राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 141 ‘म्यूटिनीज इन राजपूताना’ नामक पुस्तक के लेखक कौन है -
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- (अ) आई. टी. प्रिचार्ड
- (ब) नाथूराम खड़गावत
- (स) माइकल एडवर्ड
- (द) जबरसिंह
उत्तर : आई. टी. प्रिचार्ड
व्याख्या :
‘म्यूटिनीज इन राजपूताना’ के लेखक आई.टी. प्रिचर्ड थे। बंगाल सेना में एक अधिकारी थे, वह सेना जो वह 1857 के विद्रोह में थी।
- प्रश्न 142 निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख चित्तौड़ के प्रारम्भिक इतिहास पर प्रकाश डालता है -
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- (अ) अचलेश्वर का अभिलेख
- (ब) मानमोरी का अभिलेख
- (स) मासोली का अभिलेख
- (द) बिजोलिया का अभिलेख
उत्तर : मानमोरी का अभिलेख
- प्रश्न 143 किस मुगल शासक ने चित्तौड़ विजय के उपरान्त मेवाड़ में सिक्का एलची जारी किया -
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- (अ) बाबर
- (ब) अकबर
- (स) जहांगीर
- (द) शाहजहां
उत्तर : अकबर
- प्रश्न 144 किस प्रतिहार शासक के दरबार में प्रसिद्ध कवि राजशेखर थे -
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- (अ) महिपाल
- (ब) वत्सराज
- (स) नागभट्ट द्वितीय
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : महिपाल
- प्रश्न 145 निम्न का मिलान करें :
पुस्तक लेखक (A) हम्मीर हाथ I चंद्र शेखर (B) हम्मीर महाकाव्य II नयन चंद्र सूरी (C) कान्हड़-दे परबन्धा III जयनक (D) पृथ्वीराज विजय IV पद्मनाभ -
- (अ) A-I, B-II, C-III, D-IV
- (ब) A-II, B-I, C-III, D-IV
- (स) A-II, B-I, C-IV, D-III
- (द) A-I, B-II, C-IV, D-III
उत्तर : A-I, B-II, C-IV, D-III
- प्रश्न 146 ‘मुण्डीयार री ख्यात’ का विषय है
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) सिरोही के चौहान
- (ब) दूंदी के हाड़ा
- (स) मेवाड़ के सिसोदिया
- (द) मारवाड़ के राठौड़
उत्तर : मारवाड़ के राठौड़
- प्रश्न 147 महान कवि सूर्यमल के बारे में निम्न में से कौन सा कथन गलत है -
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) वंश भास्कर इनका प्रसिद्ध महाकाव्य है।
- (ब) इन्होंने बूंदी के इतिहास का वर्णन किया।
- (स) इनकी कविता से बहादुरी की भावना का उदय होता है।
- (द) वे मेवाड़ के निवासी थे।
उत्तर : वे मेवाड़ के निवासी थे।
- प्रश्न 148 राजस्थान में रियासतकालीन सिक्कों के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए -
अ. बांसवाड़ा रियासत में ‘सालिमशाही’ सिक्कों का प्रचलन था।
ब. मुगलकाल में जैसलमेर में चांदी का ‘मुहम्मदशाही’ सिक्का चलता था।
स. प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में ‘आदिवराह’ सिक्के चलाये थे।
द. धौलपुर राज्य के सिक्के ‘चमंचाशाही’ कहलाते थे क्योंकि उन पर तमंचे का चिन्ह लगाया जाता था। -
- (अ) केवल ब और स सही हैं।
- (ब) केवल अ, स और द सही हैं
- (स) केवल अ और ब सही हैं।
- (द) उपरोक्त सभी सही हैं।
उत्तर : उपरोक्त सभी सही हैं।
व्याख्या :
बांसवाड़ा रियासत में सालिमशाही सिक्कों का प्रचलन था। 1870 में महारावल लक्ष्मण सिंह ने सोने, चांदी और तांबे के सिक्के बनवाए, जिन्हें लक्ष्मणशाही सिक्के कहा जाता था। इन सिक्कों के दोनों तरफ सांकेतिक अक्षर अंकित थे, जो शिव के नाम के सूचक माने जाते थे। 1904 ई. में सालिमशाही और लक्ष्मणशाही सिक्कों के स्थान पर कलदार का प्रचलन शुरू हो गया।
स्थानीय सिक्के के बनने के पहले जैसलमेर में चांदी का मुहम्मद शाही सिक्का चलता था। 1756 से महारावल अखयसिंह ने अपनी टकसाल में ‘अखयशाही’ मुद्रा को बनवाया।
धौलपुर में 1804 ई. से टकसाल आरम्भ हुई जिससे रुपये और अठन्नियां बनाई गईं। यहां से प्रचलित सिक्के को तमंचा शाही कहते हैं क्योंकि उस पर तमंचे का चिह्न लगाया जाता था।
प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में आदिवराह सिक्के चलाये थे।
- प्रश्न 149 किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है -
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- (अ) पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
- (ब) चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- (स) खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
- (द) आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
उत्तर : चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- प्रश्न 150 राजस्थान राज्य अभिलेखागार कहां स्थित है -
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- (अ) बीकानेर
- (ब) जोधपुर
- (स) जयपुर
- (द) उदयपुर
उत्तर : बीकानेर
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