चौहान वंश
- प्रश्न 151 निम्न में से कौन-सा शासक जालौर के चौहान वंश से संबंधित नहीं था -
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- (अ) वत्सराज
- (ब) कीर्तिपाल
- (स) समर सिंह
- (द) उदय सिंह
उत्तर : वत्सराज
व्याख्या :
वत्सराज का संबंध गुर्जर प्रतिहार वंश से था।
- प्रश्न 152 पृथ्वीराज चौहान ने पराजित किया था -
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- (अ) चन्देल शासकों को
- (ब) भण्डानकों को
- (स) चालुक्यवंशी शासकों को
- (द) उपर्युक्त सभी को
उत्तर : उपर्युक्त सभी को
व्याख्या :
1182 ई. में पृथ्वीराज ने भरतपुर-मथुरा क्षेत्र में भण्डानकों के विद्रोहों का अंत किया। 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए। गुजरात के चालुक्यों और अजमेर के चौहानों के बीच दीर्घकाल से संघर्ष चला आ रहा था अन्त में 1187 ई. के आस-पास चालुक्यों के महामंत्री जगदेव प्रतिहार के प्रयासों से दोनों में एक अस्थायी संधि हो गयी।
- प्रश्न 153 1300 में रणथम्भौर आक्रमण के दौरान अलाउद्दीन खिलजी का कौनसा सेनानायक मारा गया था -
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- (अ) उल्लुघ खां
- (ब) नुसरत खां
- (स) मीर कासीम
- (द) खिज्र खां
उत्तर : नुसरत खां
व्याख्या :
अलाउद्दीन ने 1301 में रणथंभौर पर हमला करने के लिए उलूघ खाँ और नुसरत खाँ को कमान सौंपी। घेराबंदी के दौरान नुसरत खाँ के मारे जाने के बाद अलाउद्दीन ने व्यक्तिगत रूप से घेराबंदी अभियानों की देखरेख की।
- प्रश्न 154 ‘ललित-विग्रहराज’ का रचयिता सोमदेव किस चौहान शासक के दरबार में था -
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- (अ) पृथ्वीराज प्रथम
- (ब) विग्रह राज चतुर्थ
- (स) अजयराज
- (द) अर्णोराज
उत्तर : विग्रह राज चतुर्थ
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ के दरबारी विद्वान सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना करके साहित्य स्तर को ऊँचा उठाया।
- प्रश्न 155 ‘गुवक’ किस वंश का शासक था -
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- (अ) चाहमान
- (ब) प्रतिहार
- (स) सोलंकी
- (द) कच्छवाह
उत्तर : चाहमान
व्याख्या :
चाहमान वंश के गुवक प्रथम, ने हर्षनाथ मन्दिर (भगवान शंकर) का निर्माण कराया।
- प्रश्न 156 अंग्रेजों ने मांगलोर के युद्ध(1821) में कोटा महाराजा के विरूद्ध किसकी सहायता की थी -
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- (अ) बलवन्त सिंह
- (ब) जालिम सिंह
- (स) रतनसिंह
- (द) शम्भू सिंह
उत्तर : जालिम सिंह
व्याख्या :
मांगरोल विशेष रूप से कोटा के महाराव एवं सेनानायक फौजदार जालिम सिंह झाला के मध्य युद्ध के कारण प्रसिद्ध रहा है। जालिम सिंह ने महाराव के साथ जब विद्रोह किया तब अंग्रेज सरकार से सहयोग लेकर मांगरोल नगर में राजा किशोर सिंह से मुकाबला किया जिसमें महाराव की हार तथा झाला की जीत हुई । यह घटना 1 अक्टुिबर सन 1821 की हैं ।
- प्रश्न 157 गौरी के आक्रमण के समय चालुक्यों की सहायता देने के विरूद्ध पृथ्वीराज तृतीय को परामर्श देने वाला मंत्री -
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- (अ) कदम्बवास
- (ब) वल्लभ
- (स) चंद्रबरदाई
- (द) कीर्तिपाल
उत्तर : कदम्बवास
व्याख्या :
गजनी में अपनी स्थिति को मजबूत करने के बाद मुहम्मद गौरी ने 1178 ईस्वी में गुजरात पर आक्रमण किया। चालुक्य नरेश भीम ने उसे काशह्रद के युद्ध में बुरी तरह पराजित कर दिया। इस समय पृथ्वीराज तटस्थ रहा तथा उसने चालुक्य नरेश की कोई सहायता नहीं की। इसके पूर्व गौरी ने नाडोल के चौहान राज्य पर भी आक्रमण कर लूट-पाट की थी। किन्तु पृथ्वीराज ने उन्हें भी कोई सहायता नहीं दी।
- प्रश्न 158 जालौर को जीत करके अलाउद्दीन ने जालौर का नाम रखा -
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- (अ) खैराबाद
- (ब) खिज्राबाद
- (स) जलालाबाद
- (द) सलेमाबाद
उत्तर : जलालाबाद
व्याख्या :
सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए। वीर कान्हड़देव सोनगरा और उसके पुत्र वीरमदेव युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। जालौर को जीत कर उसका नाम जलालाबाद रखा।
- प्रश्न 159 चौहानों की रणथम्भौर शाखा का प्रवर्तक था -
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- (अ) वासुदेव
- (ब) गोविन्दराज
- (स) कीर्तिपाल
- (द) रणमल
उत्तर : गोविन्दराज
व्याख्या :
तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज की पराजय के बाद उसके पुत्र गोविंदराज ने कुछ समय बाद रणथम्भौर में चौहान वंश का शासन स्थापित किया।
- प्रश्न 160 1191-92 में के तराइन के युद्ध में किस चौहान शासक को आक्रमणी शहाबुद्दीन गौरी से लड़ना पड़ा -
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- (अ) पृथ्वीराज प्रथम
- (ब) पृथ्वीराज तृतीय
- (स) विग्रहराज चतुर्थ
- (द) अर्णोराज
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. में मुहम्मद गौरी व पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ जिसमें मुहम्मद गौरी की विजय हुई। इससे भारत में स्थायी मुस्लिम साम्राज्य का प्रारंभ हुआ। मुहम्मद गौरी भारत में मुस्लिम साम्राज्य का संस्थापक बना।
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