प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(जैन धर्म/बौद्ध धर्म)
- प्रश्न 43 वर्तमान रूप में उपलब्ध भगवान महावीर एवं उनके अनुयायियों की शिक्षाएँ लगभग 1500 वर्ष पूर्व गुजरात में किस स्थान पर लिखी गई थीं -
REET-2022 Level 2 (सामाजिक अध्ययन) Shift-IV -
- (अ) वल्लभी
- (ब) लोथल
- (स) रंगपुर
- (द) भरुच
उत्तर : वल्लभी
- प्रश्न 44 संघ में पुरुषों और स्त्रियों के रहने की अलग-अलग व्यवस्था थी, यह हमें किस त्रिपिटक से पता चलता है -
REET-2022 Level 2 (सामाजिक अध्ययन) Shift-IV -
- (अ) अभिधम्म पिटक
- (ब) सुत्त पिटक
- (स) विनय पिटक
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : विनय पिटक
- प्रश्न 45 जैन दर्शन में सर्वश्रेष्ठ एवं पूर्ण ज्ञान को कहा जाता है -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) मति
- (ब) श्रुति
- (स) अवधि
- (द) कैवल्य
उत्तर : कैवल्य
- प्रश्न 46 बौद्ध धर्म की द्वितीय संगीति कहाँ हुई -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) राजगृह
- (ब) वैशाली
- (स) पाटलीपुत्र
- (द) कश्मीर
उत्तर : वैशाली
- प्रश्न 47 बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रन्थों पर लिखी गई विस्तृत टीकाएँ, उपदेश शास्त्र तथा विभाषा शास्त्र, किस प्रकार तैयार की गई थीं -
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- (अ) अशोक के संरक्षण में आयोजित बौद्ध संगीति में मोग्गलिपुत्त तिस्स के नेतृत्व में तैयार की गई थीं
- (ब) कनिष्क के संरक्षण में आयोजित चतुर्थ बौद्ध संगीति में तैयार की गई थीं
- (स) मिलिन्द के संरक्षण में नागसेन द्वारा तैयार की गई थीं
- (द) वट्टगामनी अभय द्वारा आयोजित महान् भिक्षुओं की संगोष्ठी में तैयार की गई थीं
उत्तर : कनिष्क के संरक्षण में आयोजित चतुर्थ बौद्ध संगीति में तैयार की गई थीं
व्याख्या :
कनिष्क के संरक्षण में आयोजित चतुर्थ बौद्ध संगीति एक महत्वपूर्ण धार्मिक सभा थी, जिसने बौद्ध धर्म के विभिन्न पहलुओं का संशोधन और प्राथमिकता देने का कार्य किया। इस संगीति में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का विस्तृत संग्रह किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सका कि बौद्ध उपदेश व्यवस्थित और संरक्षित रह सकें।
- प्रश्न 48 निम्नलिखित में किसमें बौद्ध संघ-जीवन के आचरण के नियमों का संग्रह है -
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- (अ) अभिधम्मपिटक
- (ब) आचारागसूत्र
- (स) दिव्यावदान
- (द) विनयपिटक
उत्तर : विनयपिटक
व्याख्या :
बौद्ध ग्रंथ जिसमें भिक्षुओं के लिए नियम शामिल हैं, विनय पिटक है। विनय पिटक बौद्ध विहित त्रिपिटक (तीन संग्रह) के तीन खंडों में सर्वाधिक प्राचीन और छोटा है और वह बौद्ध धर्म के नियमों के अनुसार मठवासी जीवन और भिक्षुओं और योगिनों के दैनिक कार्यों को नियंत्रित करता है।
- प्रश्न 49 निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार कीजिए-
कथन (A)- बुद्ध पुनर्जन्म के सिद्धान्त में विश्वास नहीं करते थे।
कारण (R) - बुद्ध ने नित्य आत्मा के अस्तित्व सम्बन्धी विचार को अस्वीकार कर दिया था। नीचे दिये गए कूटों से अपने उत्तर का चयन कीजिए-
कूट : -
- (अ) A तथा R दोनों सही हैं, तथा A की सही व्याख्या R है
- (ब) A और R दोनों सही हैं किन्तु A की सही व्याख्या R नहीं है
- (स) A सही है, किन्तु R गलत है।
- (द) A गलत है, किन्तु R सही है
उत्तर : A गलत है, किन्तु R सही है
व्याख्या :
गौतम बुद्ध ने बताया कि जन्म से लेकर मृत्यु तक संपूर्ण जीवन दुखमय है। मृत्यु भी दुख का अंत नहीं है, बल्कि नए दुख का आरंभ है, क्योंकि मृत्यु के बाद भी पुनर्जन्म होता है। उनका मानना था कि प्राणी की इच्छा अपूर्ण रहती है तो पुनर्जन्म लेना पड़ता है। बुद्ध ने स्थिर आत्मा के अस्तित्व को अस्वीकार कर दिया था।
- प्रश्न 50 ‘कैवल्य’ सम्बंधित है-
Hostel Superintendent Grade-II(SJED)-2024 -
- (अ) बुद्ध दर्शन से
- (ब) जैन दर्शन से
- (स) वैदिक दर्शन से
- (द) फ़ारसी दर्शन से
उत्तर : जैन दर्शन से
व्याख्या :
कैवल्य, मोक्ष प्राप्ति से संबंधित जैन धर्म की महत्त्वपूर्ण अवधारणा है।
- प्रश्न 51 गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम धर्मोपदेश कहाँ दिया था -
Clerk Grade-II/ Jr. Asst. 2024 Paper -Ist -
- (अ) गया
- (ब) कपिलवस्तु
- (स) बोधगया
- (द) सारनाथ
उत्तर : सारनाथ
व्याख्या :
गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम धर्मोपदेश सारनाथ में दिया था, जिसे “धर्मचक्र प्रवर्तन” कहा जाता है। यह उपदेश उनके ज्ञान प्राप्ति के बाद दिया गया था।
- प्रश्न 52 जैन के प्रथम तीर्थांकर कौन थे -
Clerk Grade-II/ Jr. Asst. 2024 Paper -Ist -
- (अ) पद्मप्रभा
- (ब) पार्श्वनाथ
- (स) ऋषभनाथ
- (द) महावीर स्वामी
उत्तर : ऋषभनाथ
व्याख्या :
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे। वे जैन धर्म में प्रमुख स्थान रखते हैं और उनके जीवन से कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं जुड़ी हैं।
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