राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 191 बड़वा ग्राम से प्राप्त यूप स्तम्म अभिलेख किस वंश / गण से संबंधित है -
JEN Agriculture 2022 -
- (अ) मौखरी वंश
- (ब) प्रतिहार वंश
- (स) यौधेय गण
- (द) अर्जुनायन गण
उत्तर : मौखरी वंश
- प्रश्न 192 मानमोरी शिलालेख राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बंधित है ?
Forester Exam 2020 Shift 1 -
- (अ) मण्डोर
- (ब) माऊँट आबू
- (स) चित्तौड़
- (द) पाली
उत्तर : चित्तौड़
- प्रश्न 193 ‘दस्तूर कौमवार’ में राजस्थान के किस राज्य से सम्बन्धित वर्णन मिलता है -
Forester Exam 2020 Shift 1 -
- (अ) बीकानेर
- (ब) जयपुर
- (स) उदयपुर
- (द) कोटा
उत्तर : जयपुर
व्याख्या :
जयपुर रियासत में वर्णानुक्रम से वर्षों के अनुसार जिल्दों में 32 खण्डों में उपलब्ध राजकार्य का विस्तृत आर्थिक रिकॉर्ड दस्तूर कोमवार के नाम से जाना जाता है। इससे जातियों, व्यवसायों, विशिष्ट सुविधाओं आदि का ज्ञान भी प्राप्त होता है। दस्तूर कौमवार में जयपुर राज्य से संबंधित आय-व्यय भेंट, उपहार, युद्धादि में काम आए व्यक्तियों को दी गई इज्जत आदि का वर्णन भी मिलता है। इनमें तत्कालीन आभूषणों, वस्त्रों, उत्सव-पर्वों आदि के बारे में काफी जानकारी प्राप्त होती है।
- प्रश्न 194 नाथ प्रशस्ति राजस्थान की किस रियासत से सम्बन्धित है -
Forester Exam 2020 Shift 2 -
- (अ) जयपुर
- (ब) मेवाड़
- (स) जैसलमेर
- (द) मारवाड़
उत्तर : मेवाड़
- प्रश्न 195 घटियाला अभिलेख से संबंधित निम्नलिखित कथनों में असत्य है -
Sr. Computer Instructor 2022 Paper 1 -
- (अ) अभिलेख में प्रतिहार शासक हरिशचन्द्र एवं उसके वंशजों का विवरण है।
- (ब) अभिलेख में ‘मग’ जातीय ब्राह्मणों का उल्लेख है।
- (स) अभिलेख में नागभट्ट-1 के राजधानी को मंडोर में स्थानांतरित करने का विवरण है।
- (द) यह अभिलेख 4 अभिलेखीय लेखों का एक समूह है।
उत्तर : अभिलेख में नागभट्ट-1 के राजधानी को मंडोर में स्थानांतरित करने का विवरण है।
व्याख्या :
घटियाला शिलालेख (861 ई.) : जोधपुर से 22 मील दूर घटियाला नामक स्थान पर एक जैन मन्दिर जिसे ‘माता की साल’ कहते हैं, के समीप स्थित स्तम्भ पर चार लेखों का समूह है। लेख की भाषा संस्कृत है जिसमें गद्य और पद्य का प्रयोग किया गया है। इस लेख में प्रतिहार शासकों, मुख्यतः कक्कुक प्रतिहार की उपलब्धियों और राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक नीतियों के बारे में सूचना प्राप्त होती है। इस लेख में ‘मग’ जाति के ब्राह्मणों का भी विशेष उल्लेख किया गया है जो वर्ण विभाजन का द्योतक है। ‘मग’ ब्राह्मण ओसवालों के आश्रय में रहकर निर्वाह करते थे तथा जैन मन्दिरों में भी पूजा सम्पन्न करवाते थे। ये लेख मग द्वारा लिखे गये तथा स्वर्णकार कृष्णेश्वर द्वारा उत्कीर्ण किये गये थे।
- प्रश्न 196 निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है -
लेखक - ग्रंथ
(A) सूर्यमल्ल मीसण - वंशोदय
(B) पद्मनाम - कान्हड़देव प्रबन्ध
(C) करणीदान - सूरज प्रकाश
(D) मण्डन - राजवल्लभ
Head Master (Sanskrit Edu.) - 20211 (PAPER-I) -
- (अ) C
- (ब) A
- (स) D
- (द) B
उत्तर : A
व्याख्या :
सती रासो, वीर सतसई, वंश भास्कर के लेखक सूर्यमल्ल मिश्रण हैं। वंशोदय सूर्यमल्ल मिश्रण की कृति नहीं है।
- प्रश्न 197 मौखरी यूप अभिलेख (238 ई.) निम्न में से कहाँ से प्राप्त हुए हैं -
Head Master (Sanskrit Edu.) - 20211 (PAPER-I) -
- (अ) बरनाला
- (ब) बैराठ
- (स) बड़वा
- (द) बहली
उत्तर : बड़वा
व्याख्या :
बड़वा यूप अभिलेख (238-39 ई.), कोटा : बड़वा यूप अभिलेख बड़वा ग्राम कोटा में स्थित है। इसकी भाषा संस्कृत एवं लिपि ब्राह्मी उत्तरी है। मौखरी राजाओं का यह सबसे पुराना और पहला अभिलेख है। यूप एक प्रकार का स्तम्भ है।
- प्रश्न 198 निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालता है -
Forest Guard Exam 2022 Shift 1 -
- (अ) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
- (ब) जगन्नाथ राय प्रशस्ति
- (स) राज प्रशस्ति
- (द) राय सिंह प्रशस्ति
उत्तर : कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
व्याख्या :
कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (1440-1448 ई.) चित्तौड़गढ़ : इसका प्रशस्तिकार महेश भट्ट था। यह राणा कुंभा की प्रशस्ति है। इसमें बापा से लेकर राणा कुंभा तक गुहिलों की वंशावली एवं उनकी उपलब्धियों का वर्णन है। इसमें राणा कुंभा की उपलब्धियों एवं उसके द्वारा रचित ग्रंथों का विशद् वर्णन मिलता है।
- प्रश्न 199 ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के प्रसिद्ध लेखक हैं -
Forest Guard Exam 2022 Shift 1 -
- (अ) गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
- (ब) रामकरण आसोपा
- (स) मुनि जिन विजय
- (द) विश्वेश्वरनाथ रेऊ
उत्तर : गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
व्याख्या :
गौरी शंकर हीराचंद ओझा ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के लेखक हैं। यह पुस्तक भारत के पुरालेख को समर्पित पहली पुस्तक है। वे राजस्थान के इतिहासकार थे। 1914 में उन्हें राय बहादुर की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- प्रश्न 200 निम्न में से किस रियासत से ‘सनद परवाना बहियाँ’ संबंधित थी -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) बीकानेर
- (ब) कोटा
- (स) जयपुर
- (द) जोधपुर
उत्तर : जोधपुर
व्याख्या :
सनद परवाना बहियाँ जोधपुर रियासत से संबंधित थी। सनद परवाना बहियाँ महाराजा विजयसिंह के काल के दौरान लिखी गई थीं। इन बहियों में सामाजिक अपराध और दंड के बारे में जानकारी है।
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