आमेर का कछवाहा वंश
- प्रश्न 51 “जैन्टलमेन एग्रीमेन्ट” का सम्बन्ध रहा है -
-
- (अ) जयपुर रियासत से
- (ब) जोधपुर रियासत से
- (स) मेवाड़ रियासत से
- (द) झालवाड रियासत से
उत्तर : जयपुर रियासत से
व्याख्या :
जयपुर के प्रधान मंत्री हीरालाल शास्त्री और मिर्जा स्माइल के बीच जेंटलमैन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत जयपुर प्रजामंडल भारत छोड़ो आंदोलन से दूर रहेगा।
- प्रश्न 52 कच्छावा राजवंश के अधोलिखित शासकों को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए :
(i) भगवन्तदास
(ii) मानसिंह-I
(iii) भावसिंह
(iv) जयसिंह-I
सही कूट चुनिए :
RPSC ACF FRO 2021 -
- (अ) (i), (ii), (iii) एवं (iv)
- (ब) (iii), (i), (ii) एवं (iv)
- (स) (i), (ii), (iv) एवं (iii)
- (द) (iii), (ii), (i) एवं (iv)
उत्तर : (i), (ii), (iii) एवं (iv)
व्याख्या :
भगवानदास / भगवन्त दास (1574-1589 ई.) > मानसिंह (1589-1614 ई.) > भावसिंह (1614 -21 ई.) > मिर्जाराजा जयसिंह (1621-1667 ई.)
- प्रश्न 53 मानसिंह को बिहार का सूबेदार किस वर्ष नियुक्त किया गया था -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) 1587 ई.
- (ब) 1588 ई.
- (स) 1589 ई.
- (द) 1585 ई.
उत्तर : 1587 ई.
व्याख्या :
काबुल से मानसिंह का स्थानान्तरण बिहार कर दिया गया, क्योंकि वहां स्थानीय जमींदारों के उपद्रव हो रहे थे और कई छोटे-छोटे राजा मुगल सत्ता की अवहेलना कर मनमानी करते थे। मानसिंह 1587 से 1594 ई. तक बिहार का सुबेदार था।
- प्रश्न 54 महाराजा मानसिंह की मृत्यु कहां हुई थी -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) बंगाल
- (ब) बिहार
- (स) उड़ीसा
- (द) महाराष्ट्र
उत्तर : महाराष्ट्र
व्याख्या :
मानसिंह का महत्त्व जहाँगीर के समय में उतना न रह सका। उसे वह कभी बंगाल और कभी दक्षिण भेजता रहता था। अन्त में 1614 ई. में उसकी इलीचपुर (महाराष्ट्र) में मृत्यु हो गयी। आमेर के कच्छवाहा शासकों में मानसिंह का स्थान महत्त्वपूर्ण है।
- प्रश्न 55 वह कौन सा शासक था जिसने तीन मुगल बादशाहों के काल में शासन किया -
-
- (अ) सवाई जयसिंह
- (ब) मिर्जा राजा जयसिंह
- (स) सवाई मानसिंह
- (द) सवाई प्रतापसिंह
उत्तर : मिर्जा राजा जयसिंह
व्याख्या :
भावसिंह के उपरान्त जयसिंह-प्रथम शासक बना। जयसिंह प्रथम ने तीन मुगल सम्राटों जहाँगीर (1605-1627 ई.), शाहजहाँ (1628-1658 ई.) और औरंगजेब (1658-1707 ई.) की सेवा की।
- प्रश्न 56 जयपुर के अल्बर्ट हाॅल का उद्घाटन किसके शासनकाल में हुआ था -
-
- (अ) महाराजा रामसिंह द्वितीय
- (ब) महाराजा माधोसिंह द्वितीय
- (स) सवाई मानसिंह द्वितीय
- (द) महाराजा जयसिंह तृतीय
उत्तर : महाराजा माधोसिंह द्वितीय
व्याख्या :
महाराजा माधोसिंह द्वितीय के शासनकाल में 1876 ई. में प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस अल्बर्ट ने जयपुर की यात्रा की। इनकी स्मृति में अल्बर्ट हॉल एवं रामनिवास बाग बनवाया।
- प्रश्न 57 निम्न में से किस महाराजा के दरबार में 22 कवि, 22 ज्योतिषी, 22 संगीतज्ञ एवं 22 विषय विशेषज्ञ के रूप में ‘गन्धर्व बाइसी’ विद्यमान थी -
Gram Sevak 2016 -
- (अ) महाराजा मानसिंह
- (ब) महाराजा जयसिंह
- (स) महाराजा भगवसिंह
- (द) महाराजा प्रताप
उत्तर : महाराजा प्रताप
व्याख्या :
सवाई प्रतापसिंह के दरबार में 22 कवि, 22 संगीतज्ञ, 22 नाटककार थे जिसे संयुक्त रूप से गंधर्व बाईसी कहते हैं।
- प्रश्न 58 आमेर के राजा भारमल ने अकबर की अधीनता कब स्वीकार की थी -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) 1560 ईस्वी
- (ब) 1562 ईस्वी
- (स) 1564 ईस्वी
- (द) 1566 ईस्वी
उत्तर : 1562 ईस्वी
व्याख्या :
1562 ई. में जब अकबर ने अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार के दर्शन के लिए प्रस्थान किया तो मार्ग में भारमल उसकी सेवा में उपस्थित हुआ। दूसरी मुलाकात चकताई खां के सहयोग से सांगानेर में हुयी। 20 जनवरी 1562 ई. को भारमल ने अकबर की अधीनता स्वीकार की।
- प्रश्न 59 सामूगढ़ के युद्ध में दारा की पराजय का समाचार मिलते ही किस राजपूत शासक ने औरंगजेब की अधीनता स्वीकार की -
Librarian Grade III 2018 -
- (अ) महाराणा राजसिंह
- (ब) महाराजा जसवंतसिंह
- (स) राव रतन राठौड़
- (द) मिर्जा राजा जयसिंह
उत्तर : मिर्जा राजा जयसिंह
व्याख्या :
सामूगढ़ के युद्ध में दाराशिकोह अपने भाई औरंगजेब से हार गया। औरंगजेब ने इस फतेह के बाद सामूगढ़ का नाम बदलकर फतेहाबाद रखा।
1659 ई. में दौराई (अजमेर) के युद्ध में जयसिंह ने दारा शिकोह के विरूद्ध औरंगजेब का साथ दिया था।
- प्रश्न 60 ‘हुरड़ा सम्मेलन’ का आयोजन निम्न में से किस वर्ष किया गया -
-
- (अ) 1732 ईस्वी
- (ब) 1733 ईस्वी
- (स) 1734 ईस्वी
- (द) 1735 ईस्वी
उत्तर : 1734 ईस्वी
व्याख्या :
सवाई जयसिंह ने राजस्थान में बढ़ती हुई मराठा शक्ति का प्रतिरोध करने के लिए मेवाड़ के जगतसिंह द्वितीय की अध्यक्षता में 17 जुलाई, 1734 ई. को हुरड़ा सम्मेलन का आयोजन भीलवाड़ा में करवाया, किन्तु राजपूत रियासतों को एकजुट करने का यह प्रयत्न विफल हो गया।
page no.(6/15)