आमेर का कछवाहा वंश
- प्रश्न 71 कछवाह राजवंश की प्रथम राजधानी कहां थी -
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- (अ) दौसा
- (ब) जमवारामगढ़
- (स) आम्बेर
- (द) जयपुर
उत्तर : दौसा
व्याख्या :
दौसा में चौहान और बड़गुर्जरों का शासन था। लेकिन आपसी शत्रुता बढ़ने पर चौहानों ने अपने जवाई दुल्हाराय को आमंत्रित किया। दुल्हाराय ने बड़गुर्जरों को पराजित कर दिया। रालपसी ने दौसा का क्षेत्र दुल्हाराय को दे दिया। दुल्हाराय ने अपने पिता सोढ़ा देव को दौसा का शासक बनाया। दौसा के पश्चात दुल्हाराय ने मीणाओं को पराजीत कर मांची/मांझी पर अधिकार स्थापित कर उसे अपनी दूसरी राजधानी बनाया।
- प्रश्न 72 राजा जयसिंह को ‘मिर्जा’ की उपाधि किसने दी थी -
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- (अ) अकबर
- (ब) जहांगीर
- (स) शाहजहां
- (द) औरंगजेब
उत्तर : शाहजहां
व्याख्या :
शाहजहाँ के काल में सम्राट ने जयसिंह को 4000 का मनसबदार बनाकर सम्मानित किया और इसे महावन के जाटों को दबाने के लिए भेजा। 1630 ई. में उसके पद में भी वृद्धि की गयी। सम्राट शाहजहाँ राजा के इन साहसी कार्यों से बहुत प्रभावित हुआ और उसके मनसब को 5000 कर दिया। जयसिंह को शुजा के साथ कन्धार भेजा गया। शाहजहाँ ने 1638 ई. में उसे मिर्जा राजा की पदवी से विभूषित किया।
- प्रश्न 73 किस सन् में अकबर ने मानसिंह को 7000 जात व 6000 सवार का मनसब प्रदान किया -
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- (अ) 1599
- (ब) 1601
- (स) 1603
- (द) 1605
उत्तर : 1605
व्याख्या :
बंगाल में भू-राजस्व के बंदोबस्त से प्रसन्न होकर सम्राट ने अपने राज्याभिषेक के 50वें वर्ष (11 मार्च, 1605) पर उसे 7000 जात और 6000 सवार का मनसब दिया।
- प्रश्न 74 जयपुर के किस कछवाहा शासक ने 1818 में ईस्ट इंडिया कम्पनी से संधि की -
Junior Instructor(copa) -
- (अ) सवाई प्रतापसिंह
- (ब) पृथ्वीराज
- (स) महाराजा जगतसिंह II
- (द) महाराजा विष्णुसिंह
उत्तर : महाराजा जगतसिंह II
व्याख्या :
1818 ई. में मराठों एवं पिंडारियों से राज्य की रक्षा करने हेतु जगतसिंह द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी से संधि कर राज्य की सुरक्षा का भार कम्पनी पर डाल दिया।
- प्रश्न 75 जयपुर के किस शासक ने लगातार तीन मुगल सम्राटों - जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब की सेवा की -
Junior Instructor(electrician) -
- (अ) मान सिंह
- (ब) राम सिंह
- (स) मिर्जा राजा जय सिंह
- (द) सवाई जय सिंह
उत्तर : मिर्जा राजा जय सिंह
व्याख्या :
भावसिंह के उपरान्त जयसिंह-प्रथम शासक बना। जयसिंह प्रथम ने तीन मुगल सम्राटों जहाँगीर (1605-1627 ई.), शाहजहाँ (1628-1658 ई.) और औरंगजेब (1658-1707 ई.) की सेवा की।
- प्रश्न 76 उस समुच्चय को चुनीये जिसमें सभी स्थनों में सवाई जयसिंह II द्वारा निर्मित वेद्यशालाएं हैं -
JSA Biology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, इलाहाबाद और मथुरा
- (ब) जयपुर, आगरा, दिल्ली, मथुरा और उज्जैन
- (स) जयपुर, बनारस, उज्जैन, मथुरा, दिल्ली
- (द) जयपुर, दिल्ली, अजमेर, बनारस, मथुरा
उत्तर : जयपुर, बनारस, उज्जैन, मथुरा, दिल्ली
व्याख्या :
सवाई जयसिंह ने जयपुर, दिल्ली, मथुरा, उज्जैन, और बनारस में पाँच वैद्यशालाएँ स्थापित की।
- प्रश्न 77 अकबर द्वारा मानसिंह को निम्नलिखित में कौनसे मुगल प्रान्तों का सुबेदार(राज्यपाल) नियुक्त किया गया था -
1. काबुल 2. बिहार 3. बंगाल 4. गुजरात
JSA Biology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) 1, 2, 3
- (ब) 1, 3, 4
- (स) 2, 3
- (द) 1, 3
उत्तर : 1, 2, 3
व्याख्या :
मानसिंह बंगाल, बिहार और काबुल का शासक नियुक्त हुआ था।
- प्रश्न 78 वह अन्तिम हिन्दु शासक जिसने जयपुर में अश्वमेध यज्ञ कराया -
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- (अ) मिर्जा राजा जयसिंह
- (ब) सवाई जयसिंह
- (स) सवाई प्रतापसिंह
- (द) राजा मानसिंह
उत्तर : सवाई जयसिंह
व्याख्या :
सवाई जयसिंह ने हुरड़ा सम्मेलन (1734 ई.) के एक माह बाद ही प्रथम अश्वमेध यज्ञ किया था। यज्ञ अगस्त, 1734 ई. को संपूर्ण हो गया। 1742 ई. में दूसरा अश्वमेध अधिक बड़े पैमाने पर किया गया। यज्ञ की चिर-स्मृति के लिए एक पहाड़ी पर यूप स्तम्भ की भी प्रतिष्ठा करवायी गयी। सम्पूर्ण यज्ञ की प्रधानता पुण्डरीक रत्नाकर ने की थी। सवाई जयसिंह अन्तिम हिन्दू नरेश था जिसने भारतीय परम्परा के अनुकूल अश्वमेध यज्ञ किया।
- प्रश्न 79 1733ई. में ‘जीज मुहम्मदशाही’ पुस्तक जो नक्षत्रों सम्बन्धी ज्ञान से सम्बन्धित है, के लेखक हैं -
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- (अ) जसवन्त सिंह
- (ब) सवाई जयसिंह
- (स) महाराणा अमरसिंह
- (द) महाराजा गंगासिंह
उत्तर : सवाई जयसिंह
व्याख्या :
सवाई जयसिंह ने 1725ई. में नक्षत्रों की शुद्ध सारणी बनवायी और उसका नाम तत्कालीन मुगल सम्राट मुहम्मदशाह के नाम से ‘जीज मुहम्मद शाही’ रखा। यह 1733 में प्रकाशित हुई। जयसिंह ने ‘जयसिंह कारिका’ नामक ज्योतिष ग्रन्थ की रचना भी की।
- प्रश्न 80 दौराई का युद्ध किसके मध्य हुआ था -
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- (अ) अकबर और हेमूं
- (ब) बाबर और राणा सांगा
- (स) शेरशाह और हुमायू
- (द) औरंगजेब और दारा शिकोह
उत्तर : औरंगजेब और दारा शिकोह
व्याख्या :
14 मार्च 1659 को औरंगजेब व दारा शिकोह के मध्य दौराई (अजमेर के निकट) का युद्ध लड़ा गया जिसमें औरंगजेब विजयी हुआ।
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