मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 301 आमेर व मेवाड़ के बीच देबारी समझौता किसके शासनकाल में हुआ -
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- (अ) राजसिंह
- (ब) भीमसिंह
- (स) अमरसिंह
- (द) जगतसिंह
उत्तर : अमरसिंह
व्याख्या :
देबारी समझौता (Debari Samjhota) 1708 में हुआ था। बहादुर शाह ने जयपुर के सवाई जयसिंह एवं मारवाड़ के अजीत सिंह से उनके राज्य को छीन लिया था। इस समझौते के तहत अमर सिंह द्वितीय की पुत्री चंद्रकंवर का विवाह जयसिंह से तय किया गया एवं यह शर्त रखी गई की चंद्रकंवर का होने वाला पुत्र जयपुर का अगला शासक होगा। लेकिन जयसिंह इसके खिलाफ अपने पुत्र ईश्वरी सिंह को शासक बनाता हैं लेकिन बाद में सवाई माधोसिंह मराठों एवं अपने नाना (अमर सिंह द्वितीय - मेवाड़) की सहायता से शासक बनता हैं।
- प्रश्न 302 राणा प्रताप व अकबर के बीच युद्धों से संबंधित निम्न तथ्यों में से कौनसा सत्य है -
- अकबर ने राणा प्रताप के सौतेले भाई जगमाला को प्रलोभित करके जहाजपुर की जागीर प्रदान की
- मानसिंह के चले जाने के बाद राणा प्रताप ने गोगुन्दा को पुन हस्तगत कर लिया
- राणा प्रताप ने ईडर के नारायणदास को अकबर के विरूद्ध विद्रोह करने को उकसाया
- राणा प्रताप को पकड़ने का अंतिम असफल प्रयास 1584-85 में छेड़ा गया, जब जगन्नाथ कच्छावा को एक बड़ी सैन्य टुकड़ी के साथ भेजा गया
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- (अ) केवल 1 व 3
- (ब) केवल 1 व 4
- (स) 1, 2 व 3
- (द) 1, 2, 3 व 4
उत्तर : 1, 2, 3 व 4
व्याख्या :
प्रताप कुछ समय के बाद कुम्भलगढ़ चला गया जहां राज्याभिषेक का उत्सव मनाया गया। इस पर जगमाल अप्रसन्न होकर अकबर के पास पहुँचा, जिसने उसे पहले जहाजपुर और सिरोही की आधी जागीर दे दी।
जैसे ही मुगलों की सेना गोगुन्दा से हटी, महाराणा ने पुन: गोगुन्दा को अधीन कर लिया।
5 दिसम्बर, 1584 को कछवाह जगन्नाथ के नतृत्व में एक सशक्त सेना मेवाड़ भेजी गयी। जगन्नाथ कछवाहा को भी सफलता नहीं मिली अपितु उसकी मांडलगढ़ में मृत्यु हो गई। सन् 1585 के बाद अकबर ने मेवाड़ पर कोई आक्रमण नहीं किया।
- प्रश्न 303 कर्नल टाॅड ने किस युद्ध को मेवाड़ की थर्मोपल्ली की संज्ञा दी है -
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- (अ) दिवेर का युद्ध
- (ब) हल्दीघाटी का युद्ध
- (स) खतोली का युद्ध
- (द) जालौर का युद्ध
उत्तर : हल्दीघाटी का युद्ध
व्याख्या :
कर्नल टॉड ने हल्दीघाटी युद्ध को मेवाड़ की ‘थर्मोपल्ली’ तथा प्रत्येक नगर क लड़ाको को ‘लियोनिडास’ कहा है।
- प्रश्न 304 1527 में महाराणा सांगा व बाबर के मध्य खानवा का युद्ध किस जिले में हुआ -
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- (अ) भरतपुर
- (ब) दौसा
- (स) नागौर
- (द) उदयपुर
उत्तर : भरतपुर
व्याख्या :
खानवा युद्ध राणा सांगा एवं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के मध्य 17 मार्च, 1527 ई. को बयाना के पास (वर्तमान रूपबास) हुआ।
- प्रश्न 305 इतिहासकार बदांयूनी ने किस युद्ध को ‘गोगुन्दा का युद्ध’ की संज्ञा दी -
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- (अ) हल्दीघाटी का युद्ध
- (ब) चित्तौड़ का युद्ध
- (स) दिवेर का युद्ध
- (द) कुंभलगढ़ का युद्ध
उत्तर : हल्दीघाटी का युद्ध
व्याख्या :
हल्दीघाटी के युद्ध को कर्नल टाॅड ने मेवाड़ की थर्मोपल्ली, अबुल फजल ने खमनौर का युद्ध और बदायूंनी ने मुंतखाब-उल-तवारीख में गोगुंदा का युद्ध कहा है।
- प्रश्न 306 राणा सांगा ने दिल्ली के जिस सुल्तान को पराजित किया था, वह था -
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- (अ) इब्राहिम लोदी
- (ब) अल्लाउद्दीन खिलजी
- (स) महमूद बेगड़
- (द) मुहम्मद गौरी
उत्तर : इब्राहिम लोदी
व्याख्या :
मेवाड़ के महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की महत्त्वाकांक्षाओं के फलस्वरूप दोनों के मध्य 1517 ई. में ‘खातोली’ (पीपल्दा तहसील, कोटा) में युद्ध हुआ। महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
- प्रश्न 307 राणा कुंभा ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को किस युद्ध में बंदी बनाया था
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- (अ) दिवेर
- (ब) सारंगपुर
- (स) बयाना
- (द) खातोली
उत्तर : सारंगपुर
व्याख्या :
1437 ई० में ‘सारंगपुर के युद्ध’ (मध्य प्रदेश) में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम को पराजित कर बंदी बना लिया। बताया जाता है कि राणा कुंभा ने खिलजी को 6 माह तक बंदी बनाकर रखा था और फिर बाद में छोड़ दिया था।
- प्रश्न 308 हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा गया था -
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- (अ) महाराणा लाखा व मानसिंह के बीच
- (ब) महाराणा प्रताव व मानसिंह के बीच
- (स) महाराणा प्रताव व महाबत खान के बीच
- (द) महाराणा उदयसिंह व अकबर के बीच
उत्तर : महाराणा प्रताव व मानसिंह के बीच
व्याख्या :
अकबर की ओर से सेनानायक कुँवर मानसिंह कच्छवाहा एवं राणा प्रताप की ओर से पठान हाकिम खाँ सूर थे।
- प्रश्न 309 खानवा का युद्ध किसके बीच हुआ था -
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- (अ) बाबर व राणासांगा
- (ब) मोहम्मद गौरी व पृथ्वीराज चौहान
- (स) राणा प्रताप व अकबर
- (द) राणा प्रताप व मानसिंह
उत्तर : बाबर व राणासांगा
व्याख्या :
खानवा युद्ध राणा सांगा एवं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के मध्य 17 मार्च, 1527 ई. को बयाना के पास (वर्तमान रूपबास) हुआ।
- प्रश्न 310 मेवाड़ के किस शासक की मृत्यु के पश्चात् मेवाड़ का गुहिल वंश, सिसोदिया वंश कहलाया -
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- (अ) राजसिंह
- (ब) जैत्रसिंह
- (स) रतनसिंह
- (द) मोकल
उत्तर : रतनसिंह
व्याख्या :
रतनसिंह के चित्तौड़ के घेरे के समय काम आने से समूची रावल शाखा की भी समाप्ति हो गयी। गौरीशंकर हिराचंद औझा के अनुसार मालदेव सोनगरा चौहान के पुत्र जयसिंह/जैसा चौहान को पराजित कर सीसोदा शाखा के राणा अरिसिंह के पुत्र राणा हमीर ने चित्तौड़गढ़ पर अधिकार कर लिया। तब से मेवाड़ के शासक महाराणा/राणा तथा वंश सिसोदिया कहलाने लगा।
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