जनहित याचिका
- प्रश्न 29 निंम्नलिखित में से कौन सा मामला 'तीसरे लिंग समुदाय' के अधिकारों से संबंधित है -
Junior Legal Officer - 2023 (Paper-1) (Constitution of India) -
- (अ) तहसीन पूनावाला बनाम भारत संघ
- (ब) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ (2014)
- (स) लिली थॉमस बनाम भारत संघ (2013)
- (द) रामबिलास सिंह बनाम बिहार राज्य (1989)
उत्तर : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ (2014)
- प्रश्न 30 निम्नलिखित में से कौन सा मामला अनुच्छेद 21 के उल्लंघन पर मुआवजे के भुगतान से संबंधित है -
Junior Legal Officer - 2023 (Paper-1) (Constitution of India) -
- (अ) ना तो रूदल शाह बनाम बिहार राज्य और ना भीमसिंह बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य
- (ब) दोनों रूदल शाह बनाम बिहार राज्य और भीमसिंह बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य
- (स) भीमसिंह बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य
- (द) रूदल शाह बनाम बिहार राज्य
उत्तर : दोनों रूदल शाह बनाम बिहार राज्य और भीमसिंह बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य
- प्रश्न 31 भारत के संविधान के अनुच्छेद 21- में “चिकित्सक की सहायता” का अधिकार सम्मिलित है। निम्नलिखित में से किस वाद में ऐसा निर्णय हुआ था -
Junior Legal Officer - 2023 (Paper-1) (Constitution of India) -
- (अ) परमानन्द कटारा बनाम भारत संघ
- (ब) सुनिल बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन
- (स) हॉस्कोट बनाम महाराष्ट्र राज्य
- (द) चार्ल्स शोभराज बनाम सुपरिटेंडेंट ऑफ सेन्ट्रल जेल
उत्तर : परमानन्द कटारा बनाम भारत संघ
- प्रश्न 32 अनुच्छेद 19(1)(g) व अनुच्छेद 21 के अधीन कार्य स्थल पर कार्यरत (कामकाजी) महिला के यौन उत्पीड़न को मूल अधिकार का अतिक्रमण किस मामले में माना गया -
Junior Legal Officer - 2023 (Paper-1) (Constitution of India) -
- (अ) मेनका गाँधी बनाम भारत संघ
- (ब) नरगेश मिर्ज़ा वाद
- (स) विशाका बनाम राजस्थान राज़्य
- (द) सरला मुद्गल बनाम भारत संघ (यूनियन ऑफ इण्डियां)
उत्तर : विशाका बनाम राजस्थान राज़्य
- प्रश्न 33 मूल अधिकारों से सम्बन्धित निम्नांकित निर्णयों का सही कालानुक्रम चुनिए -
अ गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
ब केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
स मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
द ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
सही उत्तर का चयन कीजिए - -
- (अ) द, ब, स, अ
- (ब) अ, ब, स, द
- (स) द, अ, ब, स
- (द) द, स, ब, अ
उत्तर : द, अ, ब, स
- प्रश्न 34 निंम्नंलिखिंत में से कौन सा मामला न्यायालय कार्यवाही के साधे प्रसारण से संबंधित है -
Junior Legal Officer - 2023 (Paper-1) (Constitution of India) -
- (अ) के. ए. अब्बास बनाम भारत संघ
- (ब) मनोहर लाल शर्मा बनाम संजय लीला भंसाली
- (स) स्वप्निल त्रिपाठी बनाम भारतीय उच्चतम न्यायालय
- (द) अबु मुजाहिद बनाम महाराष्ट्र राज्य
उत्तर : स्वप्निल त्रिपाठी बनाम भारतीय उच्चतम न्यायालय
- प्रश्न 35 उच्च न्यायालय ने किस अनुच्छेद के तहत रिट (याचिका) जारी कर सकते हैं -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L1) -
- (अ) 220
- (ब) 221
- (स) 213
- (द) 226
उत्तर : 226
व्याख्या :
उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत रिट (याचिका) जारी कर सकते हैं। संविधान का अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को संविधान के भाग III के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन और संरक्षण के लिए ये रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
- प्रश्न 36 सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई, 2022 को अपनी रजिस्ट्री को वैवाहिक मुकदमेबाजी में फंसे व्यक्तियों के व्यक्तिगत विवरण को हटाने के लिए एक तंत्र बनाने का आदेश दिया। यह निर्णय किस अधिकार को ‘निजता के अधिकार’ के भाग के रूप में मान्यता देने के लिए लिया गया था -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L2) -
- (अ) शक्ति विभाजन का अधिकार
- (ब) जीने का अधिकार
- (स) भूल जाने का अधिकार
- (द) धर्म का अभ्यास करने का अधिकार
उत्तर : भूल जाने का अधिकार
व्याख्या :
वैवाहिक मुकदमेबाजी में शामिल व्यक्तियों के व्यक्तिगत विवरण को हटाने का सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय निजता के अधिकार की मान्यता है। यह अधिकार एक मौलिक अधिकार है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। अदालत का फैसला पुट्टास्वामी मामले (2017) में ऐतिहासिक फैसले के अनुरूप है। भूलने का अधिकार एक अपेक्षाकृत नई अवधारणा है जो डिजिटल युग में उभरी है। यह किसी व्यक्ति के इंटरनेट से व्यक्तिगत जानकारी को हटाने का अनुरोध करने के अधिकार को संदर्भित करता है।
- प्रश्न 37 सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में 1967 के किस ऐतिहासिक फैसले को खारिज कर दिया -
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- (अ) एस. अजीज बाशा बनाम भारत सरकार
- (ब) केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- (स) गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- (द) मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर : एस. अजीज बाशा बनाम भारत सरकार
व्याख्या :
सर्वोच्च न्यायालय की सात न्यायधीशों की पीठ ने 4-3 के बहुमत से एस0 अजीज बाशा बनाम भारत सरकार मामले में 1967 के उस फैसले को आज खारिज कर दिया, जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से इनकार करने का आधार बना था। वर्ष 1967 के फैसले में कहा गया था कि क़ानून द्वारा स्थापित कोई संस्था अल्पसंख्यक संस्था होने का दावा नहीं कर सकती। शीर्ष अदालत ने आज कहा कि किसी भी संस्था का अल्पसंख्यक दर्जा इसलिए वापस नहीं लिया जा सकता कि उसकी स्थापना वैधानिक व्यवस्था द्वारा की गई थी। पीठ में बहुमत ने माना कि न्यायालय को यह जांच करनी चाहिए कि विश्वविद्यालय की स्थापना किसने की और इसके पीछे किसकी “सोच” थी। यदि यह जांच अल्पसंख्यक समुदाय की ओर इशारा करती है, तो संस्था संविधान के अनुच्छेद 30 के अनुसार अल्पसंख्यक दर्जे का दावा कर सकती है। पीठ का नेतृत्व करने वाले मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में तीन असहमति वाले फैसलों सहित चार अलग-अलग राय हैं।
- प्रश्न 38 सर्वोच्च न्यायालय ने निम्न में से किस निर्णय में कहा है कि प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं है -
SCHOOL LECTURER (SANSKRIT EDU. DEPTT.) COMP. EXAM-2024 -
- (अ) सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- (ब) गोलकनाथ बनाम राजस्थान राज्य
- (स) भारती चन्द्र भवन बनाम मैसूर राज्य
- (द) बेरुबारी मामला
उत्तर : बेरुबारी मामला
व्याख्या :
बेरुबारी मामला, 1960: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ‘प्रस्तावना निर्माताओं के मस्तिष्क को खोलने की कुंजी है’, लेकिन इसे संविधान का हिस्सा नहीं माना जा सकता। इसलिये, यह न्यायालय में लागू नहीं किया जा सकता।
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