राठौड़ वंश
- प्रश्न 71 ‘चैम्बर आॅफ प्रिंसेज’ का प्रथम चांसलर कौन था -
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- (अ) महाराजा भीमसिंह
- (ब) करणी सिंह
- (स) गजसिंह
- (द) गंगासिंह
उत्तर : गंगासिंह
व्याख्या :
मॉन्टेग्यू चेम्सफॉर्ड सुधारों को सही रूप में लागू करने के लिए जॉर्ज पंचम ने अपने चाचा ड्यूक ऑफ कनोट को 1921 में भारत भेजा इसने दिल्ली के ‘दरबार आम’ में दरबार लगाया, यहाँ नरेन्द्र मण्डल की स्थापना की जिसका चांसलर गंगासिंह को बनाया गया।
- प्रश्न 72 मारवाड़ के चन्द्रसेन ने मुगलों से संघर्ष के लिए किस स्थान पर सेना को संगठित किया -
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- (अ) भाद्राजूण
- (ब) लोहावट
- (स) काणूजा
- (द) खरातल
उत्तर : भाद्राजूण
व्याख्या :
लगभग 1564 ई. में चन्द्रसेन का सौतेला भाई राम अकबर के दरबार में पहुँचा और शाही सहायता की प्रार्थना की। अकबर अवसर की ताक में था ही। उसने शीघ्र ही हुसैन कुलीखाँ की अध्यक्षता में एक फौज भेज दी जिसने जोधपुर पर अपना कब्जा कर लिया। विवश होकर चन्द्रसेन भाद्राजूण के किले की तरफ चल दिया। चन्द्रसेन ने मुगलों से संघर्ष के लिए भाद्राजूण में सेना को संगठित किया।
- प्रश्न 73 जोधपुर के किस शासक को अकबर ने ‘सवाई राजा’ की उपाधि प्रदान की थी -
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- (अ) मोटा राजा उदयसिंह
- (ब) महाराजा गजसिंह
- (स) राव सूरसिंह
- (द) जसवंतसिंह-1
उत्तर : राव सूरसिंह
व्याख्या :
1604 ई. में अकबर ने राव सूरसिंह को ‘सवाई राजा’ की उपाधि से सम्मानित किया।
- प्रश्न 74 निम्नांकित साहित्यकारों को उनके शासकों से सुमेलित कीजिए एवं नीचे दिये गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए -
कूट - अ, ब, स, दसाहित्यकार शासक अ . मुहणोत नैणसी 1. मालदेव ब. महात्मा नरसेन 2. रायसिंह स. अत्रि 3. जसवन्त सिंह द. मुनि जैत 4. राणा कुंभा -
- (अ) 4, 3, 1, 2
- (ब) 2, 4, 3, 1
- (स) 3, 1, 4, 2
- (द) 1, 2, 3, 4
उत्तर : 3, 1, 4, 2
व्याख्या :
मुंहणौत नैणसी महाराजा जसवंतसिंह प्रथम के दरबारी एवं चारण थे।
राणा कुंभा के दरबारी एवं कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति के रचयिता कवि अत्रि थे।
महात्मा नरसेनए मालदेव के दरबारी थे।
रायसिंह की प्रशस्ति राजस्थान में बीकानेर के जूनागढ़ दुर्ग के दरवाजे पर लिखी है। इसके रचयिता जैन मुनि जइता या जैता थे जो क्षेमरत्न के शिष्य थे।
- प्रश्न 75 किस राजपूत राजा की मृत्यु बुरहानपुर में हुई -
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- (अ) अजीत सिंह
- (ब) कर्ण सिंह
- (स) राय सिंह
- (द) जसवन्त सिंह
उत्तर : राय सिंह
व्याख्या :
रायसिंह ने अपनी उपाधि ‘महाराजाधिराज व महाराजा’ रखी। अकबर ने रायसिंह ‘राय’ उपाधि व 4000 मनसब दी। जहांगीर ने रायसिंह की नियुक्ति दक्षिण में कर दी, 1612 ई. में बुरहानपुर में मृत्यु हुई। रायसिंह ‘मुगल साम्राज्य का स्तम्भ’ माना जाता है।
- प्रश्न 76 महाराजा तख्त सिंह (मारवाड़) के राज्यभिषेक के उत्सव में कौनसा पोलिटिकल एजेन्ट सम्मिलित हुआ -
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- (अ) लुडलो
- (ब) आक्टरलोनी
- (स) अल्वेस
- (द) राॅस
उत्तर : लुडलो
व्याख्या :
तख्तसिंह के राज्याभिषेक में पाल्टिकल एजेंट लुडलो आया था। 1857 की क्रांति के समय मारवाड़ का शासक तख्तसिंह ही था।
- प्रश्न 77 राजस्थान में ‘मोटा राजा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था -
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- (अ) मारवाड का सूरसिंह
- (ब) मारवाड़ का उदयसिंह
- (स) मारवाड़ का जसवंतसिंह
- (द) मारवाड़ का गजसिंह
उत्तर : मारवाड़ का उदयसिंह
व्याख्या :
राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा। तीन वर्ष बाद अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार खिलअत और खिताब सहित 1583 ई. में दे दिया। इस प्रकार मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ का प्रथम शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और मुगल राज्य की कृपा प्राप्त की थी।
- प्रश्न 78 राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का राज्य पुन: दिलाने में किस का योगदान सर्वाधिक रहा -
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- (अ) वीर दुर्गादास राठौड़
- (ब) जैंता व कूंपा
- (स) पन्नाधाय
- (द) जयमल व पत्ता
उत्तर : वीर दुर्गादास राठौड़
व्याख्या :
वीर दुर्गादास राठौर ने राजकुमार के बचपन से जोधपुर राज्य प्राप्त करने तक अजित सिंह का समर्थन किया।
- प्रश्न 79 जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण किसने करवाया -
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- (अ) महाराजा उम्मेदसिंह
- (ब) राजा रामसिंह
- (स) राव जोधा
- (द) राजा नरसिंह
उत्तर : राव जोधा
व्याख्या :
नैणसी, बांकीदास, दयालदास के अनुसार अपने राज्य की शक्ति संगठित करने के लिए राव जोधा ने अपने वृहत् राज्य की नयी राजधानी जोधपुर (सूर्य नगरी व नीली नगरी) में 1459 ई. में स्थापित की। राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर नया दुर्ग भी बनवाया गया जिसे मेहरानगढ़ कहा गया।
- प्रश्न 80 अकबर ने अपनी 1570 ई. की नागोर यात्रा के पश्चात जोधपुर दुर्ग किसको सौंपा -
Agriculture Officer - 2 0 1 1 -
- (अ) मारवाड़ के उदयसिंह
- (ब) बीकानेर के रायसिंह
- (स) जोधपुर के चन्द्रसेन
- (द) बुन्दी के राव सुर्जन
उत्तर : बीकानेर के रायसिंह
व्याख्या :
मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति ‘नागौर दरबार’ के बाद स्पष्ट थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का अधिकारी नियुक्त कर महाराणा कीका को मारवाड़ से सहायता मिलने या इस मार्ग से गुजरात में हानि पहुँचाने की सम्भावना समाप्त कर दी।
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