चौहान वंश
- प्रश्न 171 पृथ्वीराज तृतीय का समकालीन चन्देल शासक था -
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- (अ) परमार्दी देव
- (ब) जयवर्मा
- (स) कीर्तिवर्मा
- (द) यशोवर्मा
उत्तर : परमार्दी देव
व्याख्या :
महोबा (तुमुल) का युद्ध : 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 172 निम्न में से किस शासक के राजकाल के दौरान दिल्ली शिवालिक स्तंभ अभिलेख उत्कीर्ण कराया गया था -
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- (अ) विग्रहराज चतुर्थ
- (ब) अर्णोराज
- (स) अजयराज
- (द) पृथ्वीराज द्वितीय
उत्तर : विग्रहराज चतुर्थ
व्याख्या :
दिल्ली शिवालिक अभिलेख से ज्ञात होता है कि विग्रहराज चतुर्थ ने म्लेच्छों को बार-बार पराजित किया और आर्यावर्त देश को सचमुच आर्यो के निवास के उपयुक्त बना दिया।
- प्रश्न 173 पृथ्वीराज तृतीय और मोहम्मद गौरी के मध्य कितने युद्ध लड़े गये -
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- (अ) एक
- (ब) दो
- (स) तीन
- (द) चार
उत्तर : दो
व्याख्या :
पृथ्वीराज के समय भारत के उत्तर-पश्चिम में गौर प्रदेश पर शहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी का शासन था। पृथ्वीराज तृतीय और मोहम्मद गौरी के मध्य दो युद्ध (तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.), तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.)) लड़े गये। द्वितीय युद्ध 1192 ई. में मुहम्मद गौरी की विजय हुई।
- प्रश्न 174 हम्मीर ने अल्लाउद्दीन खिलजी के किस विद्रोही सेनापति को रणथम्भौर दुर्ग में शरण दी थी -
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- (अ) अमीर अली
- (ब) मीर अलाबन्दे खां
- (स) मीर मुहम्मद शाह
- (द) उलुगखां
उत्तर : मीर मुहम्मद शाह
व्याख्या :
राणा हम्मीर देव ने अलाउद्दीन के विद्रोही सैनिक नेता मुहम्मदशाह को शरण दे दी, अतः दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने रणथम्भौर पर आक्रमण किया। 1301 ई. में हुए अंतिम युद्ध में हम्मीर चौहान की पराजय हुई और दुर्ग में पत्नि रंगदेवी ने जल जोहर किया तथा सभी राजपूत योद्धा मारे गये। 11 जुलाई, 1301 को दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी का कब्जा हो गया।
- प्रश्न 175 ‘कवि बान्धव’ की उपाधि किस चौहान शासक को प्राप्त थी -
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- (अ) विग्रहराज चतुर्थ
- (ब) पृथ्वीराज तृतिय
- (स) पृथ्वीराज द्वितीय
- (द) अजयराज
उत्तर : विग्रहराज चतुर्थ
व्याख्या :
विद्वानों का आश्रयदाता होने के कारण जयानक भट्ट ने विग्रहराज को ‘कवि बान्धव’ (कवि बंधु) की उपाधि प्रदान की।
- प्रश्न 176 चौहान वंश का संस्थापक शासक है -
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- (अ) अजयराज
- (ब) अर्णोराज
- (स) वासुदेव
- (द) पृथ्वीराज प्रथम
उत्तर : वासुदेव
व्याख्या :
सपादलक्ष के चौहानों का आदि पुरुष वासुदेव था, जिसका समय 551 ई. के लगभग अनुमानित है। बिजौलिया प्रशस्ति में वासुदेव को सांभर झील का निर्माता माना गया है।
- प्रश्न 177 हरिकेलि नाटक के रचयिता थे -
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- (अ) अरूणोराज
- (ब) विग्रहराज
- (स) सोमदत्त
- (द) पृथ्वीराज
उत्तर : विग्रहराज
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ ने ‘हरकेलि’ नाटक और उसके दरबारी विद्वान सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना करके साहित्य स्तर को ऊँचा उठाया। ललित विग्रहराज नाटक में “बीसलदेव तथा देसलदेवी” के प्रेम प्रसंगों का वर्णन किया गया हैं। हरिकेली नाटक के अंशों को “ढाई दिन के झौपड़े तथा राजाराममोहन राय” की समाधि (ब्रिस्टल, इंग्लैंड) पर उत्कीर्ण करवाया गया।
- प्रश्न 178 रणथम्भौर के चैहान वंश का संस्थापक था -
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- (अ) कल्हण
- (ब) गोविंद प्रथम
- (स) पृथ्वीराज द्वितीय
- (द) वासुदेव
उत्तर : गोविंद प्रथम
व्याख्या :
तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज की पराजय के बाद उसके पुत्र गोविंदराज ने कुछ समय बाद रणथम्भौर में चौहान वंश का शासन स्थापित किया।
- प्रश्न 179 चैहान वंश का संस्थापक था -
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- (अ) गुहिल
- (ब) रावसीवा
- (स) वासुदेव
- (द) पृथ्वीराज चैहान
उत्तर : वासुदेव
व्याख्या :
सपादलक्ष के चौहानों का आदि पुरुष वासुदेव था, जिसका समय 551 ई. के लगभग अनुमानित है।
- प्रश्न 180 निम्नलिखित युग्मों में कौनसा गलत है -
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- (अ) आमेर राज्य की स्थापना-967
- (ब) जैसलमेर की स्थापना-1156
- (स) अजमेर की स्थापना-1163
- (द) उदयपुर की स्थापना-1559
उत्तर : अजमेर की स्थापना-1163
व्याख्या :
पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र का नाम अजयराज था। अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए उसने 1113 ई. में अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया।
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