वन्य जीव अभ्यारण्य
- प्रश्न 281 निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के बारे में सही है -
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- इसे 1985 में UNESCO की विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गया।
- यहां साइबेरियन क्रेन प्रजनन के लिए ग्रीष्मकाल में आती है।
- यह रामसर कन्वेंशन के तहत एक वेटलैंड के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
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- (अ) केवल 1 और 2
- (ब) केवल 2 और 3
- (स) केवल 1, 2 और 4
- (द) सभी सही
उत्तर : केवल 1, 2 और 4
व्याख्या :
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर में है। इसे घाना पक्षी विहार भी कहते हैं इसे पक्षियों का स्वर्ग कहते हैं। इसे सन् 1956 में अभयारण्य घोषित किया गया था। 1981 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया 1985 में इसे युनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में डाला। साथ ही इसे रामसर कन्वेशन के तहत रामसर कन्वेशन वैट लैण्ट में भी शामिल किया जा चुका है। प्रवासियों पक्षियों में सबसे प्रमुख साइबेरियन क्रेन(सारस) है। जो यूरोप के साइबेरिया प्रान्त से शीतकाल में यहां आता है। और गीष्म काल में प्रजनन के बाद लौट जाता है।
- प्रश्न 282 निम्नलिखित में से कौन-सा कथन मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान के बारे में सही है -
- मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान का पूर्व नाम “दर्रा” था।
- इसे 9 अप्रैल 2013 को टाइगर रिज़र्व का दर्जा दिया गया।
- 1955 में इसकी स्थापना हुई।
- इस उद्यान में गुप्त कालीन मंदिर और शैल चित्र पाए जाते हैं।
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- (अ) केवल 1 और 2
- (ब) केवल 2 और 3
- (स) केवल 1, 3 और 4
- (द) सभी सही
उत्तर : सभी सही
व्याख्या :
मुकुन्दरा हिल्स अभ्यारण्य कोटा, चितौड़गढ़ ,बूंदी व झालावाड़ में है। पहले इसका नाम दर्रा था। बाद में 2003 में दर्रा एवं चम्बल घड़ियाल (जवाहर सागर) अभयारण्य को मिलाकर राजीव गांधी नेशलन पार्क बनाने की घोषण की गई। 2006 में इसका नाम बदलकर दर्रा राष्ट्रीय अभयारण्य रखा गया, जिसे हाड़ौती के प्रकृति प्रेमी शासक मुकंदसिंह के नाम पर मुकंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान रखने का निर्णय लिया गया। इसी अभ्यारण्य में मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ीया स्थित है। मुकुंदरा हिल्स में आदिमानव के शैलाश्रय एवं उनके द्वारा चित्रांकित शैल चित्र मिलते हैं। 1955 में इसकी स्थापना हुई। 9 जनवरी 2012 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। मुकुन्दरा हिल्स को 9 अप्रेल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
- प्रश्न 283 निम्नलिखित में से कौन-सा कथन राजस्थान के जैविक उद्यानों के बारे में सही है -
- सज्जनगढ़ जैविक उद्यान, उदयपुर प्रदेश का पहला जैविक उद्यान है।
- माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर को 20 जनवरी 2016 को पर्यटकों के लिए खोला गया।
- नाहरगढ़ जैविक उद्यान, जयपुर को 12 अप्रैल 2015 को पर्यटकों के लिए खोला गया।
- अभेड़ा जैविक उद्यान, कोटा को 1 जनवरी 2022 को आम जनता के लिए खोला गया।
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- (अ) केवल 1 और 2
- (ब) केवल 2 और 4
- (स) केवल 1, 2 और 4
- (द) सभी सही
उत्तर : केवल 1, 2 और 4
व्याख्या :
प्रदेश के पहले बायोलाॅजिकल पार्क सज्जनगढ जैविक उद्यान, उदयपुर को दिनांक 12.04.2015 को पर्यटकों के लिए खोला गया था। नाहरगढ जैविक उद्यान, जयपुर को दिनांक 04.06.2016 को पर्यटको के लिए खोला गया था । माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर को पर्यटकों के लिए 20.01.2016 को खोला गया था। अभेड़ा जैविक उद्यान, कोटा का माननीय मुख्यमंत्री महोदय, राजस्थान सरकार द्वारा दिनांक 18. 12.2021 को लोकार्पण किया गया तथा कोटा जन्तुआलय के वन्यजीवों को इसमें स्थानान्तरित कर दिनांक 01.01.2022 से अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क को आमजन के लिए खोला गया।
- प्रश्न 284 निम्नलिखित से मिलान कीजिए:
सही विकल्प:सूची I (घटना/तथ्य) सूची II (तिथि/व्यक्ति/कथन) A. राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1. 23 अप्रैल 1951 C. राजस्थान में वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 2. 1 सितम्बर, 1973 D. वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम राष्ट्रीय स्तर पर लागू 3. 9 सितम्बर 1972 -
- (अ) A-1, B-2, C-3
- (ब) A-3, B-1, C-2
- (स) A-3, B-2, C-1
- (द) A-2, B-3, C-1
उत्तर : A-1, B-2, C-3
व्याख्या :
23 अप्रैल 1951 को राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1951 लागु किया गया। भारत सरकार द्वारा 9 सितम्बर 1972 को वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 लागु किया गया। इसे राजस्थान में 1 सितम्बर, 1973 को लागु किया गया।
- प्रश्न 285 निम्नलिखित में से कौन-सा “जीवाश्म पार्क” है?
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-1 -
- (अ) सरिस्का
- (ब) रणथम्भौर
- (स) अकाल वूड
- (द) केवलादेव घाना
उत्तर : अकाल वूड
व्याख्या :
अकाल वूड जीवाश्म पार्क, राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है। यह पार्क भारत का पहला और सबसे बड़ा जीवाश्म पार्क है, जो लगभग 180 मिलियन वर्ष पुराने पेड़ों के जीवाश्म को संरक्षित करता है। इसे 1972 में राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक धरोहर घोषित किया गया था।
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