मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 131 निम्नांकित युद्धों व उनके घटना-वर्षों को सुमेलित कीजिये -
अ, ब, स, दसूची -1 सूची -2 अ. खानवा का युद्ध 1. 1761 ई. हल्दीघाटी का युद्ध 2. 1576 ई. तराइन का द्वितीय युद्ध 3. 1192 ई. पानीपत की तीसरी लड़ाई 4. 1527 ई.
Stenographer Comp. Exam - 2011 (Paper I) -
- (अ) 1, 2, 3, 4
- (ब) 4, 2, 3, 1
- (स) 1, 2, 4, 3
- (द) 4, 3, 2, 1
उत्तर : 4, 2, 3, 1
व्याख्या :घटना वर्ष खानवा का युद्ध 1527 ई. हल्दीघाटी का युद्ध 1576 ई. तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई.
- प्रश्न 132 महाराणा कुम्भा के विषय में निम्नांकित में से कौन-सा कथन असत्य है -
Stenographer Comp. Exam - 2011 (Paper I) -
- (अ) उन्होंने कुम्भलगढ़ का निर्माण कराया।
- (ब) वे संगीतप्रेमी थे।
- (स) वे मेवाड़ के महान शासकों में से एक थे।
- (द) वे स्वयं विद्वान न थे, किन्तु विद्वानों के आश्रयदाता थे।
उत्तर : वे स्वयं विद्वान न थे, किन्तु विद्वानों के आश्रयदाता थे।
व्याख्या :
महाराणा कुम्भा न केवल वीर, युद्धकौशल में निपुण तथा कला प्रेमी थे वरन् एक विद्वान तथा विद्यानुरागी भी थे। महाराणा कुम्भा स्वंय वीणा बजाया करते थे। इनके संगीत गुरू सारंग व्यास थे। जबकी इनके गुरू जैन आचार्य हीरानंद थे। एकलिंगमाहात्म्य से विदित होता है कि वह वेद, स्मृति, मीमांसा, उपनिषद्, व्याकरण, राजनीति और साहित्य में बड़ा निपुण था। संगीतराज, संगीतमीमांसा एवं सूड़प्रबन्ध इनके द्वारा रचित संगीत के ग्रन्थ थे।
- प्रश्न 133 महाराणा कुम्भा के शासनकाल में चित्तौड़ का वास्तुकार कौन था -
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- (अ) मण्डन
- (ब) विद्याधर
- (स) दीपक
- (द) निहालचन्द
उत्तर : मण्डन
व्याख्या :
मंडन मुलतः गुजरात के ब्राहम्ण थे और कुम्भा के प्रमुख वास्तुकार थे। ये कुंभलगढ़ दुर्ग के मुख्य शिल्पी थे।
- प्रश्न 134 महाराणा सांगा के मृत शरीर का दाह संस्कार किस स्थान पर किया गया था -
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- (अ) मांडलगढ़
- (ब) कुम्भलगढ़
- (स) खानवा
- (द) बसवा
उत्तर : मांडलगढ़
व्याख्या :
खानवा के युद्ध के बाद जब सांगा के साथियों ने देखा कि इस बार पराजय से मेवाड़ का सर्वनाश होगा तो उन्होंने मिलकर उसे विष दे दिया, जिसके फलस्वरूप 30 जनवरी, 1528 को 46 वर्ष की आयु में उसकी मृत्यु हो गयी। उसका शव कालपी से माण्डलगढ़ ले जाया गया जहाँ उसका समाधि-स्थल आज भी उस महान् योद्धा का स्मरण दिला रहा है।
- प्रश्न 135 उदयपुर स्थित एकलिंगजी मन्दिर का निर्माण किस महाराणा के समय हुआ था -
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- (अ) बप्पा रावल
- (ब) जयसिंह
- (स) मोकल
- (द) कुम्भा
उत्तर : बप्पा रावल
व्याख्या :
बापा रावल हारीत ऋषि का शिष्य एवं पाशुपत संप्रदाय का अनुयायी था। अतः उसने पाशुपत एकलिंगजी को अपना आराध्यदेव माना एवं कैलाशपुरी (उदयपुर) में एकलिंगजी का मंदिर बनवाया।
- प्रश्न 136 मेवाड़ के किस महाराणा के शासनकाल में मेवाड़ महाराणाओं के साथ सती होने की अंतिम घटना का विवरण मिलता है -
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- (अ) राजसिंह
- (ब) अमरसिंह-द्वितीय
- (स) अमरसिंह-प्रथम
- (द) स्वरूपसिंह
उत्तर : स्वरूपसिंह
व्याख्या :
15 अगस्त, 1861 को महाराणा स्वरूपसिंह ने सती प्रथा पर रोक लगाने का हुक्म जारी किया। महाराणा ने समाधि प्रथा पर भी रोक लगाई। इनकी मृत्यु 1861 ई. में हुई। स्वरूपसिंह के साथ पासवान ऐंजाबाई सती हुई। यह मेवाड़ महाराणाओं के साथ सती होने की अंतिम घटना थी।
- प्रश्न 137 गोरा और बादल ने किसकी रक्षा की थी -
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- (अ) महाराणा प्रताप
- (ब) रानी पदमिनी
- (स) राणा उदय सिंह
- (द) कमलावती
उत्तर : रानी पदमिनी
व्याख्या :
चित्तौड़ का युद्ध मेवाड़ के शासक रावल रतनसिंह (1302-03 ई.) एवं दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ई.) के मध्य 1303 ई. में हुआ था। रतन सिंह के सेनापति गोरा और बादल के नेतृत्व में राजपूत सैनिकों ने केसरिया वस्त्र धारण कर चित्तौड़ दुर्ग के द्वार खोलकर शत्रु पर टूट पड़े और वीरगति को प्राप्त हुए, गोरा रानी पद्मिनी का चाचा तो बादल रानी पद्मिनी का भाई था। महल के अंदर 1600 स्त्रियों ने रानी पद्मिनी के नेतृत्व में जौहर किया जो चित्तौड़ का प्रथम साका था।
- प्रश्न 138 किसके शासनकाल में मुगल और मेवाड़ के महाराणा के मध्य ‘चित्तौड़ की संधि’ हुई -
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- (अ) अकबर
- (ब) जहांगीर
- (स) शाहजहां
- (द) औरंगजेब
उत्तर : जहांगीर
व्याख्या :
राज्य की हालत दुष्काल से भी अधिक भयंकर बन गयी। अब तक मेवाड़ युद्धों के कारण जर्जर हो चुका था। अतः सभी सामंतों, दरबारियों एवं कुंवर कर्णसिंह के निवेदन पर राणा अमरसिंह ने अपना मन मारकर मुगलों से 5 फरवरी, 1615 ई. में मुगल-मेवाड़ संधि की। अमरसिंह मुगलों से संधि करने वाला मेवाड़ का प्रथम शासक था। मुगल बादशाह जहाँगीर और मेवाड़ के राणा अमर सिंह के मध्य चित्तौड़ की संधि (1615 ई-) हस्ताक्षरित हुई थी।
- प्रश्न 139 महाराणा प्रताप की छतरी कहां स्थित है -
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- (अ) बूंदी
- (ब) गैटोर
- (स) माण्डल
- (द) बाण्डोली
उत्तर : बाण्डोली
व्याख्या :
प्रताप का चावण्ड के पास बाण्डोली गाँव के निकट बहने वाले नाले के तट पर अग्नि संस्कार हुआ। खेजड़ बांध के किनारे 8 खम्भों की छतरी उस महान योद्धा की याद दिलाती है।
- प्रश्न 140 खानवा युद्ध में सांगा के घायल होने पर नेतृत्व किसने संभाला था -
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- (अ) झाला अज्जा
- (ब) झाला राव
- (स) झाला सज्जा
- (द) शक्ति सिंह
उत्तर : झाला अज्जा
व्याख्या :
खानवा का युद्ध (17 मार्च, 1527) में राणा सांगा घायल हो गया जिससे युद्ध का मंजर ही बदल गया। हलवद (काठियावाड़) के झाला राजसिंह के पुत्र झाला अज्जा को सांगा के राजचिह्न धारण करवा कर रणक्षेत्र में हाथी के ओहदे पर बिठाया गया। अंतिम रूप से विजय बाबर की हुई।
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