चौहान वंश
- प्रश्न 61 1300 ई. में रणथम्भौर पर आक्रमण के दौरान अलाउद्दीन खिलजी का कौनसा सेनानायक मारा गया था -
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- (अ) उलुघ खां
- (ब) आईनुल मुल्क मुल्तानी
- (स) जफर खां
- (द) नुसरत खां
उत्तर : नुसरत खां
व्याख्या :
अलाउद्दीन ने 1301 में रणथंभौर पर हमला करने के लिए उलूघ खाँ और नुसरत खाँ को कमान सौंपी। घेराबंदी के दौरान नुसरत खाँ के मारे जाने के बाद अलाउद्दीन ने व्यक्तिगत रूप से घेराबंदी अभियानों की देखरेख की।
- प्रश्न 62 कदम्बवास या केम्बवास किस राजा के समय उनके मुख्यमंत्री थे -
Raj Police Constable(6742) -
- (अ) मालदेव
- (ब) जयमल
- (स) कुमारपाल
- (द) पृथ्वीराज तृतीय
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
अपने पिता का असमय देहावसान हो जाने के कारण मात्र 11 वर्ष की अल्पायु में पृथ्वीराज तृतीय अजमेर की गद्दी के स्वामी बने। उस समय कदम्बदास (कैमास) उनका सुयोग्य प्रधानमंत्री था।
- प्रश्न 63 किस रणथंभौर शासक ने दिल्ली सल्तनत के जलालुद्दीन खिलजी को परास्त किया था, लेकिन अंततः 1301 में उन्हें अलाउद्दीन खिलजी से पराजित होना पड़ा -
Raj Police Constable Exam (8 Nov 2020 S-1) -
- (अ) गुगा
- (ब) हम्मीर देव चौहान
- (स) सपालदक्ष
- (द) राजा जयंत
उत्तर : हम्मीर देव चौहान
व्याख्या :
हम्मीर देव चौहान ने दिल्ली सल्तनत के शासक जलालुद्दीन खिलजी को हराया लेकिन, अंततः 1301 में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा उन्हें पराजित किया गया।
- प्रश्न 64 पृथ्वीराज चौहान का दरबारी कवि कौन था -
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- (अ) बाणाभट्ट
- (ब) रामानुज
- (स) चंद बरदाई
- (द) हरिहर
उत्तर : चंद बरदाई
व्याख्या :
पृथ्वीराजरासो का लेखक चंदबरदाई भी पृथ्वीराज चौहान का आश्रित कवि था। चंदबरदाई ने पृथ्वीराज रासो की रचना की, रासो का पिछला भाग चंदबरदाई के पुत्र जल्हण ने पूर्ण किया। पृथ्वीराज रासो की भाषा पिंगल है।
- प्रश्न 65 सुल्तान मुहम्मद गोरी को वर्ष 1191 में किसने पराजित किया, लेकिन वर्ष 1192 में वह उससे हार गया -
Raj Police Constable Exam (7 Nov 2020 S-1) -
- (अ) पृथ्वीराज तृतीय
- (ब) राजराज प्रथम
- (स) राजेंद्र प्रथम
- (द) रामनराजा द्वितीय
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
चौहान शासक पृथ्वीराज III (1168- 1192) थे, जिन्होंने 1191 में सुल्तान मुहम्मद गोरी नामक एक अफगान शासक को हराया था, लेकिन अगले ही वर्ष 1192 में उससे हार गए।
- प्रश्न 66 कोटा राज्य का संस्थापक शासक निम्न में से कौन था -
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- (अ) राव मुकन्द सिंह
- (ब) राव माधो सिंह
- (स) राव रतन सिंह
- (द) जालिम सिंह
उत्तर : राव माधो सिंह
व्याख्या :
कोटा प्रारंभ में बूँदी रियासत का ही एक भाग था। यहाँ हाड़ा चौहानों का शासन था। शाहजहाँ के समय 1631 ई. में बूँदी नरेश राव रतनसिंह के पुत्र माधोसिंह को कोटा का पृथक राज्य देकर उसे बूँदी से स्वतंत्र कर दिया। तभी से कोटा स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
- प्रश्न 67 इनमें से किस वर्ष में तराइन का प्रथम युद्ध लड़ा गया था -
Raj Police Constable Exam (6 Nov 2020 S-2) -
- (अ) 1001 में
- (ब) 1191 में
- (स) 1192 में
- (द) 1206 में
उत्तर : 1191 में
व्याख्या :
तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) मुहम्मद गौर और पृथ्वीराज चौहान के मध्य लड़ा गया।
- प्रश्न 68 आनासागर झील का निर्माण किनके द्वारा कराया गया -
Raj Police Constable Exam (6 Nov 2020 S-1) -
- (अ) आनाजी चौहान
- (ब) पृथ्वी राज चौहान
- (स) शाहजहाँ
- (द) जहांगीर
उत्तर : आनाजी चौहान
व्याख्या :
अर्णोराज (आनाजी चौहान) ने तुर्क आक्रमणकारियों को खदेड़ा और मालवा के नरवर्मन को पराजित किया। अजमेर में आनासागर झील का निर्माण करवाया।
- प्रश्न 69 कान्हड़देव कहां का शासक था -
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- (अ) मेवाड़
- (ब) रणथम्भौर
- (स) जालौर
- (द) सांभर
उत्तर : जालौर
व्याख्या :
कान्हड़ देव चौहान जालौर का शासक था। सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए। वीर कान्हड़देव सोनगरा और उसके पुत्र वीरमदेव युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 70 अलाउद्दीन के राजस्थान पर आक्रमणों का सही कालानुक्रम है -
1. जालौर आक्रमण
2. चित्तौड़ आक्रमण
3. रणथम्भौर आक्रमण
कूट:
Rajasthan Patwar 2021 (24 Oct 2021 ) 2nd shift -
- (अ) 3,2,1
- (ब) 2,3,1
- (स) 1,2,3
- (द) 3,1,2
उत्तर : 3,2,1
व्याख्या :
1301 ई. में हुए अंतिम युद्ध में हम्मीर चौहान की पराजय हुई और दुर्ग में पत्नि रंगदेवी ने जल जोहर किया तथा सभी राजपूत योद्धा मारे गये। 11 जुलाई, 1301 को दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी का कब्जा हो गया।
26 अगस्त, 1303 ई. को सोमवार के दिन 6 महीने व 7 दिन की लड़ाई के बाद रावल रतनसिंह वीरगति को प्राप्त हुए और अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ दुर्ग फतह कर कत्लेआम का हुक्म दिया।
सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए।
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