मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 321 हारित ऋषि के आशिर्वाद से किसे मेवाड़ राज्य की प्राप्ति हुई -
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- (अ) उदयसिंह
- (ब) गुहादित्य
- (स) जैत्रसिंह
- (द) बप्पा रावल
उत्तर : बप्पा रावल
व्याख्या :
ऐसी मान्यता है कि बापा रावल हारीत ऋषि की गायें चराते थे। हारीत ऋषि की अनुकम्पा से ही बापा रावल ने मेवाड़ का राज्य प्राप्त किया था। बापा रावल ने 734 ई. में मौर्य शासक मान मोरी को पराजित कर सत्ता स्थापित की। कविराजा श्यामलदास ने ‘वीर विनोद’ में बापा द्वारा मौर्यों से चित्तौड़ दुर्ग छीनने का समय 734 ई. बताया है।
- प्रश्न 322 राजस्थान के इतिहास में सबसे अधिक शासन करने वाला लोकप्रयि राज्य कौनसा था -
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- (अ) मारवाड़
- (ब) मेवाड़
- (स) शाकम्भरी
- (द) ढूंढाड़
उत्तर : मेवाड़
व्याख्या :
राजस्थान के इतिहास में सबसे अधिक शासन करने वाला राज्य मेवाड़ था।
- प्रश्न 323 अकबर ने जब 1567 ई. में चित्तौड़ पर आक्रमण किया उस समय मेवाड़ मेवाड़ का महाराणा कौन था-
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- (अ) राणा सांगा
- (ब) राणा हमीर
- (स) उदयसिंह
- (द) अमरसिंह
उत्तर : उदयसिंह
व्याख्या :
प्रबन्ध के उपरान्त महाराणा उदय सिंह (1540-1572) ने रावत नेतसी आदि कुछ सरदारों सहित गिरवा की ओर प्रस्थान किया। अकबर माण्डलगढ़ के मार्ग से 23 अक्टूबर, 1567 ई. को चित्तौड पहुँचा। अबकर ने चित्तौड़ में तीन स्थानों काबरा, नगरी और पांडोली पर अपना शिविर लगाया। अकबर से युद्ध में जयमल और कल्ला राठौड़ हनुमानपोल व भैरवपोल के बीच और रावत व पत्ता सिसोदिया रामपोल के भीतर वीरगति को प्राप्त हुए व राजपूत स्त्रियों ने जौहर किया। यह चित्तौड़ दुर्ग का ‘तृतीय साका’ था।
- प्रश्न 324 वह रानी जिसने अपने सैकड़ों अनुयायीयों के साथ अलाउद्दीन खिलजी के 1303ई. में चित्तौड़ पर कब्जा करने पर जौहर कर लिया था, थी -
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- (अ) पद्मावती
- (ब) पद्मिनी
- (स) कर्मवती
- (द) सेहल कंवर
उत्तर : पद्मिनी
व्याख्या :
रतन सिंह के सेनापति गोरा और बादल के नेतृत्व में राजपूत सैनिकों ने केसरिया वस्त्र धारण कर चित्तौड़ दुर्ग के द्वार खोलकर शत्रु पर टूट पड़े और वीरगति को प्राप्त हुए, गोरा रानी पद्मिनी का चाचा तो बादल रानी पद्मिनी का भाई था। महल के अंदर 1600 स्त्रियों ने रानी पद्मिनी के नेतृत्व में जौहर किया जो चित्तौड़ का प्रथम साका था। 26 अगस्त, 1303 ई. को सोमवार के दिन 6 महीने व 7 दिन की लड़ाई के बाद रावल रतनसिंह वीरगति को प्राप्त हुए और अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ दुर्ग फतह कर कत्लेआम का हुक्म दिया।।
- प्रश्न 325 महाराणा प्रताप ने कितने वर्षो तक शासन किया -
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- (अ) बाईस वर्ष
- (ब) चौबीस वर्ष
- (स) छब्बीस वर्ष
- (द) इक्कीस वर्ष
उत्तर : चौबीस वर्ष
व्याख्या :
राणा प्रताप ने 1572 से 1597 ई. तक शासन किया।
- प्रश्न 326 ‘जो दृढ़ राखे धर्म को ताहि राखे करतार’ यह कथन किस राजवंश के लिए प्रयुक्त होता है -
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- (अ) मालवा का परमार
- (ब) मारवाड़ का राठौड़
- (स) मेवाड़ का गुहिल
- (द) शाकम्भरी का चौहान
उत्तर : मेवाड़ का गुहिल
व्याख्या :
मेवाड़ के राजा स्वयं को राम के वंशज बताते हैं, इसी कारण भक्तों एवं चरणों ने मेवाड़ के शासकों को रघुवंशी तथा हिंदुआ सूरज कहने लगे गुहिल राज्य के चिन्ह में जो दृढ़ राखे धर्म को ताहि राखे करतार अंकित है ।
- प्रश्न 327 अकबर ने राणा प्रताप को समझाने के लिए किसको प्रथम दूत के रूप में भेजा-
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- (अ) जलाल खां
- (ब) राजा मानसिंह
- (स) राजा भारमल
- (द) भगवंतदास
उत्तर : जलाल खां
व्याख्या :
अकबर द्वारा महाराणा प्रताप को समझाने हेतु भेजे गए व्यक्तियों का सही क्रम जलाल खां, मानसिंह प्रथम, भगवंतदास, टोडरमल है|
- प्रश्न 328 पन्नाधाय ने मेवाड़ के किस राजकुमार के जीवन की रक्षा अपने पुत्र की बलि देकर की थी -
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- (अ) राजकुमार अजीतसिंह
- (ब) राजकुमार बनवीर
- (स) राजकुमार उदयसिंह
- (द) राजकुमार पृथ्वीसिंह
उत्तर : राजकुमार उदयसिंह
व्याख्या :
विक्रमादित्य की हत्या कर राणा रायमल के पुत्र पृथ्वीराज का अनौरस पुत्र बनवीर शासक बन बैठा। वह उदयसिंह की हत्या करना चाहता था लेकिन उसकी धाय मां पन्ना ने उदयसिंह की जगह अपने बेटे चन्दन का बलिदान दिया, जो स्वामी भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है।
- प्रश्न 329 खानवा का युद्ध किसके बीच हुआ था -
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- (अ) बाबर-राणासांगा
- (ब) अकबर-महाराणा प्रताप
- (स) मोहम्मद गोरी-पृथ्वीराज चौहान
- (द) मानसिंह-राणा प्रताप
उत्तर : बाबर-राणासांगा
व्याख्या :
खानवा युद्ध राणा सांगा एवं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के मध्य 17 मार्च, 1527 ई. को बयाना के पास (वर्तमान रूपबास) हुआ।
- प्रश्न 330 ‘बादशाह ने मेवाड़ के राणा को आपस के समझौते से अधीन किया था, न कि बल से’ ये कथन कहा है -
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- (अ) सर टामस रो
- (ब) कर्नल टाॅड
- (स) अमीर खुसरो
- (द) टिल्ला भट्ट
उत्तर : सर टामस रो
व्याख्या :
‘बादशाह ने मेवाड़ के राणा को आपस के समझौते से अधीन किया था, न कि बल से’ यह कथन सर टॉमस रो ने कहा था।
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