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राठौड़ वंश

प्रश्न 181 जांगलधर बादशाह कहां के शासक कहलाते थे -
  • (अ) उदयपुर
  • (ब) जोधपुर
  • (स) बीकानेर
  • (द) अजमेर
उत्तर : बीकानेर
व्याख्या :
बीकानेर का पुराना नाम ‘जांगलदेश’ था। इसके उत्तर में कुरू व मद्र देश थे इसलिए महाभारत में इस क्षेत्र का नाम कुरू और मद्र के साथ जुड़ा हुआ मिलता है। जैसे- कुरूजांगला, माद्रेजांगला आदि। बीकानेर में राठौड वंश का शासन था, बीकानेर के राजा जांगलदेश के स्वामी थे इसलिए इन्हें ‘जांगलधर बादशाह’ कहते है और बीकानेर के राज्य चिह्न में जयजांगलधर बादशाह लिखा हुआ है।
प्रश्न 182 सामंत प्रथा का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है -
  • (अ) राव रणमल
  • (ब) राव जोधा
  • (स) राव गंगा
  • (द) राव मालदेव
उत्तर : राव जोधा
व्याख्या :
राव जोधा (1438 - 1489) को सामंत प्रथा का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। राव जोधा ने 1453 में मंडोर पर अधिकार किया। राव जोधा को राठौड़ों का प्रथम शक्तिशाली राजा माना जाता है।
राव चूडा को राठौड़ वंश का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।
प्रश्न 183 मारवाड़ के किस राजा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की?
  • (अ) राव जोधा
  • (ब) राव बीका
  • (स) राव मालदेव
  • (द) राव चंद्रसेन
उत्तर : राव चंद्रसेन
व्याख्या :
राव चन्द्रसेन अकबरकालीन राजस्थान का प्रथम स्वतन्त्र प्रकृति का शासक था। इतिहास में समुचित महत्व न मिलने के कारण चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का भूला बिसरा नायक’ कहा जाता है।
प्रश्न 184 मारवाड़ के राठौड़ वंश के संस्थापक कौन हैं?
  • (अ) राव चुंडा
  • (ब) राव सीहा
  • (स) राव मालदेव
  • (द) राव गंगा
उत्तर : राव सीहा
व्याख्या :
मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना 1240ई. में राव सीहा के द्वारा की गई। बीठू गांव (पाली) के ‘देवल अभिलेख’ के अनुसार राव सीहा कुंवर सेतराम का पुत्र था और उसकी सोलंकी वंश की पार्वती नामक रानी थी।
प्रश्न 185 राजस्थान में राठौड़ वंश का प्रथम शासक था -
  • (अ) राव सीहा
  • (ब) जोधा
  • (स) बीका
  • (द) किशनसिंह
उत्तर : राव सीहा
व्याख्या :
मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना 1240ई. में राव सीहा के द्वारा की गई।
प्रश्न 186 राठौड़ वंश का प्रथम बड़ा शासक कौन था -
  • (अ) राव चूडा
  • (ब) राव रणमल
  • (स) मोकल
  • (द) राव जोधा
उत्तर : राव चूडा
व्याख्या :
राव चूँडा बड़ा प्रतापी शासक हुआ। इंदा परिहार ने मण्डौर यवन-मुसलमानों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दे दिया और यह शर्त रखी कि उनके 84 गांव में राठौड़ हस्तक्षेप नहीं करेंगे। राव चूँडा ने मण्डौर को राठौड़ों की राजधानी बनाया। उसने अपने राज्य का विस्तार नाड़ौल, डीड़वाना, नागौर आदि क्षेत्रों तक कर लिया।
प्रश्न 187 बीकानेर के किस शासक को उसकी वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी थी -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L2)
  • (अ) राव दलपत सिंह
  • (ब) राव सुर सिंह
  • (स) राव कर्ण सिंह
  • (द) राव अनूप सिंह
उत्तर : राव अनूप सिंह
व्याख्या :
औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह दक्षिण में गोलकुण्डा की लड़ाई में शामिल हुआ इसके अलावा आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह की ओर से शासक रहा। औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी। माहीमरातिब की उपाधि फारस के बादशाह नौशेरवा के पौत्र खुसरो परवेज ने सर्वप्रथम इसका प्रारम्भ किया था। अनूपसिंह के अतिरिक्त महाराजा गजसिंह व महाराजा रतनसिंह को भी माहीमरातिब की उपाधि मिली थी।
प्रश्न 188 ‘काम प्रबोध’ एवं ‘श्राद्ध प्रयोग चिन्तामणी’ ग्रंथों की रचना किस शासक के काल में हुई -
Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) - 2024 (Rajasthan Gk)
  • (अ) महाराणा कुंभा
  • (ब) महाराणा राज सिंह
  • (स) सवाई जय सिंह
  • (द) महाराजा अनूप सिंह
उत्तर : महाराजा अनूप सिंह
व्याख्या :
अनूपसिंह ने संस्कृत में अनूपविवेक, कामप्रबोध, श्रज्ञाद्धप्रयोग चिन्तामणि ग्रंथ लिखे व गीत गोविंद पर ‘अनुपोदय’ नामक टीका लिखी। अनूपसिंह के समय इसके दरबार में विद्यानाथ सूरी ने ‘ज्योत्पत्तिसार’ ग्रंथ व मणिराम दीक्षित ने अनूपव्यवहारसागर’ ‘अनूपविलास', ‘धर्मशास्त्र ग्रंथ’, अनन्त भट्ट ने तीर्थ ‘रत्नाकर’ ग्रंथ, उदयचन्द्र ने ‘पाण्डित्यदर्पण’ नामक ग्रंथ लिखे।
प्रश्न 189 सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :
सूची-I
शासक
सूची-II
शासन काल
(a) राव बीका (i) 1526 - 1541 AD
(b) राव लूणकरण (ii) 1465 - 1540 AD
(c) राव जैतसी (iii) 1541 - 1574 AD
(d) राव कल्याणमल (iv) 1505 - 1526 AD
नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनिए :

Stenographer Exam 2024 (Paper - I)
  • (अ) (a) - (ii), (b) - (i), (c) - (iv), (d) - (iii)
  • (ब) (a) - (i), (b) - (ii), (c) - (iii), (d) - (iv)
  • (स) (a) - (ii), (b) - (iv), (c) - (i), (d) - (iii)
  • (द) (a) - (iv), (b) - (ii), (c) - (iii), (d) - (i)
उत्तर : (a) - (ii), (b) - (iv), (c) - (i), (d) - (iii)
व्याख्या :
राव बीका का शासन काल 1465 - 1540 AD था।
राव लूणकरण का शासन काल 1505 - 1526 AD था।
राव जैतसी का शासन काल 1526 - 1541 AD था।
राव कल्याणमल का शासन काल 1541 - 1574 AD था।
प्रश्न 190 मुंशी देवी प्रसाद ने किसे ‘राजपूताने का कर्ण’ कहा -
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  • (अ) रायसिंह
  • (ब) उदयसिंह
  • (स) लूणकरण
  • (द) चन्द्रसेन
उत्तर : रायसिंह
व्याख्या :
रायसिंह के समय में घोर त्रिकाल पड़ा, जिसमें हजारों व्यक्ति एवं पशु मारे गए। महाराजा ने व्यक्तियों के लिए जगह-जगह ‘सदाव्रत’ खोले एवं पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की। इसलिए मुंशी देवी प्रसाद ने इसे ‘राजपूताने का कर्ण’ की संज्ञा दी है।

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