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राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत

प्रश्न 201 निम्नलिखित में से किस युद्ध को ‘मेवाड़ का मेराथन’ के नाम से जाना जाता है -
School Lecturer 2022 History (Group - C)
  • (अ) खमनौर का युद्ध
  • (ब) गोगुन्दा का युद्ध
  • (स) दिवेर का युद्ध
  • (द) हल्दीघाटी का युद्ध
उत्तर : दिवेर का युद्ध
व्याख्या :
दिवेर का युद्ध/मेवाड़ का माराथन (अक्टूबर, 1582) : ‘अमरकाव्य’ के अनुसार 1582 ई. में राणा प्रताप ने मुगलों के विरुद्ध दिवेर (कुंभलगढ़) पर जबरदस्त आक्रमण किया। यहाँ का सूबेदार अकबर का काका सेरिमा सुल्तान खां था। जब कुंवर अमरसिंह ने अपना भाला सेरिमा सुल्तान पर मारा तो भाला सेरिमा के लोहे के बख्तर को चीरते हुए उसके शरीर में प्रवेश कर पार हो गया।
प्रश्न 202 निम्न में से किस प्रशस्ति के रचयिता अत्री और महेश थे -
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift)
  • (अ) रणकपुर प्रशस्ति
  • (ब) कुम्भलगढ़ प्रशस्ति
  • (स) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
  • (द) बिजौलिया अभिलेख
उत्तर : कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
व्याख्या :
कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (1440-1448 ई.) चित्तौड़गढ़ : इसका प्रशस्तिकार महेश भट्ट था। यह राणा कुंभा की प्रशस्ति है। इसमें बापा से लेकर राणा कुंभा तक गुहिलों की वंशावली एवं उनकी उपलब्धियों का वर्णन है।
प्रश्न 203 मध्यकालीन ‘पट्टा रेख’ आप क्या समझते हैं -
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift)
  • (अ) लाग-बाग
  • (ब) पट्टा में लिखा हुआ निर्धारित कर
  • (स) आयात कर
  • (द) निर्यात कर
उत्तर : पट्टा में लिखा हुआ निर्धारित कर
व्याख्या :
पट्टे के लिए भूमि देते समय जागीर पट्टे पर दी गई भूमि से अपेक्षित राजस्व लिखता था।
प्रश्न 204 किस ताम्रपत्र से रानी कर्मावती के जौहर का पता चलता है -
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift)
  • (अ) पुर ताम्रपत्र
  • (ब) खेरोदा ताम्रपत्र
  • (स) चीकली ताम्रपत्र
  • (द) आहड़ ताम्रपत्र
उत्तर : पुर ताम्रपत्र
व्याख्या :
पुर का ताम्र-पत्र (1535 ई.) : यह ताम्र-पत्र महाराणा श्री विक्रमादित्य के समय का है। इसमें हाड़ी रानी कमेती (कर्मावती) द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिए गए भूमि अनुदान की जानकारी मिलती है। इस ताम्रपत्र से जौहर की प्रथा पर प्रकाश पड़ता है तथा चितौड़ के द्वितीय शाके का ठीक समय निर्धारित होता है।
प्रश्न 205 ‘अर्ली चौहान डायनेस्टीज़’ पुस्तक के लेखक है -
School Lecturer 2022 Gk (G-A)
  • (अ) जी.एन. शर्मा
  • (ब) दशरथ शर्मा
  • (स) के.एस. गुप्ता
  • (द) जी. एच. ओझा
उत्तर : दशरथ शर्मा
व्याख्या :
राजस्थान के इतिहास पर काम करने वाले प्रमुख इतिहासकारों में से एक दशरथ शर्मा द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तक ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ है।
प्रश्न 206 वंश भास्कर के लेखक है -
School Lecturer 2022 Gk (G-B)
  • (अ) पद्मनाभ
  • (ब) सूर्यमल्ल मिश्रण
  • (स) करणीदान
  • (द) शिवदास गौतम
उत्तर : सूर्यमल्ल मिश्रण
व्याख्या :
वंश भास्कर के लेखक सूर्यमल्ल मिश्रण हैं। यह एक संस्कृत ग्रंथ है जो 19वीं शताब्दी में लिखा गया था।
प्रश्न 207 ‘पृथ्वीराज विजय’ का लेखक कौन था -
School Lecturer 2022 Gk (Group D)
  • (अ) चंदबरदाई
  • (ब) जयानक
  • (स) नयनचन्द सूरी
  • (द) मलिक मुहम्मद जायसी
उत्तर : जयानक
व्याख्या :
जयानक, विद्यापति गौड़, वागीश्वर, जनार्दन तथा विश्वरूप पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी लेखक और कवि थे, जिनकी कृतियाँ उसके समय को अमर बनाये हुए हैं। जयानक ने पृथ्वीराज विजय की रचना की थी।
प्रश्न 208 निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-1
  • (अ) वंश भास्कर - सूर्यमल्ल मीसण
  • (ब) कुवलयमाला - उद्योतन सूरी
  • (स) पृथ्वीराज विजय - चन्दबरदाई
  • (द) हम्मीर महाकाव्य - नयनचन्द्र सूरी
उत्तर : पृथ्वीराज विजय - चन्दबरदाई
व्याख्या :
जयानक, विद्यापति गौड़, वागीश्वर, जनार्दन तथा विश्वरूप पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी लेखक और कवि थे, जिनकी कृतियाँ उसके समय को अमर बनाये हुए हैं। जयानक ने पृथ्वीराज विजय की रचना की थी।
प्रश्न 209 ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज़’ के लेखक हैं
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-2
  • (अ) जी. एन. शर्मा
  • (ब) जी. एच. ओझा
  • (स) दशरथ शर्मा
  • (द) जी. ए. ग्रियर्सन
उत्तर : दशरथ शर्मा
व्याख्या :
राजस्थान के इतिहास पर काम करने वाले प्रमुख इतिहासकारों में से एक दशरथ शर्मा द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तक ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ है।
प्रश्न 210 ‘बेली क्रिशन रुकमणी री’ के रचयिता, किस शासक के दरबारी कवि थे -
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-1
  • (अ) अकबर
  • (ब) महाराणा कुम्भा
  • (स) शाहजहाँ
  • (द) विग्रहराज चतुर्थ
उत्तर : अकबर
व्याख्या :
अकबर के दरबार में पृथ्वीराज का अच्छा सम्मान था, अकबर ने इन्हें गागरोन की जागीर दी थी, गागरोन दुर्ग में पृथ्वीराज राठौड़ ने डींगल भाषा में 1580 में ‘वेली किशन रूकमणी री’ नामक ग्रंथ लिखा था। इस ग्रंथ को दुरसाआढ़ा ने पांचवां वेद व 19 वां पुराण कहा था।

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