सूफी एवं भक्ति आन्दोलन
- प्रश्न 47 अलवार संतों का एक मुख्य काव्य संकलन जिसे तमिल वेद के रूप में भी जाना जाता है -
REET-2022 Level 2 (सामाजिक अध्ययन) Shift-IV -
- (अ) तोंदराडिप्पोडि
- (ब) करइक्काल अम्मइयार
- (स) तवरम
- (द) नलयिरादिव्यप्रबंधम
उत्तर : नलयिरादिव्यप्रबंधम
- प्रश्न 48 किस सिख गुरु के द्वारा गुरुमुखी लिपि शुरू की गई -
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1 -
- (अ) गुरु अंगद देव
- (ब) गुरु अमर दास
- (स) गुरु हर राज
- (द) गुरु हर किशन
उत्तर : गुरु अंगद देव
- प्रश्न 49 निम्न में से कौन ‘अष्टछाप’ के संस्थापक थे -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) विठ्ठलनाथ
- (ब) कुम्भनदास
- (स) सूरदास
- (द) गोकुलनाथ
उत्तर : विठ्ठलनाथ
- प्रश्न 50 निम्न में से असत्य कथन कौन सा है -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) उलेमा वर्ग सूफी विरोधी था।
- (ब) सुहारवर्दी सिलसिले का आरंभ दिल्ली से हुआ।
- (स) खानकाहों ने शहरीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
- (द) नाथपंथी रहस्यवाद पर चिश्तियों से चर्चा करने खानकाहों में आते थे।
उत्तर : सुहारवर्दी सिलसिले का आरंभ दिल्ली से हुआ।
- प्रश्न 51 जयतीर्थ ने अपने गुरु की रचना ‘सूत्र भाष्य’ पर समीक्षा लिखी थी। निम्न में से वह गुरु संत कौन थे -
School Lecturer 2022 History (Group - C) -
- (अ) रामानुज
- (ब) माधव
- (स) निम्बार्क
- (द) वल्लभ
उत्तर : माधव
व्याख्या :
जयतीर्थ ने माधवाचार्य पर कई टिप्पणियाँ लिखीं और उन्हें टिकाचार्य के नाम से जाना जाने लगा।
- प्रश्न 52 महाराष्ट्र के निम्निलिखित सन्तों का सही कालानुक्रम नीचे दिए कूट से निर्दिष्ट कीजिए -
A. एकनाथ
B. रामदास
C. तुकाराम
D नामदेव
कूट : -
- (अ) A, B, C, D
- (ब) D, C, B, A
- (स) B, A, D, C
- (द) D, A, C, B
उत्तर : D, A, C, B
व्याख्या :
संत तुकाराम (1598-1650) को संतश्रेष्ठ, जगद्गुरु, तुकोबा और तुकोबराय के रूप में भी जाना जाता है। उनका जन्म अनाज व्यापारियों के एक ग्रामीण परिवार में हुआ था और एक त्रासदी ने उन्हें भक्ति के मार्ग पर खड़ा कर दिया।
संत नामदेव (1270-1350) वारकारी संप्रदाय से थे। यह अधिकांश अन्य संप्रदायों से कई मायनों में भिन्न है। इसके सदस्य गृहस्थ होते हैं।
संत एकनाथ (1533-1599) ने प्रेरणा और परंपरा को पुनर्जीवित किया। वह एक ब्राह्मण थे, जो प्रसिद्ध संतों के परिवार में पैदा हुए थे।
भक्ति आंदोलन के एक अन्य व्यक्तित्व रामदास (1608-81) थे। उन्होंने घर छोड़ दिया और लंबे समय तक आध्यात्मिक प्रशिक्षण के बाद, वे कृष्णा नदी के तट पर बस गए जहां उन्होंने भगवान राम का मंदिर बनाया।
- प्रश्न 53 निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है -
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- (अ) चैतन्य, वल्लभाचार्य के समकालीन थे
- (ब) दादूदयाल ने दिवंगत सन्तों की समाधिस्थलों पर पूजा करने की पद्धति का प्रारम्भ किया था
- (स) तुकाराम शिवाजी के समकालीन थे
- (द) वल्लभाचार्य द्वारा प्रायश्चित (Penance) आत्म- संताप (Self-mortification) एवं संसार त्याग (Renunciation of world) की प्रथाओं का अनुमोदन किया गया था
उत्तर : दादूदयाल ने दिवंगत सन्तों की समाधिस्थलों पर पूजा करने की पद्धति का प्रारम्भ किया था
व्याख्या :
महाप्रभु वल्लभाचार्य चैतन्य महाप्रभु के समकालीन थे। तुकाराम 17वीं सदी के हिंदू कवि और महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन के संत थे। उन्हें महाराष्ट्र में तुका, तुकोबाराया, तुकोबा के नाम से जाना जाता है। वे शिवाजी के समकालीन थे। प्रसिद्ध सन्त दादूदयाल का समय 1554 ई० से 1603 ई० तक माना गया है। वे मूर्तिपूजा, अवतारवाद, धर्म के बाहरी आडम्बरों और कब्रों की पूजा के विरोधी थे। उनका कहना था कि अल्लाह और राम में तथा हिन्दू व तुर्क में कोई अन्तर नहीं है।
- प्रश्न 54 निम्न में से किस सूफी संप्रदाय का प्रसार मुख्यत: सिन्ध, मुल्तान और पंजाब तक सीमित था -
RAS (Pre) Exam - 2023 -
- (अ) कादिरी
- (ब) नक्शबंदी
- (स) सुहरावर्दी
- (द) चिश्ती
उत्तर : सुहरावर्दी
व्याख्या :
सुहरावर्दी सिलसिले भारत में लगभग उसी समय आया जब चिस्तियों ने प्रवेश किया लेकिन इसकी गतिविधियाँ मुख्य रूप से पंजाब और मुल्तान तक ही सीमित थीं। यह सिसिला बगदाद में शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी द्वारा स्थापित किया गया था और भारत में बहाउद्दीन जकारिया द्वारा स्थापित किया गया था।
- प्रश्न 55 ननकाना साहिब किस संत का जन्म स्थान है -
Supervisor(Women) - 2024 -
- (अ) दादू दयाल
- (ब) रामानंद
- (स) नानक
- (द) कबीर
उत्तर : नानक
- प्रश्न 56 शेख ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह कहाँ स्थित है -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - K1) -
- (अ) अजमेर
- (ब) अजधन
- (स) आगरा
- (द) दिल्ली
उत्तर : दिल्ली
व्याख्या :
शेख ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह दिल्ली में स्थित है। ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी एक प्रसिद्ध सूफी संत और चिश्ती विद्वान थे।
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