चौहान वंश
- प्रश्न 147 पाहोबा के शासक परमार्दिदेव के सेनानायक आल्हा-ऊदल को किसने पराजित किया -
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- (अ) अजयराज
- (ब) पृथ्वीराज चौहान
- (स) अर्णोराज
- (द) विग्रहराज चतुर्थ
उत्तर : पृथ्वीराज चौहान
व्याख्या :
महोबा (तुमुल) का युद्ध : 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 148 बीसलदेव रासो नामक ग्रन्थ लिखा -
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- (अ) नरपति नाल्ह
- (ब) जयचंद
- (स) नयचन्द सूरी
- (द) मेरूतुंग
उत्तर : नरपति नाल्ह
व्याख्या :
नरपति नाल्ह ने “गौडवाड़ी” में “बीसलदेव रासो” की रचना की थी। बीसलदेव रासौ में “बीसलदेव तथा राजमती” के प्रेम प्रसंगों का वर्णन हैं।
- प्रश्न 149 किसने लिख था कि ‘अर्णोराज ने अजमेर को तुर्को के रक्त से शुद्ध करने के लिए अजमेर में आनासागर झील का निर्माण करवाया था’ -
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- (अ) चन्दबरदाई
- (ब) जयानक
- (स) सोमदेव
- (द) मेरूतुंग
उत्तर : जयानक
व्याख्या :
जयानक ने अपने ग्रन्थ पृथ्वीराज विजय में लिखा है कि “अजमेर को तुर्कों के रक्त से शुद्ध करने के लिए आनासागर झील का निर्माण कराया था” क्योंकि इस विजय में तुर्का का अपार खून बहा था।
- प्रश्न 150 दलपंगुल(विश्व विजेता) की उपाधि किसने धारण की -
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- (अ) विग्रहराज चतुर्थ
- (ब) पृथ्वीराज तृतीय
- (स) अर्णोराज
- (द) अजयराज
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
बहुत कम समय में ही पृथ्वीराज- तृतीय ने अपनी योग्यता एवं वीरता से समस्त शासन प्रबन्ध अपने हाथ में ले लिया। उसके बाद उसने अपने चारों ओर के शत्रुओं का एक-एक कर शनै-शनै खात्मा किया एवं दलपंगुल (विश्व विजेता) की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 151 निम्न में से कौन-सा शासक जालौर के चौहान वंश से संबंधित नहीं था -
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- (अ) वत्सराज
- (ब) कीर्तिपाल
- (स) समर सिंह
- (द) उदय सिंह
उत्तर : वत्सराज
व्याख्या :
वत्सराज का संबंध गुर्जर प्रतिहार वंश से था।
- प्रश्न 152 पृथ्वीराज चौहान ने पराजित किया था -
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- (अ) चन्देल शासकों को
- (ब) भण्डानकों को
- (स) चालुक्यवंशी शासकों को
- (द) उपर्युक्त सभी को
उत्तर : उपर्युक्त सभी को
व्याख्या :
1182 ई. में पृथ्वीराज ने भरतपुर-मथुरा क्षेत्र में भण्डानकों के विद्रोहों का अंत किया। 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए। गुजरात के चालुक्यों और अजमेर के चौहानों के बीच दीर्घकाल से संघर्ष चला आ रहा था अन्त में 1187 ई. के आस-पास चालुक्यों के महामंत्री जगदेव प्रतिहार के प्रयासों से दोनों में एक अस्थायी संधि हो गयी।
- प्रश्न 153 1300 में रणथम्भौर आक्रमण के दौरान अलाउद्दीन खिलजी का कौनसा सेनानायक मारा गया था -
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- (अ) उल्लुघ खां
- (ब) नुसरत खां
- (स) मीर कासीम
- (द) खिज्र खां
उत्तर : नुसरत खां
व्याख्या :
अलाउद्दीन ने 1301 में रणथंभौर पर हमला करने के लिए उलूघ खाँ और नुसरत खाँ को कमान सौंपी। घेराबंदी के दौरान नुसरत खाँ के मारे जाने के बाद अलाउद्दीन ने व्यक्तिगत रूप से घेराबंदी अभियानों की देखरेख की।
- प्रश्न 154 ‘ललित-विग्रहराज’ का रचयिता सोमदेव किस चौहान शासक के दरबार में था -
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- (अ) पृथ्वीराज प्रथम
- (ब) विग्रह राज चतुर्थ
- (स) अजयराज
- (द) अर्णोराज
उत्तर : विग्रह राज चतुर्थ
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ के दरबारी विद्वान सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना करके साहित्य स्तर को ऊँचा उठाया।
- प्रश्न 155 ‘गुवक’ किस वंश का शासक था -
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- (अ) चाहमान
- (ब) प्रतिहार
- (स) सोलंकी
- (द) कच्छवाह
उत्तर : चाहमान
व्याख्या :
चाहमान वंश के गुवक प्रथम, ने हर्षनाथ मन्दिर (भगवान शंकर) का निर्माण कराया।
- प्रश्न 156 अंग्रेजों ने मांगलोर के युद्ध(1821) में कोटा महाराजा के विरूद्ध किसकी सहायता की थी -
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- (अ) बलवन्त सिंह
- (ब) जालिम सिंह
- (स) रतनसिंह
- (द) शम्भू सिंह
उत्तर : जालिम सिंह
व्याख्या :
मांगरोल विशेष रूप से कोटा के महाराव एवं सेनानायक फौजदार जालिम सिंह झाला के मध्य युद्ध के कारण प्रसिद्ध रहा है। जालिम सिंह ने महाराव के साथ जब विद्रोह किया तब अंग्रेज सरकार से सहयोग लेकर मांगरोल नगर में राजा किशोर सिंह से मुकाबला किया जिसमें महाराव की हार तथा झाला की जीत हुई । यह घटना 1 अक्टुिबर सन 1821 की हैं ।
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