राठौड़ वंश
- प्रश्न 197 मारवाड़ के राव चूण्डा के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए एवं निम्नांकित में से सही विकल्प का चयन कीजिए :
A. राव चूण्डा को मण्डोर दहेज में प्राप्त हुआ।
B. राव चूण्डा की मृत्यु के तुरंत पश्चात् राव रणमल राजगद्दी पर आसीन हुआ।
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- (अ) केवल A सत्य है।
- (ब) केवल B सत्य है।
- (स) A और B दोनों सत्य हैं।
- (द) A और B दोनों असत्य हैं।
उत्तर : केवल A सत्य है।
व्याख्या :
इंदा परिहार ने मण्डौर यवन-मुसलमानों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दे दिया और यह शर्त रखी कि उनके 84 गांव में राठौड़ हस्तक्षेप नहीं करेंगे। एक प्रकार से राव चूड़ा को अपना सामंत बनाया। इस प्रकार मारवाड़ में सामंत प्रथा का संस्थापक राव चूड़ा को मना जाता है।
राव चूड़ा ने अपनी रानी किशोरी देवी (चौहान शासक राव मेघराज की पुत्री) के पुत्र कान्हा को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। किन्तु किशोरी देवी के पुत्र कान्हा ने मात्र 11 माह का राज्य किया और मृत्यु को प्राप्त हो गया।
चूँडा का ज्येष्ठ पुत्र होते हुए भी रणमल को कान्हा के पक्ष में अपना राज्याधिकार छोड़ना पड़ा था।
- प्रश्न 198 ‘राव-जैतसी-रो-छन्द’ के अनुसार, बीकानेर के शासक राव जैतसी ने निम्न में से किसे परास्त किया था -
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- (अ) हुमायूँ
- (ब) कामरान
- (स) शेरशाह
- (द) अकबर
उत्तर : कामरान
व्याख्या :
राव जैतसी (बीकानेर के शासक, 1526-1542) ने कामरान (हुमायूँ के भाई) को परास्त किया था, जैसा कि राव-जैतसी-रो-छंद में वर्णित है।
भटनेर से कामरान की फौज बीकानेर की ओर रवाना हुई, जैतसिंह बड़ी सेना का सामना करना उचित न समझ कर दूर हट गया, भोजराज रूपावत बीकानेर के पुराने गढ़ की रक्षा करते हुए मारे गए, गढ़ पर मुगलों का अधिकार हो गया, जैतसिंह ने एक सेना तैयार करके 26 अक्टुबर 1534 को रात्रि के समय मुगलों पर आक्रमण कर दिया, राठौड़ों के इस आक्रमण को मुगल सेना सहन नहीं कर पाई और लाहौर की ओर भाग गई।
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