मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 221 मेवाड़ नरेश राणा अमरसिंह एवं राणा कर्णसिंह की छतरियां(स्मारक) अवस्थित हैं -
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- (अ) मंडोर(जोधपुर)
- (ब) आहड़(उदयपुर)
- (स) नाथद्वारा(उदयपुर)
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : आहड़(उदयपुर)
व्याख्या :
आहड़ में मेवाड़ के राणाओं की छतरियों (महासतियों) में राणा अमरसिंह की छतरी पहली छतरी बनी।
- प्रश्न 222 किस शासक के कार्यकाल में मेवाड भील कोर का गठन किया गया -
Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 2 -
- (अ) महाराणा जयसिंह
- (ब) महाराणा जगतसिंह द्वितीय
- (स) महाराणा भीमसिंह
- (द) महाराणा सरदार सिंह
उत्तर : महाराणा सरदार सिंह
व्याख्या :
महाराणा सरदार सिंह के समय में भोमट आदिवासी क्षेत्र में भील जनजाति का उपद्रव तेज हो गया था। अतः जनजातीय उपद्रव को दबाने की आड लेकर ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1841 ई. में इनके साथ में ‘मेवाड़ भील कोर’ का गठन किया।
- प्रश्न 223 राजगुरू, दानगुरू, हालगुरू एवं परमगुरू नामक उपाधियां किस शासक की थी -
Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 2 -
- (अ) बप्पा रावल
- (ब) राणा सांगा
- (स) राणा हम्मीर
- (द) राणा कुम्भा
उत्तर : राणा कुम्भा
व्याख्या :
कुम्भा को अभिनव भरताचार्य, राणा रासौ, दानगुरू, हालगुरू, रामरायण, महाराजाधिराज, राजगुरू, परमगुरू, छापगुरू आदि उपाधियां प्राप्त थी।
- प्रश्न 224 प्रताप ने 1585 में अपनी नई राजधानी कहाँ स्थापित की -
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- (अ) चित्तौड़
- (ब) चावण्ड
- (स) गोगुन्दा
- (द) दिबेर
उत्तर : चावण्ड
व्याख्या :
महाराणा प्रताप ने 1585 ई. में चावंड के शासक लूणा को परास्त कर चावंड को अपनी राजधानी बनाया। यह नगर अमरिसिंह के काल में 1614 ई. तक मेवाड़ मेवाड़ राज्य की राजधानी रहा।
- प्रश्न 225 गजराज एवं रन-मदार हाथियों ने किस युद्ध में भाग लिया -
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 2 -
- (अ) हल्दी घाटी युद्ध
- (ब) खानवा युद्ध
- (स) इनमें से कोई नहीं
- (द) दिवेर के युद्ध
उत्तर : हल्दी घाटी युद्ध
व्याख्या :
मुंगलो की सेना में गजराज , रन मदार , मर्दाना आदि हाथी थे। मानसिंह के पास जो हाथी था उसका नाम मर्दाना था।
- प्रश्न 226 रावत जग्गा एवं रावत बाघ किस शासक के सरदार थे -
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 1 -
- (अ) राणा सांगा
- (ब) राणा कुम्भा
- (स) राणा हम्मीर
- (द) राणा प्रताप
उत्तर : राणा सांगा
व्याख्या :
रावत जग्गा, रावत बाघ, कर्मचंद आदि राणा सांगा के सरदार थे।
- प्रश्न 227 किस शासक ने स्वभूमिध्वंस की नीति का अनुसरण किया -
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 2 -
- (अ) राणा कुम्भा
- (ब) महाराणा प्रताप
- (स) राव चन्द्रसेन
- (द) राणा सांगा
उत्तर : महाराणा प्रताप
व्याख्या :
राणा ने स्वभूमिध्वंस नीति अपनाकर मुग़ल थानों के आसपास की भूमि पर किसानों को अन्न उगाने के लिए मना कर दिया। जिससे मुग़ल सैनिक भूखों मरने लगे। छापामार युद्ध के कारण सूरत के बंदरगाह से फारस की खाड़ी व यूरोप में होने वाला मुगलों का व्यापार ठप पड़ने लगा। लूटे हुए धन से राणा की स्थिति मजबूत होती गयी और वह शाही थानों को एक के बाद एक नष्ट करने लगे।
- प्रश्न 228 मेवाड़ के सिंहासन पर राणा सांगा का राज्यभिषेक कब हुआ था -
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- (अ) 1508 ई.
- (ब) 1509 ई.
- (स) 1510 ई.
- (द) 1511 ई.
उत्तर : 1509 ई.
व्याख्या :
महाराणा रायमल अपने अंतिम समय में थे तब महाराणा रायमल ने 1509 ई. में संग्राम सिंह को अजमेर से बुलवाया और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। कुंवर संग्रामसिंह महाराणा सांगा के नाम से मशहूर हुए। महाराणा सांगा के राज्याभिषेक के समय दिल्ली पर सुल्तान सिकन्दर लोदी, गुजरात पर महमूद बेगड़ा और मालवा पर नासिर शाह/नासिरूद्दीन खिलजी का राज था।
- प्रश्न 229 हल्दीघाटी का युद्ध किस वर्ष में लड़ा गया था -
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- (अ) 1574
- (ब) 1564
- (स) 1566
- (द) 1576
उत्तर : 1576
व्याख्या :
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को महाराणा प्रताप के नेतृत्व वाली मेवाड़ सेना और आमेर के मान सिंह प्रथम के नेतृत्व वाली मुगल सेना के बीच लड़ा गया था।
- प्रश्न 230 1303 में चित्तौड़ विजय के बाद अलाउद्दीन ने चित्तौड़ का नया नाम ......... रखा -
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- (अ) नसीराबाद
- (ब) मोमिनाबाद
- (स) होशंगाबाद
- (द) खिज्राबाद
उत्तर : खिज्राबाद
व्याख्या :
26 अगस्त, 1303 ई. को सोमवार के दिन 6 महीने व 7 दिन की लड़ाई के बाद रावल रतनसिंह वीरगति को प्राप्त हुए और अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ दुर्ग फतह कर कत्लेआम का हुक्म दिया।। अलाउद्दीन खिलजी कुछ दिनों तक चित्तौड़ में रुककर अपने पुत्र खिज्र खां को चित्तौड़ का शासन सौंपकर दिल्ली लौट गया तथा उसने चित्तौड़ का नाम बदलकर खिज्राबाद रख दिया।
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