राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 216 ‘पदराडा’ अभिलेख किस शासक से संबंधित है -
A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) कुमारपाल सोलंकी
- (ब) महारावल अजब सिंह
- (स) महाराणा कुम्भा
- (द) महाराणा जगत सिंह
उत्तर : महाराणा कुम्भा
व्याख्या :
राजसमंद के पदराडा गांव से प्राप्त किस लेख में सबसे पहले कुंभा के बारे में चर्चा की गई है। इसमें पदराडा का नाम पाटकेप्रद वर्णित है।
- प्रश्न 217 राजस्थान के किस चौहान शासक को जयानक द्वारा अपने ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रन्थ में पृथ्वी को चाँदी की मुद्राओं से भर देने का श्रेय दिया गया है -
A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) पृथ्वीराज प्रथम
- (ब) अजयराज
- (स) अर्णोराज
- (द) पृथ्वीराज तृतीय
उत्तर : अजयराज
व्याख्या :
जयानक पृथ्वीराज चौहान के राजकवि थे। अजयराज ने ‘श्री अजयदेव’ नाम से चाँदी के सिक्क चलाये। कुछ मुद्राओं पर उसकी रानी सोमलेखा (सोमलवती) का नाम भी अंकित मिलता है।
- प्रश्न 218 जयानक रचित ‘पृथ्वीराज - विजय’ में एक शासक की प्रशंसा में लिखा है कि उसने पुष्कर पर आक्रमण करने वाले 700 चालुक्यों को मार गिराया । निम्न में से उस शासक का नाम बताइए -
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022 -
- (अ) दुर्लभराज II
- (ब) विग्रहराज III
- (स) पृथ्वीराज I
- (द) पृथ्वीराज II
उत्तर : पृथ्वीराज I
व्याख्या :
इस वंश के विग्रहराज तृतीय के पुत्र पृथ्वीराज प्रथम ने 1105 ई. में 700 चालुक्यों को जो पुष्कर के ब्राह्मणों को लूटने आये थे, मौत के घाट उतारा व ‘परम भट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 219 दयालदास री ख्यात में प्रमुखतः किस राज्य का इतिहास वर्णित है -
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022 -
- (अ) जोधपुर
- (ब) जैसलमेर
- (स) बीकानेर
- (द) डूंगरपुर
उत्तर : बीकानेर
व्याख्या :
दयालदास को राजस्थान का अंतिम ख्यातकार माना जाता है। उनका जन्म 1798 ई. में बीकानेर रियासत के कुबिया गांव में हुआ था। उन्होंने बीकानेर राज्य की ख्याति लिखी, जिसे ‘बीकानेर राय राठौड़ री ख्यात’ और ‘दयालदास री ख्यात’ के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रश्न 220 ‘हम्मीर हठ’ के लेखक कौन हैं -
Lecturer (Tech. Edu.) Exam - 2020 (Gen. Studies of State Paper - III) -
- (अ) चन्द्रशेखर
- (ब) मालदेव
- (स) महेश
- (द) जोधराज
उत्तर : चन्द्रशेखर
व्याख्या :
हम्मीर हठ के रचयिता चन्द्रशेखर हैं।
- प्रश्न 221 ‘अचलदास खींची री वचनिका’ में किणां रै जुद्ध से बरणाव हुयो है -
3rd Grade Teacher 2022 English L2 -
- (अ) अचलदास खींची अर जहांगीर रै
- (ब) अचलदास खींची अर मुहम्मदशाह रै
- (स) अचलदास खींची अर होसंगसाह रै
- (द) अचलदास खींची अर सेरसाह सूरि रै
उत्तर : अचलदास खींची अर होसंगसाह रै
व्याख्या :
अचलदास खींची री वचनिका चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा रचित एक ऐतिहासिक कृति है। इस प्रसिद्ध कृति से मांडू के सुल्तान हुशंगशाह व गागरौन के शासक अचलदास खींची के मध्य हुए युद्ध (1423 ई.) की जानकारी मिलती है।
- प्रश्न 222 पृथ्वीराज राठौड़ री घणी चावी कृति है -
3rd Grade Teacher 2022 Punjabi L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य) -
- (अ) रूकमणि हरण
- (ब) वेलि क्रिसन रूकमणि री
- (स) सीता पुराण
- (द) रूकमणि मंगल
उत्तर : वेलि क्रिसन रूकमणि री
व्याख्या :
अकबर के दरबार में पृथ्वीराज का अच्छा सम्मान था, अकबर ने इन्हें गागरोन की जागीर दी थी, गागरोन दुर्ग में पृथ्वीराज राठौड़ ने डींगल भाषा में 1580 में ‘वेली किशन रूकमणी री’ नामक ग्रंथ लिखा था। इस ग्रंथ को दुरसाआढ़ा ने पांचवां वेद व 19 वां पुराण कहा था।
- प्रश्न 223 जालौर के शासक और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य संघर्ष की जानकारी निम्न में से किस ग्रंथ से मिलती है -
3rd Grade Teacher 2022 Punjabi L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य) -
- (अ) दलपत विलास
- (ब) कान्हडदे प्रबन्ध
- (स) हमीर हठ
- (द) पद्मावत
उत्तर : कान्हडदे प्रबन्ध
व्याख्या :
सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए। इस युद्ध की जानकारी पद्मनाभ के ग्रन्थ कान्हड़दे प्रबन्ध तथा वीरमदेव सोनगरा की वात में मिलती है।
- प्रश्न 224 अमरकाव्य वंशावली का लेखक कौन है -
CET 2022 (12th Level) 04 February 2023 Shift-2 -
- (अ) जीवाधर
- (ब) जगजीवन भट्ट
- (स) सदाशिव भट्ट
- (द) रणछोड़ भट्ट
उत्तर : रणछोड़ भट्ट
व्याख्या :
अमर काव्य वंशावली की रचना राजप्रशस्ती के लेखक रणछोड़ भट्ट ने की है। इस पुस्तक में बापा से लेकर राणा राज सिंह तक मेवाड़ के इतिहास की जानकारी मिलती है।
- प्रश्न 225 ‘बीकानेर के राठौड़ री ख्यात’ के लेखक कौन थे -
CET 2022 (12th Level)05 February 2023 Shift-2 -
- (अ) सूरजभान
- (ब) नैणसी
- (स) कविमान
- (द) दयालदास
उत्तर : दयालदास
व्याख्या :
दयालदास ने “बीकानेर के राठौर री ख्यात” लिखा था। उन्हें राजस्थान का अंतिम ख्यातकार माना जाता है।
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