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राठौड़ वंश

प्रश्न 121 बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने प्रसिद्ध ‘रोम नोट’ तैयार किया था। इस नोट की विषय वस्तु थी -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1
  • (अ) 20वीं शताब्दी के दूसरे दशक में भारत की राजनीतिक स्थिति तथा उसके संभावित हल।
  • (ब) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में युद्ध की स्थिति।
  • (स) भारत की देशी रियासतों के शासकों की अंग्रेज सरकार के विरूद्ध शिकायते।
  • (द) यूरोप का यात्रा वृत्तांत
उत्तर : 20वीं शताब्दी के दूसरे दशक में भारत की राजनीतिक स्थिति तथा उसके संभावित हल।
व्याख्या :
मई 1917 में रोम (इटली) से बीकानेर के राजा महाराजा गंगा सिंह द्वारा एक विस्तृत पत्र लिखा गया था, जो इतिहास में ‘रोम-नोट’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्रश्न 122 ‘मुहणोत नैणसी’ किस राज्य का दीवान था -
Tax Assitant Exam 2018(P1)
  • (अ) बीकानेर
  • (ब) जोधपुर
  • (स) उदयपुर
  • (द) जयपुर
उत्तर : जोधपुर
व्याख्या :
मुंहणौत नैणसी महाराजा जसवंतसिंह के दरबारी एवं चारण थे।
प्रश्न 123 1574 में चन्द्रसेन के विद्रोही होने पर अकबर ने उसे दण्ड देने के लिए किसे भेजा -
  • (अ) कल्याण मल
  • (ब) दलपत सिंह
  • (स) राम सिंह
  • (द) राय सिंह
उत्तर : राय सिंह
व्याख्या :
1574 में जब बादशाह अजमेर में था तब उसे चन्द्रसेन के विद्रोह की सूचना मिली उस समय चन्द्रसेन सिवाना के गढ़ में था। अकबर ने रायसिंह, शाह कूल्ली खां, केशव दास आदि को चन्द्रसेन के विरूद्ध भेजा उस समय सोजत पर मालदेव के पौत्र व राम के पुत्र कल्ला का अधिकार था, मुगलों ने इस पर अधिकार कर लिया।
प्रश्न 124 बीकानेर के महाराजा रायसिंह गद्दी पर कब बैठे -
  • (अ) 1612 ई.
  • (ब) 1585 ई.
  • (स) 1574 ई.
  • (द) 1541 ई.
उत्तर : 1574 ई.
व्याख्या :
रायसिंह (1574-1612 ई.) ने अपनी उपाधि ‘महाराजाधिराज व महाराजा’ रखी। अकबर ने रायसिंह ‘राय’ उपाधि व 4000 मनसब दी।
प्रश्न 125 किसे महाराणा प्रताप का पथ-प्रदर्शक कहा जाता है -
  • (अ) राव मालदेव
  • (ब) राव चन्द्रसेन
  • (स) मोटा राजा उदयसिंह
  • (द) अमरसिंह राठौड़
उत्तर : राव चन्द्रसेन
व्याख्या :
राव चंद्रसेन ऐसा प्रथम राजपूत शासक था जिसने अपनी रणनीति में दुर्ग के स्थान पर जंगल और पहाड़ी क्षेत्र को अधिक महत्त्व दिया था। खुले युद्ध के स्थान पर छापामार युद्ध प्रणाली का महत्त्व स्थापित करने में मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह के बाद चंद्रसेन राजपूताने का दूसरा शासक था। इस प्रणाली का अनुसरण महाराणा प्रताप ने भी किया था। राव चंद्रसेन को महाराणा प्रताप का पथ प्रदर्शक माना जाता है। इसलिए राव चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का प्रताप’ कहा जाता है।
प्रश्न 126 ‘रूठी रानी’ के नाम से कौन प्रसिद्ध है -
Sr. Teacher Gr II Comp. Exam - 2022 (G.K. & Edu. Psychology) Group B
  • (अ) उमादे
  • (ब) रूपादे
  • (स) हंसा बाई
  • (द) जोधा बाई
उत्तर : उमादे
व्याख्या :
1536 ई. में राव मालदेव का विवाह जैसलमेर के लूणकरण की कन्या उम्मादे से हुआ। किसी कारणवश लूणकरण ने मालदेव को मारने का इरादा किया तो लूणकरण की रानी ने पुरोहित राघवदेव द्वारा यह सूचना मालदेव को भिजवा दी। संभवतः इसी कारण से मालदेव उम्मादे से अप्रसन्न हो गया और वह भी मालदेव से रूठ गई। तभी से वह ‘रूठी रानी’ कहलाई तथा उसे अजमेर के तारागढ़ में रखा गया।
प्रश्न 127 किस राजपूत शासक को ‘राजपूताना का कर्ण’ कहा जाता है -
Sr Teacher Gr II Special Edu. Comp. Exam 2015 (G.K.)
  • (अ) महाराणा कुम्भा
  • (ब) सवाई प्रतापसिंह
  • (स) महाराजा रायसिंह
  • (द) महाराजा जसवंत सिंह
उत्तर : महाराजा रायसिंह
व्याख्या :
रायसिंह के समय में घोर त्रिकाल पड़ा, जिसमें हजारों व्यक्ति एवं पशु मारे गए। महाराजा ने व्यक्तियों के लिए जगह-जगह ‘सदाव्रत’ खोले एवं पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की। इसलिए मुंशी देवी प्रसाद ने इसे ‘राजपूताने का कर्ण’ की संज्ञा दी है।
प्रश्न 128 निम्न शासकों में से कौनसा ‘वर्साय की शांति संधि’ का एक हस्ताक्षर कत्र्ता था -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
  • (अ) कोटा के महाराज उम्मेद सिंह
  • (ब) जयपुर के माधोसिंह-2
  • (स) बीकानेर के महाराजा गंगासिंह
  • (द) जोधपुर के महाराजा सर उम्मेदसिंह
उत्तर : बीकानेर के महाराजा गंगासिंह
व्याख्या :
वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्ध के अंत में पेरिस शांति सम्मेलन द्वारा तैयार की गई प्राथमिक संधि थी। इस पर 28 जून, 1919 को मित्र राष्ट्रों और संबंधित शक्तियों तथा जर्मनी द्वारा वर्साय के महल के दर्पण कक्ष में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 10 जनवरी, 1920 को प्रभावी हुई थी।
प्रश्न 129 दुर्गादास राठोर विद्रोही शहजादे अकबर को दक्कन क्यों लेकर गया -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
  • (अ) दक्कन सबसे निकटवर्ती क्षेत्र था।
  • (ब) दुर्गादास औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाना चाहता था।
  • (स) संभाजी ने अकबर को अपने दरबार में आमंत्रित किया था।
  • (द) अकबर दक्कन में शरण लेना चाहता था।
उत्तर : दुर्गादास औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाना चाहता था।
व्याख्या :
मारवाड़ की जंग में लड़ने के लिए औरंगजेब ने अपने बेटे सुल्तान मुहम्मद अकबर को भेजा, जिसे दुर्गादास ने अपनी ओर मिल लिया। दुर्गादास औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाना चाहता था।
प्रश्न 130 राव मालदेव के दो सेनानायक, जो गिरी-सुमेल में शेरशाह के विरूद्ध लड़े थे -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
  • (अ) जैता और बीरम
  • (ब) कुंपा और बीरम
  • (स) जैता और कुम्पा
  • (द) गोरा और बादल
उत्तर : जैता और कुम्पा
व्याख्या :
मतभेद में मालदेव ने लगभग आधे सैनिकों को अपने साथ ले लिया और लगभग आधी सेना जैता और कूँपा के साथ रहकर शेरशाह का युद्ध में मुकाबला करने को डटी रही। जैतारण (ब्यावर) के निकट गिरि-सुमेल नामक स्थान पर जनवरी, 1544 में दोनों की सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ जिसमें शेरशाह सूरी की बड़ी कठिनाई से विजय हुई। तब उसने कहा था कि “एक भुठ्ठी भर बाजरी के लिए मैं हिन्दुस्तान की बादशाहत खो देता।”

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