राजस्थान में वन
- प्रश्न 231 राजस्थान के वे जिले जिनमें खस नाम की सुगन्धित घास प्रचुरता से उगती है -
RSMSSB Lab Assistant Exam 2016 -
- (अ) झालवाड़, बूँदी, कोटा
- (ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
- (स) भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
- (द) करौली, अलवर, धौलपुर
उत्तर : भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
व्याख्या :
राजस्थान के टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर जिलों में खस घास उगती है। क्राइसोपोगोन ज़िज़ानियोइड्स, जिसे आमतौर पर वेटिवर और खस के रूप में जाना जाता है, खस घास भारत की मूल प्रजाति है।
- प्रश्न 232 राजस्थान में ‘खस’ घास उत्पादित जिले हैं -
-
- (अ) जयपुर, अलवर, अजमेर
- (ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
- (स) टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर
- (द) अलवर, धौलपुर, करौली
उत्तर : टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर
व्याख्या :
राजस्थान के टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर जिलों में खस घास उगती है। क्राइसोपोगोन ज़िज़ानियोइड्स, जिसे आमतौर पर वेटिवर और खस के रूप में जाना जाता है, खस घास भारत की मूल प्रजाति है।
- प्रश्न 233 राजस्थान के वे जिले जिनमें खस नाम की सुगन्धित घास प्रचुरता से उगती है -
RSMSSB Lab Assistant Exam 2016 -
- (अ) झालावाड़, बूंदी, कोटा
- (ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
- (स) भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
- (द) करौली, अलवर, धौलपुर
उत्तर : भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
व्याख्या :
खस घास की जड़ों से सुगंधित तेल निकाला जाता है, जो इत्र और शरबत बनाने के काम आता है। यह घास मुख्यतः भरतपुर, सवाई माधोपुर व टोंक जिलों में उत्पन्न होती है। इस घास के तनों से कूलर की टाटिया और कमरो को ठंडा रखने वाले परदे बनाए जाते हैं।
- प्रश्न 234 अंजन व पाला नामक घास पाई जाती है -
-
- (अ) अजमेर
- (ब) जोधपुर
- (स) दौसा
- (द) धौलपुर
उत्तर : जोधपुर
व्याख्या :
अंजन एक बहुवर्षीय घास है जिसकी ऊंचाई 0.3 से 1.2 मीटर तक होती है। अंजन घास अफ्रीका के शुष्क प्रदेश, मेडागास्कर तथा पूर्वी बर्मा की उत्पत्ति की मानी जाती है। राजस्थान में यह घास बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर एवं बाड़मेर जिलों में पाई जाती है।
- प्रश्न 235 सन् 1730 में राजस्थान के जोधपुर जिले में खेजड़ली आन्दोलन किसके लिए हुआ था-
-
- (अ) जल संरक्षण के लिए
- (ब) वन संरक्षण के लिए
- (स) नदी संरक्षण के लिए
- (द) मृदा संरक्षण के लिए
उत्तर : वन संरक्षण के लिए
व्याख्या :
खेजड़ी के लिए राज्य में सर्वप्रथम बलिदान अमृतादेवी के द्वारा सन 1730 में दिया गया। अमृता देवी द्वारा यह बलिदान भाद्रपद शुक्ल दशमी को जोधुपर के खेजड़ली गाँव में 363 लोगों के साथ दिया गया। इस बलिदान के समय जोधपुर का शासक अभयसिंग था। वन्य जीव सरंक्षण के लिए दिया जाने वाला सर्वक्षेष्ठ पुरस्कार अमृता देवी वन्य जीव पुरस्कार है। इस पुरस्कार की शुरूआत 1994 में की गई।
- प्रश्न 236 राजस्थान में प्रथम 'वन नीति' की घोषणा कब हुई -
Agriculture Supervisor Exam 2023 -
- (अ) 2008
- (ब) 2010
- (स) 2012
- (द) 2014
उत्तर : 2010
व्याख्या :
राजस्थान सरकार ने फरवरी 2010 में पहली राज्य वन नीति के साथ पशुधन विकास और जल पर नई नीतियों को मंजूरी दी।
- प्रश्न 237 निम्न में से किस क्षेत्र में उपोष्ण-कटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं -
Statistical Office Exam - 2023 (GK) -
- (अ) केलवाड़ा
- (ब) कोलायत
- (स) आबू
- (द) सूरतगढ़
उत्तर : आबू
व्याख्या :
ये वन केवल माउंट आबू के चारों तरफ ही पाये जाते हैं। ये सघन वन वर्ष भर हरे - भरे रहते है। इन वनो का क्षेत्रफल मात्र 0.4 प्रतिशत है। इन वनों में आम, धाक, जामुन, सिरिस, अम्बरतरी, बेल के वृक्ष मिलते है।
- प्रश्न 238 वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन 2022-23 के अनुसार निम्नलिखित में से किस जिले में 2019 से 2021 तक वन क्षेत्र में 30% से अधिक की नकारत्मक वृद्धि दर दर्ज की गई -
Assistant Professor (College Education) - 2023 Paper-III -
- (अ) जालौर
- (ब) करौली
- (स) अजमेर
- (द) बीकानेर
उत्तर : जालौर
व्याख्या :
वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन 2022-23 के अनुसार जालौर जिले में 2019 से 2021 तक 32.46 वर्ग किमी की कमी हुई है।
- प्रश्न 239 खुशबूदार घास खस पाई जाती है-
-
- (अ) सवाई माधोपुर,भरतपुर
- (ब) धौलपुर,अलवर
- (स) करौली,जयपुर
- (द) भरतपुर,अलवर
उत्तर : सवाई माधोपुर,भरतपुर
व्याख्या :
खस घास की जड़ों से सुगंधित तेल निकाला जाता है, जो इत्र और शरबत बनाने के काम आता है। यह घास मुख्यतः भरतपुर, सवाई माधोपुर व टोंक जिलों में उत्पन्न होती है। इस घास के तनों से कूलर की टाटिया और कमरो को ठंडा रखने वाले परदे बनाए जाते हैं।
- प्रश्न 240 राजस्थान में सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - K1) -
- (अ) उदयपुर
- (ब) माउंट आबू
- (स) कोटा
- (द) अजमेर
उत्तर : माउंट आबू
व्याख्या :
सदाबहार वन मध्य भारत में सबसे अधिक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में, ये राजस्थान के सिरोही जिले में भी पाए जाते हैं, ज़्यादातर माउंट आबू की पहाड़ियों पर।
page no.(24/25)