मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 141 पन्ना धाय ने जिसके जीवन को बचाया था, वह था -
-
- (अ) राण सांगा
- (ब) रावल रतनसिंह
- (स) राण प्रताप
- (द) राणा उदयसिंह
उत्तर : राणा उदयसिंह
व्याख्या :
विक्रमादित्य की हत्या कर राणा रायमल के पुत्र पृथ्वीराज का अनौरस पुत्र बनवीर शासक बन बैठा। वह उदयसिंह की हत्या करना चाहता था लेकिन उसकी धाय मां पन्ना ने उदयसिंह की जगह अपने बेटे चन्दन का बलिदान दिया, जो स्वामी भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है।
- प्रश्न 142 खानवा का युद्ध ....... में लड़ा गया -
-
- (अ) 1526 ईस्वी
- (ब) 1556 ईस्वी
- (स) 1527 ईस्वी
- (द) 1572 ईस्वी
उत्तर : 1527 ईस्वी
व्याख्या :
खानवा युद्ध राणा सांगा एवं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के मध्य 17 मार्च, 1527 ई. को बयाना के पास (वर्तमान रूपबास) हुआ।
- प्रश्न 143 निम्नलिखित शासकों में से किसने भीलों को अपनी सैन्य-व्यवस्था में उच्च स्थानों पर नियुक्त किया -
SCHOOL LECTURER (GS) 2020 -
- (अ) राय सिंह
- (ब) मालदेव
- (स) महाराणा प्रताप
- (द) चंद्रसेन
उत्तर : महाराणा प्रताप
व्याख्या :
महाराणा प्रताप ने भीलों को अपनी सैन्य-व्यवस्था में उच्च स्थानों पर नियुक्त किया
- प्रश्न 144 चित्तौड़गढ़ का विजय स्तम्भ इनके द्वारा बनवाया गया था
Stenographer Pre Exam (21 March 2021) (Paper I) -
- (अ) पृथ्वीराज चौहान
- (ब) राणा सांगा
- (स) राणा कुम्भा
- (द) महाराणा प्रताप
उत्तर : राणा कुम्भा
व्याख्या :
कुम्भा ने मालवा विजय के उपलक्ष्य में 9 मंजिला विजय स्तम्भ (Victory Tower) का निर्माण 1437 ई. में करवाया। जिसकी शुरूआत 1437-40 ई. में की गई, जो 1448 ई. में बनकर तैयार हुआ।
- प्रश्न 145 निम्न युद्धों को ध्यान में रखकर उनके सही कालानुक्रम को बताइये:
1. हल्दीघाटी का युद्ध
2. खानवा का युद्ध
3. तराइन का दूसरा युद्ध
Stenographer Pre Exam (21 March 2021) (Paper I) -
- (अ) 1,3,2
- (ब) 1,2,3
- (स) 2,3,1
- (द) 3,2,1
उत्तर : 3,2,1
व्याख्या :
तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.)
खानवा का युद्ध (17 मार्च, 1527)
हल्दीघाटी (राजसमंद) का युद्ध (18 जून, 1576)
- प्रश्न 146 खातोली युद्ध के विषय में निम्नांकित में से कौन सा कथन असत्य है -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) यह युद्ध सांगा एवं इब्राहीम लोदी के मध्य हुआ था।
- (ब) खातोली मेवाड़ एवं मारवाड़ सीमा पर स्थित सामरिक महत्व का स्थल था।
- (स) इस युद्ध में सांगा ने इब्राहीम लोदी के पुत्र को बंदी बना लिया था।
- (द) महाराणा सांगा इस युद्ध में लंगड़ा हो गया था।
उत्तर : खातोली मेवाड़ एवं मारवाड़ सीमा पर स्थित सामरिक महत्व का स्थल था।
व्याख्या :
खातोली का युद्ध (1517 ई.) : मेवाड़ के महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की महत्त्वाकांक्षाओं के फलस्वरूप दोनों के मध्य 1517 ई. में ‘खातोली’ (पीपल्दा तहसील, कोटा) में युद्ध हुआ।
- प्रश्न 147 निम्नांकित में से कौन सा साक्ष्य हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को विजयी मानता है -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) राजप्रशस्ति
- (ब) राजप्रकाश
- (स) जगदीश मंदिर प्रशस्ति
- (द) यह सभी
उत्तर : यह सभी
व्याख्या :
हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की नहीं वरन् महाराणा प्रताप की विजय हुई। यह दावा राजस्थान सरकार द्वारा किया गया है। इसके पीछे सरकार ने राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में उदयपुर में मीरा महाविद्यालय के प्रो. इतिहासकार डॉ. चंद्रशेखर शर्मा के शोध का हवाला दिया है। उनके अनुसार युद्ध के बाद अगले एक साल तक महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के आस-पास के गांवों की जमीनों के पट्टे ताम्रपत्र के रूप में जारी किये गए थे। जमीनों के पट्टे जारी करने का अधिकार केवल राजा का था।
- प्रश्न 148 महाराणा कुम्भा ने किस युद्ध में विजय के उपलक्ष्य में चित्तौड़ में विजय स्तम्भ बनवाया -
-
- (अ) सारंगपुर युद्ध
- (ब) खातौली युद्ध
- (स) गागरोण युद्ध
- (द) बाड़ी युद्ध
उत्तर : सारंगपुर युद्ध
व्याख्या :
कुम्भा ने रणमल राठौड़ की सैनिक सहायता से 1437 ई० में ‘सारंगपुर के युद्ध’ (मध्य प्रदेश) में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम को पराजित कर बंदी बना लिया। राणा कुम्भा ने सारंगपुर विजय के उपलक्ष में विजय स्तंभ बनवाया था।
- प्रश्न 149 मेवाड़ के सिंहासन पर राणा सांगा का राज्याभिषेक कब हुआ था -
-
- (अ) 1508 ई.
- (ब) 1509 ई.
- (स) 1510 ई.
- (द) 1511 ई.
उत्तर : 1509 ई.
व्याख्या :
कुंवर संग्रामसिंह महाराणा सांगा (1509-1528ई.) के नाम से मशहूर हुए। महाराणा सांगा के राज्याभिषेक के समय दिल्ली पर सुल्तान सिकन्दर लोदी, गुजरात पर महमूद बेगड़ा और मालवा पर नासिर शाह/नासिरूद्दीन खिलजी का राज था।
- प्रश्न 150 बिजोलिया ठिकाने का संस्थापक कौन था -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) राव केशवदास
- (ब) अशोक परमार
- (स) राव गोविन्ददास
- (द) ठाकुर कृष्णसिंह
उत्तर : अशोक परमार
व्याख्या :
बिजोलिया ठिकाना उपरमाल की जागीर के अन्तर्गत आता था। उपरमाल की इस जागीर को राणा सांगा द्वारा अशोक परमार नाम के व्यक्ति को खाण्वा के युद्ध में साथ देने के लिए उपहार उपहार स्वरूप दिया गया था। मूल रूप से यहां पर सर्वाधिक किसान धाकड़ जाति के थे।
page no.(15/38)