राजस्थान की मध्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था
- प्रश्न 41 बीकानेर राज्य में सीमा शुल्क, आयात-निर्यात तथा चुंगी कर को सामूहिक रूप से किस नाम से जाना जाता था -
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- (अ) राहदारी
- (ब) जकात
- (स) नियोत
- (द) बारूता
उत्तर : जकात
व्याख्या :
जयपुर तथा जोधपुर राज्यों में इसे ‘सायर’ कर कहा जाता था।
- प्रश्न 42 मारवाड़ में अजीतसिंह द्वारा कौनसा एक नया कर लिया जाने लगा था -
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- (अ) तागीरात
- (ब) तलवार बंधाई
- (स) भरतु रेख
- (द) पट्टा रेख
उत्तर : तागीरात
व्याख्या :
महाराजा अजित सिंह के जोधपुर पर अधिकार कर लेने पर यह रकम तागीरात के नाम से उपर्युक्त हुक्मनामे के साथ ही वसूल की जाने लगी।
- प्रश्न 43 बंटाई प्रथा में राजस्व का निर्धारण तीन प्रकार से होता था, उन तीनों प्रकारों के नाम बताइए -
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- (अ) खेत बंटाई, घर बंटाई, रास बंटाई
- (ब) खेत बंटाई, रास बंटाई, बीघा बंटाई
- (स) खेत बंटाई, लंक बंटाई, रास बंटाई
- (द) रास बंटाई, लंक बंटाई, बीघा बंटाई
उत्तर : खेत बंटाई, लंक बंटाई, रास बंटाई
व्याख्या :
तीन प्रकार की बंटाई होती थी - (1.) खेत बटाई, (2.) लंक बटाई एवं (3.) रास बटाई
- प्रश्न 44 भू-राजस्व में राज्य का भाग निश्चित करने वाला अधिकारी किस नाम से जाना जाता था -
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- (अ) अमीन
- (ब) आमिल
- (स) चौधरी या पटेल
- (द) साहणे
उत्तर : साहणे
व्याख्या :
साहणे भू-राजस्व में राज्य का भाग निश्चित करने वाला अधिकारी था।
- प्रश्न 45 राजा द्वारा ब्राह्मणों, चारणों, भाटों, व संन्यासियों को दान में दी गई भूमि क्या कहलाती थी -
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- (अ) हुकूमत
- (ब) जीविका
- (स) माफी
- (द) भोम
उत्तर : माफी
व्याख्या :
सासण जगीर- धर्मार्थ, शिक्षण कार्य, साहित्य लेखन कार्य चारण व भाट आदि को अनुदान स्वरूप दी जाती यह माफी जागीर भी कहलाती थी क्योंकि यह कर मुक्त जागीर होती थी।
- प्रश्न 46 अधिकारियों के खाने-पीने के खर्च के लिए कौनसा कर लिया जाता था -
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- (अ) हुजदार
- (ब) दस्तूर
- (स) सिराणा
- (द) खूंटा
उत्तर : सिराणा
व्याख्या :
अधिकारियों के भोजन के लिए गाँव वालों से वसूला जाने वाला कर ‘सिराणा’ कहलाता था।
- प्रश्न 47 किसके द्वारा परगने की रिपोर्ट राज्य के दीवान के पास भेजी जाती थी।
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- (अ) पोतदार
- (ब) हाकीम
- (स) खुफिया नवीस
- (द) अमीन
उत्तर : खुफिया नवीस
व्याख्या :
खुफिया-नवीस : यह गुप्त पत्र-लेखक होते थे। जो गुप्त रूप से केन्द्र को महत्त्वपूर्ण खबरें उपलब्ध कराते थे।
- प्रश्न 48 सुमेलित कीजिए-
कूट - A B C D(A) ठकुराईन द्वारा नया चूड़ा पहनने पर किसानों से वसूला जाने वाला कर (i) पावणा लाग (B) खेती पर किसानों से प्रति हल वसूल की जाने वाली लाग (ii) चूड़ालाग (C) जागीरदार द्वारा अपने महमानों पर होने वाले खर्च को गाँव के किसानों से वसूलना (iii) जाजम लाग (D) भूमि के विक्रय पर वसूली जाने वाली लाग (iv) हल लाग -
- (अ) i ii iii iv
- (ब) i ii iv iii
- (स) ii i iv iii
- (द) ii iv i iii
उत्तर : ii iv i iii
व्याख्या :
ठकुराईन द्वारा नया चूड़ा पहनने पर किसानों से वसूला जाने वाला कर - चूड़ालाग
खेती पर किसानों से प्रति हल वसूल की जाने वाली लाग - हल लाग
जागीरदार द्वारा अपने महमानों पर होने वाले खर्च को गाँव के किसानों से वसूलना - पावणा लाग
भूमि के विक्रय पर वसूली जाने वाली लाग - जाजम लाग
- प्रश्न 49 बीकानेर शासक गंगासिंह ने ऊँटों की सेना तैयार कर उसे क्या नाम दिया था, यह सेना दल अपने राज्य से बाहर अंग्रेजों की सहायतार्थ जाता रहता था -
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- (अ) माधव रिसाला
- (ब) गंगा रिसाला
- (स) बीकानेर रिसाला
- (द) राज्य रिसाला
उत्तर : गंगा रिसाला
व्याख्या :
गंगा सिंह ने 1889 में गंगा रिसाला नामक फौज का गठन किया था।
- प्रश्न 50 ‘खास रूक्का’ एक प्रकार का बुलावा पत्र होता था, किस श्रेणी के सामंतों को दरबार में उपस्थित होने के लिए यह पत्र भेजा जाता था -
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- (अ) प्रथम श्रेणी
- (ब) द्वितीय श्रेणी
- (स) तृतीय श्रेणी
- (द) सामान्य सामंतों
उत्तर : प्रथम श्रेणी
व्याख्या :
परम्परागत रूप से सामन्त राजा को सैनिक सेवायें देते थे, यह दो प्रकार की थी - एक युद्ध के समय, दूसरा शान्ति के समय।
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