मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 61 सन् 1437 में मेवाड़-मालवा युद्ध का तात्कालीन कारण क्या था -
ASSI. TESTING OFFICER 2021 -
- (अ) नागौर पर राजनीतिक नियंत्रण का मुद्दा
- (ब) मालवा का महपा पँवार को मेवाड को सौंपने से इंकार
- (स) मालवा का सिरोही के देवा राजपूतों को मेवाड़ के विरुद्ध समर्थन
- (द) मेवाड़ का मांडू दरबार के एक विद्रोही सामंत को आश्रय देने का प्रयास
उत्तर : मालवा का महपा पँवार को मेवाड को सौंपने से इंकार
व्याख्या :
सारंगपुर युद्ध / मालवा युद्ध 1437 ई. : महपा पँवार मेवाड़ से भागकर मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम की शरण में पहुँच गया। राणा कुंभा द्वारा महपा पँवार की मांग की गई थी, लेकिन महमूद खिलजी ने शरणार्थी को आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया। कुम्भा ने रणमल राठौड़ की सैनिक सहायता से 1437 ई० में ‘सारंगपुर के युद्ध’ (मध्य प्रदेश) में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम को पराजित कर बंदी बना लिया।
राणा कुम्भा ने सारंगपुर विजय के उपलक्ष में विजय स्तंभ बनवाया था।
- प्रश्न 62 1657 ई. के मुगल उत्त्राधिकारी संघर्ष में मेवाड़ के किस महाराणा से औरंगजेब ने सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया -
-
- (अ) करणसिंह
- (ब) जयसिंह
- (स) राजसिंह
- (द) जगतसिंह
उत्तर : राजसिंह
व्याख्या :
सितम्बर, 1657 ई. में जब शाहजहाँ के बीमार होने पर सम्राट के पुत्रों में राजसिंहासन प्राप्त करने के प्रयत्नों में तेजी आ गयी तो औरंगजेब ने महाराजा राजसिंह को पत्र लिखने आरम्भ किये जिनके द्वारा उसने उसको दक्षिण में अपनी सैनिक सहायता भेजने की अभ्यर्थना की।
- प्रश्न 63 निम्न युद्धों को कालक्रमानुसार नीचे दिए कूट का प्रयोग करते हुए सुमेलित कीजिए –
सूची – I (युद्ध)
(1) तराइन का प्रथम युद्ध
(2) सारंगपुर का युद्ध
(3) खातोली का युद्ध
(4) सुमेल का युद्ध
सूची – II (वर्ष)
(a) 1544
(b) 1517
(c) 1437
(d) 1191
कूट –
Librarian Grade III 2022 (Paper 1) -
- (अ) 1-(b), 2-(c), 3-(d), 4-(a)
- (ब) 1-(d), 2-(c), 3-(b), 4-(a)
- (स) 1-(a), 2-(d), 3-(b), 4-(c)
- (द) 1-(a), 2-(b), 3-(c), 4-(d)
उत्तर : 1-(d), 2-(c), 3-(b), 4-(a)
व्याख्या :
तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) : पृथ्वीराज एवं मुहम्मद गौरी
सारंगपुर युद्ध / मालवा युद्ध (1437 ई.) : महमूद खिलजी प्रथम एवं राणा कुंभा
खातोली का युद्ध (1517 ई.) : महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी
गिरी सुमेल के युद्ध (1544 ई.) : शेरशाह सूरी एवं मालदेव
- प्रश्न 64 पन्ना धाय ने अपने ही बेटे के जीवन का बलिदान देकर किस राजकुमार की जान बचाई -
Librarian Grade III 2022 (Paper 1) -
- (अ) जोधा सिंह
- (ब) पृथ्वी सिंह
- (स) उदय सिंह
- (द) अजीत सिंह
उत्तर : उदय सिंह
व्याख्या :
विक्रमादित्य की हत्या कर राणा रायमल के पुत्र पृथ्वीराज का अनौरस पुत्र बनवीर शासक बन बैठा। वह उदयसिंह की हत्या करना चाहता था लेकिन उसकी धाय मां पन्ना ने उदयसिंह की जगह अपने बेटे चन्दन का बलिदान दिया, जो स्वामी भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है।
- प्रश्न 65 सन् 1576 के युद्ध के बाद अकबर ने उदयपुर का प्रशासन किसे सौंपा -
Superintendent Gar. 2021 (GK) -
- (अ) आमेर के जगन्नाथ कच्छावा को
- (ब) बीकानेर के रायसिंह को
- (स) आमेर के मानसिंह को
- (द) मिर्जा इस्माईल बेग को
उत्तर : आमेर के जगन्नाथ कच्छावा को
व्याख्या :
अकबर ने उदयपुर का प्रशासन आमेर के जगन्नाथ कच्छावा को सौंपा।
- प्रश्न 66 जैन विद्वान जो महाराणा कुंभा के दरबार में थे -
Superintendent Gar. 2021 (GK) -
- (अ) मुनि सुंदर सूरी
- (ब) मुनि जिनविजय सूरी
- (स) मुनि उद्योतन सूरी
- (द) हेमचंद्र
उत्तर : मुनि सुंदर सूरी
व्याख्या :
राणा कुंभा के दरबार में टीला भट्ट, मुनि सुंदर सूरी, नाथ विद्वान थे।
- प्रश्न 67 हल्दीघाटी के युद्ध के बाद महाराणा प्रताप ने अपनी राजधानी कहाँ स्थापित की -
RSMSSB House Keeper 2022 -
- (अ) गोगुन्दा
- (ब) कोल्यारी
- (स) चावण्ड
- (द) जावर
उत्तर : चावण्ड
व्याख्या :
सन् 1585 के बाद अकबर ने मेवाड़ पर कोई आक्रमण नहीं किया। राणा ने पहले गोगुन्दा फिर कुंभलगढ़ को तत्पश्चात् चावण्ड का अपनी आपातकालीन नई राजधानी बनाया। महाराणा प्रताप ने 1585 ई. में चावंड के शासक लूणा को परास्त कर चावंड को अपनी राजधानी बनाया। यह नगर अमरिसिंह के काल में 1614 ई. तक मेवाड़ मेवाड़ राज्य की राजधानी रहा।
- प्रश्न 68 दिवेर की लड़ाई ____ के बीच लड़ी गई।
RSMSSB LSA 2022 -
- (अ) अमर सिंह I और जहांगीर
- (ब) जयसिंह और औरंगजेब
- (स) राणा प्रताप और अकबर
- (द) उदय सिंह द्वितीय और अकबर
उत्तर : राणा प्रताप और अकबर
व्याख्या :
दिवेर का युद्ध/मेवाड़ का माराथन (अक्टूबर, 1582) : ‘अमरकाव्य’ के अनुसार 1582 ई. में राणा प्रताप ने मुगलों के विरुद्ध दिवेर (कुंभलगढ़) पर जबरदस्त आक्रमण किया। यहाँ का सूबेदार अकबर का काका सेरिमा सुल्तान खां था।
- प्रश्न 69 निम्नलिखित में से कौन सिसोदिया वंश के पूर्वज बने थे -
RSMSSB LSA 2022 -
- (अ) राणा उदयसिंह 1
- (ब) राणा प्रताप
- (स) राणा कुंभा
- (द) राणा हम्मीर
उत्तर : राणा हम्मीर
व्याख्या :
रतनसिंह के चित्तौड़ के घेरे के समय काम आने से समूची रावल शाखा की भी समाप्ति हो गयी। गौरीशंकर हिराचंद औझा के अनुसार मालदेव सोनगरा चौहान के पुत्र जयसिंह/जैसा चौहान को पराजित कर सीसोदा शाखा के राणा अरिसिंह के पुत्र राणा हमीर ने चित्तौड़गढ़ पर अधिकार कर लिया।
- प्रश्न 70 महाराणा प्रताप के किस सौतेले भाई को अकबर ने जहाजपुर की जागीर प्रदान की थी -
JEN 2022: Elec. Mech. Degree (GK) -
- (अ) उदय सिंह
- (ब) शक्ति सिंह
- (स) जगमाल सिंह
- (द) माधो सिंह
उत्तर : जगमाल सिंह
व्याख्या :
प्रताप कुछ समय के बाद कुम्भलगढ़ चला गया जहां राज्याभिषेक का उत्सव मनाया गया। इस पर जगमाल अप्रसन्न होकर अकबर के पास पहुँचा, जिसने उसे पहले जहाजपुर और सिरोही की आधी जागीर दे दी। सिरोही में ही 1583 ई. में दताणी के युद्ध में उसकी मृत्यु हो गयी।
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