मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 231 मेवाड़ की किस राजकुमारी को 1810 में अमीर खान पिण्डारी की सलाह पर ज़हर दे दिया गया -
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- (अ) प्रेमल देवी
- (ब) सलह कंवर
- (स) कृष्णा कुमारी
- (द) गुमान कंवर
उत्तर : कृष्णा कुमारी
व्याख्या :
कृष्णा कुमारी विवाद : कृष्णा कुमारी मेवाड़ महाराणा भीमसिंह की 16 वर्षीय कन्या थी जिसका शगुन जोधपुर महाराजा भीमसिंह को भेजा गया। विवाह पूर्व ही जोधपुर महाराजा भीमसिंह की मृत्यु हो गई तो महाराणा भीमसिंह ने राजकुमारी का शगुन जयपुर के महाराजा जगतसिंह को भेज दिया। इसका जोधपुर के नये शासक मानसिंह ने विरोध किया और जयपुर, जोधपुर में शगुन को लेकर ‘मिंगोली का युद्ध’ भी हुआ। अन्ततः अमीर खां पिण्डारी के दबाव में आकर महाराणा ने इस अल्पवयस्क कन्या को 1810 ई. में जहर देकर इसकी जीवन लीला समाप्त कर दी।
- प्रश्न 232 हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की भील सेना का कमाण्डर था -
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- (अ) राणा पूंजा
- (ब) लूंणा चावण्ड्या
- (स) जीवाशाह
- (द) तारा भील
उत्तर : राणा पूंजा
व्याख्या :
राणा पूंजा हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की भील सेना का कमाण्डर था।
- प्रश्न 233 खानवा के युद्ध में महाराणा संग्राम सिंह की सेना में कौन शामिल नहीं था -
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- (अ) महमूद लोदी
- (ब) हसन खां मेवाती
- (स) हाकिम खां सूर
- (द) मालदेव राठौड़
उत्तर : हाकिम खां सूर
व्याख्या :
खानवा युद्ध में कर्नल टॉड के अनुसार राणा की सेना में 7 उच्च श्रेणी के राजा, 9 राव एवं 104 सरदार सम्मिलित हुए। जिनमें प्रमुख थे- अफगान सुल्तान महमूद लोदी, मेव शासक हसन खां मेवाती, मारवाड़ से राव गंगा का पुत्र मालदेव, बीकानेर से राव जैतसी का पुत्र कु. कल्याणमल, आम्बेर का कच्छवाहा शासक पृथ्वीराज, ईडरा भारमल, मेड़ता का रायमल राठौड़, रायसीन का सलहदी तंवर, बागड का उदयसिंह, नागार का खाना जादा, सिरोही का अखैराज, डूँगरपुर का रावल उदयसिंह, चंदेरी का मेदिनीराय, सलूम्बर का रावत रतनसिंह, वीरमदेव मेड़तिया आदि सम्मिलित हुए।
- प्रश्न 234 मेवाड़ के महाराणा राजसिंह के द्वारा किस राजकुमारी के साथ विवाह करने के कारण औरंगजेब उनसे नाराज था -
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- (अ) रूपमती
- (ब) चारूमती
- (स) भानुमति
- (द) गुणवती
उत्तर : चारूमती
व्याख्या :
चारुमती किशनगढ़ के राजा मानसिंह की बहन थी जिसका विवाह मानसिंह ने औरंगजेब के साथ करना स्वीकार किया। परन्तु चारुमती ने इसका विरोध किया और उसने महाराणा राजसिंह को पत्र लिखकर उससे विवाह करने का अनुरोध किया। राजसिंह सिसोदिया मुगल सम्राट औरंगजेब के विरोध की परवाह किए बिना ससैन्य किशनगढ़ पहुंचा और चारुमती से विवाह कर उसे अपने साथ ले आया। यह घटना औरंगजेब के लिए अपमानजनक थी। औरंगजेब ने नाराज होकर महाराणा से अनेक परगने छीन लिए।
- प्रश्न 235 अकबर के विरूद्ध चित्तौड़गढ़ आक्रमण (1567-68 ई.स.) के समय कौन से लोक देवता युद्ध करते हुए मारे गये -
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- (अ) वीर फत्ता जी
- (ब) वीर बिग्गा जी
- (स) वीर मल्लीनाथ जी
- (द) वीर कल्ला जी
उत्तर : वीर कल्ला जी
व्याख्या :
अकबर से युद्ध में जयमल और कल्ला राठौड़ हनुमानपोल व भैरवपोल के बीच और रावत व पत्ता सिसोदिया रामपोल के भीतर वीरगति को प्राप्त हुए व राजपूत स्त्रियों ने जौहर किया। यह चित्तौड़ दुर्ग का ‘तृतीय साका’ था।
- प्रश्न 236 खातौली का युद्ध लड़ा गया था -
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- (अ) बाबर और महाराणा सांगा के बीच
- (ब) इब्राहीम लोदी और महाराणा सांगा के बीच
- (स) महमूद लोदी और महाराणा सांगा के बीच
- (द) बाबर और मोदिनी राय के बीच
उत्तर : इब्राहीम लोदी और महाराणा सांगा के बीच
व्याख्या :
खातोली का युद्ध (1517 ई.) : मेवाड़ के महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की महत्त्वाकांक्षाओं के फलस्वरूप दोनों के मध्य 1517 ई. में ‘खातोली’ (पीपल्दा तहसील, कोटा) में युद्ध हुआ। महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
- प्रश्न 237 निम्न किस राजपूत शासक द्वारा औरंगजेब के विरूद्ध विद्रोह किया गया था -
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- (अ) मिर्जा राजा जयसिंह
- (ब) महाराजा कर्ण सिंह
- (स) महाराणा राजसिंह
- (द) महाराव अनिरूद्ध हाडा
उत्तर : महाराणा राजसिंह
व्याख्या :
राजसिंह ने औरंगजेब का विरोध करना आरम्भ किया।
- प्रश्न 238 खानवा के युद्ध में किन निम्न राजपूत/मुस्लिम योद्धाओं ने बाबर के विरूद्ध महाराणा सांगा के पक्ष में भाग लिया था -
1. महमूद लोदी 2. रावल उदय सिंह 3. हसन खां मेवाती 4. गोकुल दास परमार कूट -
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- (अ) 1, 3, एवं 4
- (ब) 2 एवं 4
- (स) 1, 2, 3 एवं 4
- (द) 2, 3 एवं 4
उत्तर : 1, 2, 3 एवं 4
व्याख्या :
17 मार्च, 1527 को खानवा के मैदान में बाबर और राणा सांगा दोनों की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ। राव गंगा, आमेर के पृथ्वीराज, इदर के राजा भारमल, महमूद लोदी, वीरमदेव मेड़िया, रावल उदय सिंह और वागड़ (डूंगरपुर) के खेत सिंह, रावत बाग सिंह, नर्बद हाड़ा, गोकुल दास परमार, हसन खान मेवाती, चंदेरी के मेदिनराय, कुंवर कल्याणमल झाला अज्जा, वीर सिंह देव बीकानेर के राव जैत्सी के पुत्र आदि राणा सांगा के साथ थे।
- प्रश्न 239 महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद उनका स्मारक बनाया गया था -
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- (अ) चावंड में
- (ब) बान्दोली में
- (स) चित्तोड़ में
- (द) हल्दीघाटी में
उत्तर : बान्दोली में
व्याख्या :
प्रताप का चावण्ड के पास बाण्डोली गाँव के निकट बहने वाले नाले के तट पर अग्नि संस्कार हुआ। खेजड़ बांध के किनारे 8 खम्भों की छतरी उस महान योद्धा की याद दिलाती है।
- प्रश्न 240 निम्न में से किस स्थान पर भामाशाह वित्तीय सहायता देने हेतु राणा प्रताप से मिले थे -
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- (अ) चावंड
- (ब) चूलिया
- (स) खमनौर
- (द) उदयपुर
उत्तर : चूलिया
व्याख्या :
जब महाराणा प्रताप इधर से उधर सुरक्षा की खोज में भाग रहे थे तथा उनके पास धन का भी अभाव होने लगा। इसी समय (1578 ई. में) ‘चूलिया ग्राम’ में राणा को उसका मंत्री भामाशाह मिला। भामाशाह उसके भाई ताराचन्द ने पच्चीस लाख रुपय एवं बीस हजार अशर्फियां राणा को भेंट की।
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