रेड
उत्तर : मुंशी देवीप्रसाद
व्याख्या :
मुंशी देवी प्रसाद का जन्म जयपुर में हुआ। देवीप्रसाद ने मारवाड़ राज्य के कानून बनाये तथा कानून विषयक 13 पुस्तकें लिखी।
- प्रश्न 120 ‘कुमारपाल’ प्रबन्ध में उल्लेख है कि चित्तौड़ के किले का निर्माण एक मौर्य राजा ने करवाया था, उस राजा का नाम था -
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- (अ) चित्रांगद
- (ब) चित्रांग
- (स) चित्रगुप्त
- (द) दशरथ
उत्तर : चित्रांगद
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