अंतरिक्ष अनुसंधान
- प्रश्न 79 ____ नासा व इसरो के मध्य दोहरी आवृत्ति संश्लिष्ट द्वारक राडार उपग्रह प्रक्षेपण करने के लिए एक संयुक्त परियोजना है -
CET 2022 (12th Level) 11 February 2023 Shift-2 -
- (अ) जीसेट-12
- (ब) जीसेट-11
- (स) आरआइएसएटी – 1 ए
- (द) निसार
उत्तर : निसार
- प्रश्न 80 निम्नलिखित में से कौन सा सुदुर संवेदन में प्रयुक्त होने वाले सक्रिय संवेदक का उदाहरण है -
Jr. Acctt/TRA Re-Exam 2013 (Paper-1) -
- (अ) रेडार
- (ब) उपग्रह-फोटोग्राफी
- (स) रेडियोमीटर
- (द) आवेश-युग्मित युक्ति
उत्तर : रेडार
- प्रश्न 81 संचार उपग्रह के लिए सामान्यतः उपयोग में ली जाने वाली कक्षा होती है -
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- (अ) ध्रुवीय कक्षा
- (ब) सौर तुल्यकालिक कक्षा
- (स) भू-तुल्यकालिक कक्षा
- (द) इनमें से कोई भी
उत्तर : भू-तुल्यकालिक कक्षा
व्याख्या :
भू-तुल्यकालिक कक्षा (Geosynchronous Orbit) एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा है जो पृथ्वी के चारों ओर 35,786 किमी. -36000 किमी. की ऊँचाई पर स्थित होती है। इस कक्षा में, एक उपग्रह पृथ्वी के समान ही 24 घंटे में परिक्रमा करता है। भू-तुल्यकालिक उपग्रहों को उसी दिशा में कक्षा में प्रक्षेपित किया जाता है जिस दिशा में पृथ्वी घूम रही है। GEO का उपयोग उन उपग्रहों द्वारा किया जाता है, जिन्हें दूरसंचार उपग्रहों जैसे पृथ्वी पर एक विशेष स्थान से लगातार ऊपर रहने की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न 82 चन्द्रमा की सतह पर जिस जगह विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान उतरे थे, उस स्थान को क्या कहा जायेगा -
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- (अ) शिव शक्ति बिन्दु
- (ब) भारत बिन्दु
- (स) तिरंगा बिन्दु
- (द) भीष्म बिन्दु
उत्तर : शिव शक्ति बिन्दु
व्याख्या :
चन्द्रमा की सतह पर जिस जगह विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान उतरे थे, उस का नाम शिव शक्ति बिन्दु रखा जायेगा। जिस जगह पर चन्द्रयान-2 का लैंडर क्रैश हुआ था उसे तिरंगा बिन्दु के नाम से जाना जायेगा।
- प्रश्न 83 चंद्रयान 3 के चाँद पर सफल लेंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को किस दिवस के रूप में बनाने की घोषणा की है -
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- (अ) राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
- (ब) राष्ट्रीय अंतरिक्षयान दिवस
- (स) राष्ट्रीय चंद्र दिवस
- (द) राष्ट्रीय प्रज्ञान दिवस
उत्तर : राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
व्याख्या :
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस दिन इसरो के चन्द्रयान मिशन ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट उतरकर इतिहास रचा था।
- प्रश्न 84 चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण में किस प्रक्षेपण यान का उपयोग किया गया -
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- (अ) जीएसएलवी
- (ब) एएसएलवी
- (स) पीएसएलसी
- (द) एसएलवी
उत्तर : जीएसएलवी
व्याख्या :
चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र , श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था। चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लॉन्चर GSLV-Mk3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) है। चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा चंद्र मिशन है। चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर उतर कर इतिहास रच दिया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है। चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर उसमें से निकला। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। लैंडर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस है, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है।
- प्रश्न 85 निम्नलिखित में से कोनसा एक आदित्य L1 मिशन से सम्बंधित सही कथन नहीं है -
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- (अ) आदित्य-एल1 को PSLV-C57 रॉकेट से प्रक्षेपित किया।
- (ब) आदित्य- L1 इसरो का पहला खगोल विज्ञान वेधशाला-श्रेणी मिशन है।
- (स) अंतरिक्ष यान को सूर्य पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेजियन बिंदु 1 (एल) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है।
- (द) अंतरिक्ष यान पर कुल सात पेलोड स्थापित किए गए है
उत्तर : आदित्य- L1 इसरो का पहला खगोल विज्ञान वेधशाला-श्रेणी मिशन है।
व्याख्या :
हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने और मिशन आदित्य-एल1 को PSLV-C57 रॉकेट से प्रक्षेपित किया। आदित्य-एल1 1.5 मिलियन किलोमीटर की पर्याप्त दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन है। L1 बिंदु तक पहुंचने में इसे लगभग 125 दिन लगेगे । एस्ट्रोसैट (2015) के बाद आदित्य- एला इसरो का दूसरा खगोल विज्ञान वेधशाला श्रेणी मिशन भी है।
- प्रश्न 86 पृथ्वी का अपनी अक्ष के प्रति घूर्णन होता है :
Supervisor (women empowerment) Exam 2018 -
- (अ) उत्तर से दक्षिण
- (ब) दक्षिण से उत्तर
- (स) पूर्व से पश्चिम
- (द) पश्चिम से पूर्व
उत्तर : पश्चिम से पूर्व
- प्रश्न 87 भारत की “रॉकेट वूमैन” किसे कहा जाता है?
Junior Accountant & Tehsil Revenue Accountant Exam 2023 (Paper 1) -
- (अ) रितु कारीधाल
- (ब) जानकी अम्मा
- (स) कल्पना चावला
- (द) अदिती पंत
उत्तर : रितु कारीधाल
- प्रश्न 88 चंद्रयान मिशन जैसे भारी पेलोड के लिए किस प्रक्षेपण यान का उपयोग किया जाता है -
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- (अ) जीएसएलवी एमके3
- (ब) जीएसएलवी एमके2
- (स) एलवीएम3
- (द) जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वाहन
उत्तर : एलवीएम3
व्याख्या :
इसरो का शक्तिशाली एलवीएम3, तीन चरणों वाला विशालकाय, 4,000 किलोग्राम तक के पेलोड को दूर की कक्षाओं में ले जा सकता है, जिससे यह भारी उपग्रह प्रक्षेपण के लिए गेम-चेंजर बन जाता है। जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके III (एलवीएम3), जिसे जीएसएलवी-एमके III के नाम से भी जाना जाता है।
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