राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 226 मुगल शासकों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के कारण जयपुर के कच्छवाहा शासकों द्वारा जारी किए गए सिक्के कहलाते थे -
CET 2022 (12th Level)05 February 2023 Shift-2 -
- (अ) झाडशाही
- (ब) विजयशाही
- (स) दीनार
- (द) मिलाड़ी
उत्तर : झाडशाही
व्याख्या :
ब्रिटिश काल में सर्वप्रथम टकसाल खोलने की स्वीकृति जयपुर राज्य ने प्राप्त की। यहां के स्थानीय सिक्कों के स्थान पर कलदार (चांदी) के सिक्के प्रचलन में आए, जिन्हें झाडशाही कहा गया। इस मुद्रा को झाडशाही इसलिए कहा गया क्योंकि उसके ऊपर छह टहनियों के झाड़ का चिन्ह बना रहता था।
- प्रश्न 227 ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ किसकी रचना है -
CET 2022 (12th Level) 11 February 2023 Shift-1 -
- (अ) सूर्यमल्ल मिश्रण
- (ब) वीरभाण रत्नू
- (स) दयाल दास
- (द) मुहणोत नैणसी
उत्तर : मुहणोत नैणसी
व्याख्या :
‘मारवाड रे परगाना री विगत’ मुहणौत नैणसी की रचना है।
- प्रश्न 228 निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख शाकम्भरी चौहानों के प्रारंभिक इतिहास का अच्छा स्रोत है -
Protection Officer - 2022 (General Studies) -
- (अ) चीरवा अभिलेख
- (ब) बिजोलिया अभिलेख
- (स) घटियाला अभिलेख
- (द) मानमोरी अभिलेख
उत्तर : बिजोलिया अभिलेख
व्याख्या :
बिजौलिया शिलालेख (भीलवाड़ा 1170 ई., प्रशस्तिकार गुणभद्र) : इस अभिलेख में सांभर (शाकम्भरी) एवं अजमेर के चौहानों का वर्णन है। इसके अनुसार चौहानों के आदिपुरुष वासुदेव चहमन ने 551ई. में शाकम्भरी में चहमान (चौहान) राज्य की स्थापना की तथा सांभर झील का निर्माण करवाया था।
- प्रश्न 229 राजस्थान इतिहास का जनक किसे कहा जाता है -
Computor Exam 2018 -
- (अ) जी. एन. शर्मा
- (ब) श्यामलदास
- (स) जी. एच. ओझा
- (द) कर्नल टॉड
उत्तर : कर्नल टॉड
व्याख्या :
कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का जनक माना जाता है।
- प्रश्न 230 बीसलदेव रासो की रचना किसने की थी -
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam - 2022 (G.K. Group - A) (Re-Exam) -
- (अ) चन्दबरदाई
- (ब) महेशदास
- (स) सूर्यमल्ल मिश्रण
- (द) नरपति नाल्ह
उत्तर : नरपति नाल्ह
व्याख्या :
बीसलदेव रासो की रचना नरपति नाल्ह ने की थी।
- प्रश्न 231 किस अभिलेख में प्रतिहारों को सौमित्र (लक्ष्मण) उद्भूत हुआ कहा गया है -
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam - 2022 (G.K. Group - A) (Re-Exam) -
- (अ) ग्वालियर अभिलेख
- (ब) जोधपुर अभिलेख
- (स) उज्जैन अभिलेख
- (द) कन्नौज अभिलेख
उत्तर : ग्वालियर अभिलेख
व्याख्या :
मिहिरभोज की ग्वालियर प्रशस्ति (880 ई.) : गुर्जर प्रतिहारों के लेखों में सर्वाधिक उल्लेखनीय मिहिरभोज का ग्वालियर अभिलेष है जो एक प्रशस्ति के रूप में है। इसमें कोई तिथि अंकित नहीं है। यह प्रतिहार वंश के शासको की राजनैतिक उपलब्धियों तथा उनकी वंशावली को ज्ञात करने का मुख्य साधन है।
- प्रश्न 232 ललित - विग्रह राज नाटक का लेखक सोमदेव किस चौहान शासक का राजकवि था -
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam - 2022 (G.K. Group - A) (Re-Exam) -
- (अ) पृथ्वीराज I
- (ब) अर्णोराज
- (स) जग्गदेव
- (द) विग्रहराज IV
उत्तर : विग्रहराज IV
व्याख्या :
बीसलदेव चौहान (विग्रहराज चतुर्थ) ने ‘हरकेलि’ नाटक और उसके दरबारी विद्वान सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना करके साहित्य स्तर को ऊँचा उठाया। ललित विग्रहराज नाटक में “बीसलदेव तथा देसलदेवी” के प्रेम प्रसंगों का वर्णन किया गया हैं।
- प्रश्न 233 घटियाला शिलालेख का सम्बन्ध मण्डोर शाखा के किस प्रतिहार शासक से है -
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam - 2022 (G.K. Group - B) (Re-Exam) -
- (अ) कक्कुक
- (ब) बाउक
- (स) शीलुक
- (द) रज्जिल
उत्तर : कक्कुक
- प्रश्न 234 ‘अचलदास खींची री वचनिका’ के लेखक हैं -
RAS (Pre) Exam - 2023 -
- (अ) गोपाल दान कविया
- (ब) केसरी सिंह बारहठ
- (स) रामनाथ कविया
- (द) चारण शिवदास
उत्तर : चारण शिवदास
व्याख्या :
अचलदास खींची री वचनिका चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा रचित एक ऐतिहासिक कृति है। इसकी कृति की रचना डिंगल भाषा में की गई है।
- प्रश्न 235 ‘ललित विग्रहराज’ नाटक की रचना किसने की -
RAS (Pre) Exam - 2023 -
- (अ) हेमचन्द्र
- (ब) कल्हण
- (स) सोमदेव
- (द) महेश
उत्तर : सोमदेव
व्याख्या :
उत्तर-पश्चिमी भारतीय राजा विग्रहराज चतुर्थ चौहान वंश के थे। उन्होंने राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के एक बड़े हिस्से पर शासन किया। उनके दरबारी कवि सोमदेव ने उनके सम्मान में नाटक ललिता विग्रहराज नाटक लिखा था।
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