चौहान वंश
- प्रश्न 141 किस राजस्थानी ग्रंथ में अलाउद्दीन खिलजी के जालौर पर आक्रमण का उल्लेख मिलता है -
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- (अ) मारवाड़ री ख्यात
- (ब) हम्मीर रासो
- (स) कान्हड़दे - प्रबंध
- (द) मारवाड़ रा परगना री विगत
उत्तर : कान्हड़दे - प्रबंध
व्याख्या :
जालौर दुर्ग पर आक्रमण की जानकारी पद्मनाभ के ग्रन्थ कान्हड़दे प्रबन्ध तथा वीरमदेव सोनगरा की वात में मिलती है।
- प्रश्न 142 जालौर की चौहान शाखा का संस्थापक था -
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- (अ) कीर्तिपाल
- (ब) अजयपाल
- (स) गोविंदराज
- (द) बाणभट्ट
उत्तर : कीर्तिपाल
व्याख्या :
जालौर की चौहान शाखा की स्थापना नाडोल शाखा के कीर्तिपाल चौहान द्वारा परमारों को परास्त करके की गई थी।
- प्रश्न 143 हम्मीर के कोटिजन(अश्वमेघ जैसा) का राजपुरोहित था -
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- (अ) विश्वरूप
- (ब) सदाशिव
- (स) राजगुरू
- (द) हालगुरू
उत्तर : विश्वरूप
व्याख्या :
हम्मीर ने 17 युद्ध लड़े जिसमें 16 में वह विजय रहा। 16 युद्धों में विजय के उपलक्ष में उसने कोटियजन यज्ञ का आयोजन पं. विश्वरूप भटट के निर्देशन में कराया।
- प्रश्न 144 जालौर के कान्हड़देव के किस पुत्र का प्रेम प्रसंग अलाउद्दीन की पुत्री फिरोजा के साथ था, जो जालोर युद्ध का कारण बना -
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- (अ) अजयदेव
- (ब) वीरमदेव
- (स) अभयदेव
- (द) विलासदेव
उत्तर : वीरमदेव
व्याख्या :
अलाउद्दीन खिलजी की बेटी शहजादी फीरोज को वीरम से प्यार हो गया।
- प्रश्न 145 किस वर्ष अजयराज ने अजयमेरू का निर्माण कराया -
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- (अ) 1111 ई.
- (ब) 1113 ई.
- (स) 1115 ई.
- (द) 1116 ई.
उत्तर : 1113 ई.
व्याख्या :
पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र का नाम अजयराज था। अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए उसने 1113 ई. में अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया। उसने अजयमेरु में दुर्ग का निर्माण करवाया जिसे गढ़बीठली कहते हैं।
- प्रश्न 146 किस शासक को आनाजी के नाम से जाना जाता है -
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- (अ) अजयराज
- (ब) अर्णोराज
- (स) विग्रहराज चतुर्थ
- (द) पृथ्वीराज चैहान
उत्तर : अर्णोराज
व्याख्या :
अजयराज के बाद अर्णोराज ने 1133 ई. के लगभग अजमेर का शासन संभाला। इसने महाराजाधिराज, परमेश्वर, परमभट्टारक की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 147 पाहोबा के शासक परमार्दिदेव के सेनानायक आल्हा-ऊदल को किसने पराजित किया -
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- (अ) अजयराज
- (ब) पृथ्वीराज चौहान
- (स) अर्णोराज
- (द) विग्रहराज चतुर्थ
उत्तर : पृथ्वीराज चौहान
व्याख्या :
महोबा (तुमुल) का युद्ध : 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 148 बीसलदेव रासो नामक ग्रन्थ लिखा -
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- (अ) नरपति नाल्ह
- (ब) जयचंद
- (स) नयचन्द सूरी
- (द) मेरूतुंग
उत्तर : नरपति नाल्ह
व्याख्या :
नरपति नाल्ह ने “गौडवाड़ी” में “बीसलदेव रासो” की रचना की थी। बीसलदेव रासौ में “बीसलदेव तथा राजमती” के प्रेम प्रसंगों का वर्णन हैं।
- प्रश्न 149 किसने लिख था कि ‘अर्णोराज ने अजमेर को तुर्को के रक्त से शुद्ध करने के लिए अजमेर में आनासागर झील का निर्माण करवाया था’ -
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- (अ) चन्दबरदाई
- (ब) जयानक
- (स) सोमदेव
- (द) मेरूतुंग
उत्तर : जयानक
व्याख्या :
जयानक ने अपने ग्रन्थ पृथ्वीराज विजय में लिखा है कि “अजमेर को तुर्कों के रक्त से शुद्ध करने के लिए आनासागर झील का निर्माण कराया था” क्योंकि इस विजय में तुर्का का अपार खून बहा था।
- प्रश्न 150 दलपंगुल(विश्व विजेता) की उपाधि किसने धारण की -
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- (अ) विग्रहराज चतुर्थ
- (ब) पृथ्वीराज तृतीय
- (स) अर्णोराज
- (द) अजयराज
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
बहुत कम समय में ही पृथ्वीराज- तृतीय ने अपनी योग्यता एवं वीरता से समस्त शासन प्रबन्ध अपने हाथ में ले लिया। उसके बाद उसने अपने चारों ओर के शत्रुओं का एक-एक कर शनै-शनै खात्मा किया एवं दलपंगुल (विश्व विजेता) की उपाधि धारण की।
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