राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 146 ‘मुण्डीयार री ख्यात’ का विषय है
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) सिरोही के चौहान
- (ब) दूंदी के हाड़ा
- (स) मेवाड़ के सिसोदिया
- (द) मारवाड़ के राठौड़
उत्तर : मारवाड़ के राठौड़
- प्रश्न 147 महान कवि सूर्यमल के बारे में निम्न में से कौन सा कथन गलत है -
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) वंश भास्कर इनका प्रसिद्ध महाकाव्य है।
- (ब) इन्होंने बूंदी के इतिहास का वर्णन किया।
- (स) इनकी कविता से बहादुरी की भावना का उदय होता है।
- (द) वे मेवाड़ के निवासी थे।
उत्तर : वे मेवाड़ के निवासी थे।
- प्रश्न 148 राजस्थान में रियासतकालीन सिक्कों के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए -
अ. बांसवाड़ा रियासत में ‘सालिमशाही’ सिक्कों का प्रचलन था।
ब. मुगलकाल में जैसलमेर में चांदी का ‘मुहम्मदशाही’ सिक्का चलता था।
स. प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में ‘आदिवराह’ सिक्के चलाये थे।
द. धौलपुर राज्य के सिक्के ‘चमंचाशाही’ कहलाते थे क्योंकि उन पर तमंचे का चिन्ह लगाया जाता था। -
- (अ) केवल ब और स सही हैं।
- (ब) केवल अ, स और द सही हैं
- (स) केवल अ और ब सही हैं।
- (द) उपरोक्त सभी सही हैं।
उत्तर : उपरोक्त सभी सही हैं।
व्याख्या :
बांसवाड़ा रियासत में सालिमशाही सिक्कों का प्रचलन था। 1870 में महारावल लक्ष्मण सिंह ने सोने, चांदी और तांबे के सिक्के बनवाए, जिन्हें लक्ष्मणशाही सिक्के कहा जाता था। इन सिक्कों के दोनों तरफ सांकेतिक अक्षर अंकित थे, जो शिव के नाम के सूचक माने जाते थे। 1904 ई. में सालिमशाही और लक्ष्मणशाही सिक्कों के स्थान पर कलदार का प्रचलन शुरू हो गया।
स्थानीय सिक्के के बनने के पहले जैसलमेर में चांदी का मुहम्मद शाही सिक्का चलता था। 1756 से महारावल अखयसिंह ने अपनी टकसाल में ‘अखयशाही’ मुद्रा को बनवाया।
धौलपुर में 1804 ई. से टकसाल आरम्भ हुई जिससे रुपये और अठन्नियां बनाई गईं। यहां से प्रचलित सिक्के को तमंचा शाही कहते हैं क्योंकि उस पर तमंचे का चिह्न लगाया जाता था।
प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में आदिवराह सिक्के चलाये थे।
- प्रश्न 149 किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है -
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- (अ) पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
- (ब) चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- (स) खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
- (द) आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
उत्तर : चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- प्रश्न 150 राजस्थान राज्य अभिलेखागार कहां स्थित है -
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- (अ) बीकानेर
- (ब) जोधपुर
- (स) जयपुर
- (द) उदयपुर
उत्तर : बीकानेर
- प्रश्न 151 “राव जैतसी रो छन्द” के रचयिता हैं –
VDO Exam 2nd Shift 27 Dec 2021 -
- (अ) बीटू सूजा
- (ब) चन्द बरदाई
- (स) मुहणोत नैणसी
- (द) सूर्यमल्ल मिश्रण
उत्तर : बीटू सूजा
- प्रश्न 152 ‘दि अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ राजस्थान के किस प्रमुख इतिहासकार की रचना है -
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- (अ) डा. जी. एन. शर्मा
- (ब) जी. एच. ओझा
- (स) डा. दशरथ शर्मा
- (द) वी. एन. रेऊ
उत्तर : डा. दशरथ शर्मा
- प्रश्न 153 भारत का प्रथम ‘डिजिटल आर्काइव’ राजस्थान के किस शहर में स्थित है -
RSMSSB LDC (12-08-18) Paper-1 -
- (अ) बीकानेर
- (ब) जयपुर
- (स) जोधपुर
- (द) उदयपुर
उत्तर : बीकानेर
- प्रश्न 154 किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है -
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- (अ) पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
- (ब) चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- (स) खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
- (द) आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
उत्तर : चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
व्याख्या :
चीकली ताम्र-पत्र (1483 ई.) : इससे किसानों से वसूल की जाने वाली ‘विविध लाग-बागों’ का पता चलता है। इसमें पटेल, सुथार एवं ब्राह्मणों द्वारा खेती किए जाने का वर्णन है।
- प्रश्न 155 ‘कान्हड़ दे प्रबन्ध’ नामक काव्य का लेखक कौन है -
Police SI 13 September 2021 (Gk) -
- (अ) वीरभाण
- (ब) भट्ट जगजीवन
- (स) पं. जीवाधर
- (द) पद्मनाभ
उत्तर : पद्मनाभ
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