राजस्थान में नृत्य
- प्रश्न 51 ख्याल, जो संत पीर शाहवली और तुकनगीर ने मेवाड़ क्षेत्र में रचा -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) ख्याल भारमली
- (ब) चांद नीलगिरी
- (स) तुर्रा कलंगी
- (द) मीरा मंगल
उत्तर : तुर्रा कलंगी
व्याख्या :
मेवाड़ की शाहली और तुकनगरी नाम के संत पीर ने 400 साल पहले तुर्रा कलंगी की रचना की थी। तुर्रा को ‘शिव’ का प्रतीक माना जाता है और कलंगी को ‘पार्वती’ का प्रतीक माना जाता है।
- प्रश्न 52 नृत्य, जो सरगड़ा और भील समुदाय के पुरूषों द्वारा विवाह के अवसर पर किया जाता है -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) अग्निनृत्य
- (ब) गींदड़नृत्य
- (स) बम नृत्य
- (द) ढोल नृत्य
उत्तर : ढोल नृत्य
- प्रश्न 53 निम्न में से कौनसा लोक नृत्य कामड़ जाति की महिलाओं द्वारा किया जाता है -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) चकरी नृत्य
- (ब) वालर नृत्य
- (स) तेहराताली नृत्य
- (द) गैर नृत्य
उत्तर : तेहराताली नृत्य
व्याख्या :
तेरहताली नृत्य(Terahtali Nritya) पाली व रामदेवरा (जैसलमेर) का प्रसिद्ध है। तेरहताली नृत्य का उद्गम पादरला गाँव (पाली) में हुआ। यह कामड़ जाति के द्वारा रामदेव जी की आराधना में आयोजित किया जाता है। यह नृत्य केवल महिलाओं द्वारा बैठकर किया जाता है।
- प्रश्न 54 निम्नलिखित में से राजस्थान के किस क्षेत्र से अलीबख्श ख्याल सम्बद्ध है -
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 1 -
- (अ) अलवर
- (ब) करौली
- (स) चित्तौड़
- (द) चिडावा
उत्तर : अलवर
- प्रश्न 55 गरासिया जनजाति का प्रमुख नृत्य कौनसा है -
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 2 -
- (अ) काबेलियाई नृत्य
- (ब) पनिहारी नृत्य
- (स) घुड़ला नृत्य
- (द) वालर नृत्य
उत्तर : वालर नृत्य
व्याख्या :
वालर नृत्य गणगौर के दिनों में महिला पुरुष द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इस नृत्य का प्रारम्भ पुरूष द्वारा हाथ में तलवार/छाता लेकर, वाद्ययंत्र के बिना, धीमी गति से किया जाता है।
- प्रश्न 56 शेखावटी के प्रसिद्ध नृत्य का नाम है -
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 2 -
- (अ) घूमर
- (ब) गींदड
- (स) तेरहताली
- (द) घेर
उत्तर : गींदड
- प्रश्न 57 संत पीर शाहअली और तुकनगीर ने 400 साल पहले मेवाड़ में किस ख्याल की रचना की -
Lab Assistant Exam 2018 -
- (अ) ख्याल भारमली
- (ब) चांद नीलगिरि
- (स) तुर्रा कलंगी ख्याल
- (द) मीरा मंगल
उत्तर : तुर्रा कलंगी ख्याल
व्याख्या :
दो पीर संतों शाहअली और तुकनगीर ने "तुर्रा - कलंगी" ख्यालों का प्रवर्तन किया। ये वस्तुतः एक नहीं अपितु मेवाड़ की ख्याल परंपरा के दो भाग है। कहा जाता है कि एक बार मध्यप्रदेश के चंदेरी गाँव के ठाकुर ने दंगलबाज संत तुकनगीर और फकीर शाहअली को न्यौता देकर दंगल कराया तथा तुकनगीर को तुर्रा व शाह अली को कलंगी का सम्मान दिया। तब से दो अखाड़े बने जो तुर्रा और कलंगी के नाम से प्रसिद्ध हुए। तुर्रा व कलंगी पगड़ी पर सजाए या बाँधे जाने वाले दो आभूषण हैं। तुकनगीर 'तुर्रा' के पक्षकार थे तथा शाह अली 'कलंगी' के। तुर्रा को शिव और कलंगी को पार्वती का प्रतीक माना जाता है। इन दोनों खिलाड़ियों ने 'तुर्रा - कलंगी' के माध्यम से शिव तथा शक्ति के विचारों को लोक जीवन तक पहुँचाया।
- प्रश्न 58 भीलों का प्रसिद्ध लोक नाट्य कौनसा है -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 2 -
- (अ) स्वांग
- (ब) रम्मत
- (स) तमाशा
- (द) गवरी
उत्तर : गवरी
- प्रश्न 59 निम्नलिखित में से कौनसा नृत्य भीलों द्वारा होली पर किया जाता है -
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 3 -
- (अ) वालर
- (ब) गैर
- (स) डाण्डिया
- (द) नेजा
उत्तर : गैर
- प्रश्न 60 नृत्य जो केवल पुरूषों द्वारा किया जाता है -
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 1 -
- (अ) घूमर
- (ब) तेरहताली
- (स) कच्छी घोड़ी
- (द) कत्थक
उत्तर : कच्छी घोड़ी
व्याख्या :
कच्छी घोड़ी नृत्य शेखावाटी, कुचामन, परबतसर, डीडवाना आदि क्षेत्रों में विवाह व व्यावसायिक मनोरंजन हेतु किया जाने वाला प्रसिद्ध लोगनृत्य है। इसमें नर्तक कागज की लुगदी अथवा बांस का नकली घोडा अपनी कमर पर बाँध कर दूल्हे का वेश बना हाथ में नकली तलवार लिए नकली लड़ाई का स्वांग करता है।
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