राजस्थान में रीति -रिवाज एवं प्रथाएं
- प्रश्न 111 सती (रोकथाम) अधिनियम को किस वर्ष राजस्थान सरकार द्वारा कब लागू किया गया था -
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- (अ) 1988 में
- (ब) 1987 में
- (स) 1986 में
- (द) 1985 में
उत्तर : 1987 में
- प्रश्न 112 राजस्थान के रीति-रिवाजों में ‘मौसर’ किसे कहा जाता है -
VDO Exam 1st Shift 28 Dec 2021 -
- (अ) गृह-प्रवेश
- (ब) दहेज
- (स) विवाह के अवसर पर प्रीति भोज
- (द) मृत्यु-भोज
उत्तर : मृत्यु-भोज
- प्रश्न 113 जन्म के समय एक आयोजन जिसमें पूजा के लिए गांव के कुएं पर एक शोभा यात्रा ले जायी जाती है -
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- (अ) तोरन समारोह
- (ब) डाबरिया समारोह
- (स) जलवा समारोह
- (द) न्योछावर समारोह
उत्तर : जलवा समारोह
- प्रश्न 114 विवाह के दूसरे दिन वर पक्ष द्वारा नवदंपति के लिए आशीर्वाद समारोह व प्रीतिभोज को क्या कहते हैं -
Basic Computer Instructor Exam 2022 Paper 1 -
- (अ) कू
- (ब) बढार
- (स) औलंदी
- (द) आणों
उत्तर : बढार
- प्रश्न 115 ‘चिकनी कोथली’ है -
JEN 2022: Civil Degree (GK) -
- (अ) पुत्र जन्मोत्सव की एक रस्म
- (ब) शादी की एक रस्म
- (स) मृत्यु पर एक रस्म
- (द) नए ग्रह प्रवेश की एक रस्म
उत्तर : शादी की एक रस्म
- प्रश्न 116 निम्नलिखित में से कौन सी प्रथा विवाह से संबंधित है -
JEN 2022: Civil Diploma (GK) -
- (अ) जलवा पूजन
- (ब) जडूला
- (स) मूठ भराई
- (द) मौसर
उत्तर : मूठ भराई
- प्रश्न 117 राजस्थान राज्य में प्रचलित ‘सागड़ी प्रथा’ क्या है -
Librarian Grade III 2022 (Paper 1) -
- (अ) शादी की परंपरा
- (ब) एक विशेष प्रकार का कर
- (स) बंधुआ मजदूरी प्रणाली
- (द) राजस्व संग्रह का प्रकार
उत्तर : बंधुआ मजदूरी प्रणाली
- प्रश्न 118 राजस्थानी संस्कृति में ‘औलंदी’ क्या है -
Gram Sevak 2016 -
- (अ) विवाह का एक प्रकार
- (ब) लोक संगीत का एक प्रकार
- (स) नववधु के साथ जाने वाला पुरुष या स्त्री
- (द) क्षेत्रीय खेल का एक प्रकार
उत्तर : नववधु के साथ जाने वाला पुरुष या स्त्री
- प्रश्न 119 कन्या वध को गैर कानूनी घोषित करने वाली राजस्थान की पहली रियासत थी -
Head Master (Sanskrit Edu.) - 20211 (PAPER-I) -
- (अ) झालावाड़
- (ब) जयपुर
- (स) शाहपुरा
- (द) कोटा
उत्तर : कोटा
- प्रश्न 120 ‘बढ़ार’ क्या है -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-1 -
- (अ) राजस्थान की एक झील
- (ब) विवाह पर आयोज्य भोज
- (स) अंत्येष्टि की एक क्रिया
- (द) राजस्थान की एक जनजाति
उत्तर : विवाह पर आयोज्य भोज
व्याख्या :
गावों में विवाह के दौरान बारात जब अगले दिन सुबह विदा न होकर एक दिन और रुकती है तो वह बढ़ार कहलाती है, उसे बारात की दावत न कहकर बढ़ार की दावत कहते हैं।
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